जितनी मेहरबानी भाजपा सरकार राम रहीम के प्रति बरतती आ रही है, क्या वैसी ही मेहरबानी हरियाणा के किसी अन्य कैदी के साथ भी बरती जा रही है? विद्रोही दो साध्वीयों के साथ ब्लात्कार दोष में आजीवन जेल सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम को बार-बार फरलो व पैरोल देना क्या महिलाओं का सम्मान है या अपमान? विद्रोही 29 जनवरी 2025 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने ब्लात्कार व हत्या के आरोपों में तीन-तीन आजीवन सजा काट रहे सच्चा सौदा डेरे के गुरमीम राम रहीम को दिल्ली विधानसभा व हरियाणा नगर निकायों के चुनावों से ठीक पूर्व 30 दिन की 12वीं बार पैरोल देने की कठोर आलोचना करते हुए इसे भाजपा की औच्छी व गंदी वोट बैंक की ऐसी राजनीति बताया जिसकी जितनी निंदा की जाये, वह कम है। विद्रोही ने सवाल किया कि हर बार चुनाव के समय ही गुरमीत राम रहीम को पैरोल या फरलो क्यों दी जाती है? वहीं जितनी मेहरबानी भाजपा सरकार राम रहीम के प्रति बरतती आ रही है, क्या वैसी ही मेहरबानी हरियाणा के किसी अन्य कैदी के साथ भी बरती जा रही है? वहीं महत्वपूर्ण सवाल यह भी है कि विगत 3 साल 3 माह में गरमीत राम रहीम को 12 बार लगभग 300 दिनों की पैरोल व फरलो दी गई है। क्या हरियाणा सहित पूरे देश में किसी भी कैदी को 3 साल के दौरान 300 दिनों के आसपास पैरोल या फरलो मिली हो तो हरियाणा भाजपा सरकार व हरियाणा जेल प्रशासन प्रदेश को अवगत कराये। विद्रोही ने सवाल किया कि क्या गुरमीत राम रहीम कानून, नियमों, संविधान से ऊपर है जो उन पर ऐसी मेहरबानी भाजपा सरकार दिखाती है? दो साध्वीयों के साथ ब्लात्कार दोष में आजीवन जेल सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम को बार-बार फरलो व पैरोल देना क्या महिलाओं का सम्मान है या अपमान? जब सरकार ब्लात्कारियों के प्रति ऐसा दोस्ताना व्यवहार अपनायेगी तो क्या महिलाओं कीे अस्मिता पर हमले बढ़ेंगे या घटेंगे? वहीं सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि राम रहीम को मिलने वाली पैरोल व फरलो का चुनावी कनैक्शन क्यों है? विद्रोही ने बताया कि फरवरी 2022 में राम रहीम को पंजाब विधानसभा चुनाव के समय 21 दिन की पैरोल दी गई। जून 2022 में हीे हरियाणा निकाय चुनाव के समय फिर 20 दिन की पैरोल दी गई। अक्टूबर 2022 में आदमपुर विधानसभा उपचुनाव के समय 40 दिन कीे पैरोल दी गई। जुलाई 2023 में राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान 29 दिन की पैरोल दी गई। फरवरी 2024 में लोकसभा चुनाव में फिर 50 दिन की पैरोल दी गई। सितम्बर-अक्टूबर 2024 में हरियाणा विधानसभा चुनाव दौरान राम रहीम को 21 दिन की पैरोल मिली और अब दिल्ली विधानसभा व हरियाणा निकाय चुनाव दौरान जनवरी 2025 में 30 दिन की पैरोल दी गई। विद्रोही ने कहा कि पैरोल व फरलो का समय व चुनावी कनैक्शन बताता है कि मोदी-भाजपा का चुनाव जीतने के लिए ब्लात्कारियों व अपराधियों से नापाक गठजोड़ ही नही है अपितु इस नापाक गठलोड का सार्वजनिक प्रदर्शन करने में भी उन्हे शर्म नही आती है। चुनाव में सच्चा सौदा डेरा समर्थकों की वोट हडपने मोदी-भाजपा का इस कदर गिरना भारत के लोकतंत्र व संविधान के लिए बहुत ही शर्मनाक स्थिति है। Post navigation फरीदाबाद में सरस मेले का हुआ भव्य शुभारंभ………. प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ भाजपा सरकार के कुप्रबंधन व भेदभावपूर्ण आचरण के कारण हुई : विद्रोही