सरकारी नौकरियों, पिछडे वर्गो के क्रीमीलेयर, फसलों का एमएसपी पर मुख्यमंत्री ने जो दावे प्रैसवार्ता में किये है, वे सभी पुराने व झूठ के पुलिंदे है : विद्रोही सत्ता अहंकार में मुख्यमंत्री इस प्रैसवार्ता में क्या तो कांग्रेस को कोसते रहे या प्रधानमंत्री मोदी या खुद का महिमामंडन करके अपने मुंह मियां मिठ्ठू बनते रहे : विद्रोही 28 जनवरी 2025 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की बहुप्रचारित कथित 100 दिन की उपलब्धियों पर हुई प्रैसवार्ता के संदर्भ में यही कहा जा सकता है कि खोदा पहाड और निकली चूहिया वह भी मरी हुई। विद्रोही ने कहा कि पिछले एक पखवाड़े से भाजपा सरकार मीडिया में प्रचारित कर रही थी कि तीसरी बार बनी भाजपा सरकार के 100 दिन पूरे होने पर मुख्यमंत्री अपनी उपलब्धियां प्रदेश की जनता को बतायेंगे। लेकिन मुख्यमंत्री ने प्रैसवार्ता में कोई नई उपलब्धि बताने की बजाय हरियाणा भाजपा सरकार व केन्द्र की भाजपा सरकार का विगत दस सालों का काम गिनाकर उपलब्धियों के नाम पर प्रदेश को ठगा। जो कथित उपलब्धियां मुख्यमंत्री ने गिनवाई, उनका बखान तो मुख्यमंत्री व भाजपा नेता चुनावों के दौरान पहले ही खूब कर चुके है। विगत 100 दिनों में नायब सरकार ने ऐसा कुछ नही किया जो वे उपलब्धि के नाम पर जनता को बता सके। इसलिए पुरानी बातों को ही दोहराकर जनता को ठगा गया है। सरकारी नौकरियों, पिछडे वर्गो के क्रीमीलेयर, फसलों का एमएसपी पर मुख्यमंत्री ने जो दावे प्रैसवार्ता में किये है, वे सभी पुराने व झूठ के पुलिंदे है। डायलिसिस करने की बात तो कही गई, लेकिन मुख्यमंत्री ने यह नही बताया कि जिलास्तर पर कितने सरकारी अस्तपतालों में डायलिसिस की सुविधा है। मुख्यमंत्री ने 24 फसलों के नाम तो गिना दिये, लेकिन यह नही बताया कि इसी सीजन की खरीफ की 14 फसलों में से धान, बाजरा व कपास को छोडकर अन्य कौनसी फसल कितनी और किन किसानों से कहां खरीदी। तीन गुणा तीव्र गति से विकास का जुमला उछालने वाले मुख्यमंत्री एक भी विकास योजना का नाम नही बता सके जो विगत 100 दिनों में हुई हो। विद्रोही ने कहा कि इस प्रैसवार्ता को देखकर साफ दिख रहा है कि चुनावों में किये गए भाजपा के सभी 240 वादे भविष्य में जुमले निकलने वाले है और जनता को केवल जुमलेबाजी से ठगा जायेगा। सत्ता अहंकार में मुख्यमंत्री इस प्रैसवार्ता में क्या तो कांग्रेस को कोसते रहे या प्रधानमंत्री मोदी या खुद का महिमामंडन करके अपने मुंह मियां मिठ्ठू बनते रहे क्योंकि उपलब्धियों के नाम पर उनके पास बताने को कुछ नही था। Post navigation 7 से 23 फरवरी तक होगा सूरजकुंड में शिल्पकारों का महाकुंभ – पर्यटन मंत्री डा. अरविन्द शर्मा नागरिकों की उम्मीदों को प्रमुख केंद्र होता है केंद्रीय बजट : योगेश चंद्र मुंजाल