
चंडीगढ़, 23 फरवरी 2025 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया है कि हरियाणा विधानसभा के नए भवन के लिए चंडीगढ़ प्रशासन से 640 करोड़ रुपये में 10 एकड़ जमीन खरीदने की भाजपा सरकार की योजना से हरियाणा का चंडीगढ़ पर दावा कमजोर पड़ जाएगा।
विद्रोही ने कहा कि यदि हरियाणा का चंडीगढ़ पर वैधानिक अधिकार होता, तो केंद्र सरकार को बिना किसी शुल्क के नई विधानसभा के लिए जमीन उपलब्ध करानी चाहिए थी। लेकिन भारी कीमत चुकाकर भूमि खरीदने की सरकार की योजना से यह स्पष्ट हो जाएगा कि हरियाणा का चंडीगढ़ पर कोई हक नहीं है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का यह निर्णय भविष्य में हरियाणा के हितों को नुकसान पहुंचा सकता है, खासकर पंजाब के साथ चल रहे विवादों में, जिनमें रावी-ब्यास नदी के पानी का बंटवारा, हिन्दी भाषी क्षेत्र और चंडीगढ़ का स्वामित्व प्रमुख मुद्दे हैं।
झूठा निकला पंचकूला की जमीन के बदले समझौते का दावा
विद्रोही ने भाजपा सरकार पर प्रदेश को गुमराह करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पहले सरकार ने दावा किया था कि पंचकूला की 12 एकड़ भूमि के बदले चंडीगढ़ प्रशासन हरियाणा को 10 एकड़ जमीन देगा, और इसके लिए केंद्र सरकार के निर्देश पर अधिसूचना (नोटिफिकेशन) भी जारी की गई थी। लेकिन यह दावा झूठा और आधारहीन निकला।
अब सरकार अपनी छवि बचाने के लिए 640 करोड़ रुपये में चंडीगढ़ प्रशासन से जमीन खरीदने की योजना बना रही है। विद्रोही ने चेतावनी दी कि यदि सरकार यह कदम उठाती है, तो इससे हरियाणा का चंडीगढ़ पर दावा कमजोर होगा, और भविष्य में इस फैसले का राजनीतिक व आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा।