प्रिंट मीडिया को 1 फरवरी 2025 को पेश होने वाले बजट में पैकेज का बेसब्री से इंतजार साहित्यकार, लेखक, विचारक राष्ट्र की बौद्धिक निधि होते हैं – विचारों को पाठकों तक पहुंचाने में प्रिंट मीडिया का बहुमूल्य योगदान वित्तमंत्री ने प्रिंट मीडिया को भारतीय समाचार पत्र दिवस का तोहफा 1 फरवरी 2025 को बजट में किसी पैकेज के रूप में देना समय की मांग – एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया – भारत का इतिहास प्राचीन हस्तलिखित और प्रिंट साहित्य से गहरे रूप से जुड़ा हुआ है। भारतीय साहित्य, जिसमें रामायण, भगवद गीता और अन्य महत्वपूर्ण ग्रंथ शामिल हैं, हमारे राष्ट्र की सभ्यता, संस्कृति और संस्कार का प्रतीक हैं। डिजिटल युग ने इन ग्रंथों को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, परंतु वर्तमान में प्रिंट मीडिया के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। आधुनिक समय में, जहां डिजिटल क्रांति ने साहित्य को नए रूप में संरक्षित किया है, वहीं प्रिंट मीडिया वित्तीय संकटों से जूझ रहा है। भारतीय समाचार पत्र दिवस 29 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा, और 1 फरवरी 2025 को प्रस्तुत होने वाले बजट में प्रिंट मीडिया के लिए एक राहत पैकेज की सख्त आवश्यकता है। यह लेख एक अपील है, जो वित्त मंत्री से निवेदन करता है कि प्रिंट मीडिया को संजीवनी देने के लिए बजट में आवश्यक पैकेज घोषित किया जाए। भारतीय समाचार पत्र दिवस: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भारत में समाचार पत्रों का इतिहास 1780 में ब्रिटिश साम्राज्य के दौरान शुरू हुआ, जब जेम्स ऑगस्टस हिक्की ने “बंगाल गजट” का प्रकाशन किया। इसने ब्रिटिश शासन की आलोचना की और भारतीय पत्रकारिता को एक नई दिशा दी। हिक्की का बंगाल गजट भारत में पत्रकारिता के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। इसे 29 जनवरी को भारतीय समाचार पत्र दिवस के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई, ताकि लोग समाचार पत्रों को अधिक से अधिक पढ़ें और पत्रकारिता के महत्व को समझें। *प्रिंट मीडिया का संकट आज के डिजिटल युग में प्रिंट मीडिया की स्थिति नाजुक बनी हुई है। कोविड-19 महामारी के दौरान, पत्रकारों और प्रिंट मीडिया संस्थानों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा। कई समाचार पत्र बंद हो गए हैं और कुछ अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। प्रिंट मीडिया में विज्ञापनों की कमी, कर्मचारियों का वेतन, कार्यालय का किराया और अन्य खर्चों ने इसे अधिक कठिन बना दिया है। साथ ही, सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफार्मों ने विज्ञापन आय में भारी गिरावट का कारण बना है। बजट 2025 में प्रिंट मीडिया के लिए राहत की आवश्यकता भारत सरकार द्वारा 1 फरवरी 2025 को प्रस्तुत होने वाले बजट में प्रिंट मीडिया के लिए वित्तीय राहत पैकेज की घोषणा आवश्यक है। महामारी के बाद, प्रिंट मीडिया की स्थिति और भी खराब हो गई है, और यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में अपनी भूमिका को निभाने में असमर्थ हो रहा है। यह सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह प्रिंट मीडिया को आर्थिक सहायता प्रदान करे, ताकि यह संकट से उबर सके। प्रिंट मीडिया का महत्व प्रिंट मीडिया समाज में विचारों, समाचारों और महत्वपूर्ण जानकारी का प्रसार करने में अहम भूमिका निभाता है। यह राष्ट्र के बौद्धिक विकास में सहायक है और साहित्यकारों, लेखकों और विचारकों के विचारों को जनता तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण माध्यम है। जैसे उपराष्ट्रपति ने अपने एक कार्यक्रम में कहा था, “साहित्यकार, लेखक और विचारक राष्ट्र की बौद्धिक निधि होते हैं” और प्रिंट मीडिया इसे जीवंत बनाए रखने का कार्य करता है। निष्कर्ष: प्रिंट मीडिया की रक्षा में एक कड़ी जरूर आज, प्रिंट मीडिया की स्थिति अत्यंत गंभीर है और इसे बचाने के लिए सरकार को जल्दी ही एक मजबूत कदम उठाना होगा। प्रिंट मीडिया को राहत देने के लिए बजट 2025 में एक पैकेज की घोषणा लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को बचाने में मदद कर सकती है। यह न केवल पत्रकारिता के महत्व को सुनिश्चित करेगा, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और बौद्धिक धरोहर की रक्षा भी करेगा। -संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र Post navigation 76वें गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर दिखी समृद्ध हरियाणा की तस्वीर