चंडीगढ़, 24 जनवरी-हरियाणा के मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी ने आज यहां अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन 2.0 (अमृत 2.0) के सफल क्रियान्वयन के लिए चौथी राज्य उच्चाधिकार प्राप्त संचालन समिति (एस.एच.पी.एस.सी.) बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान बताया गया कि अमृत 2.0 की राज्य जल कार्य योजना (एस.डब्ल्यू.ए.पी.-I) के तहत 1727.36 करोड़ रुपये लागत की 57 परियोजनाए मंजूर की गई हैं, जिसमें राज्य के 50 शहरों में जलापूर्ति की 48 और सीवरेज की 9 परियोजनाएं शामिल हैं। इनमें से 53 परियोजनाओं पर काम शुरू हो चुका है और शेष के लिए निविदा प्रक्रिया चल रही है। मुख्य सचिव ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे किसी भी परियोजना को क्रियान्वित करने से पहले स्थानीय समुदायों को शामिल करें और उनसे परामर्श लें ताकि सरकार द्वारा किए गए खर्च का पूरा लाभ प्रदेश के लोगों को मिल सके। उन्होंने कहा कि पहले से क्रियान्वित परियोजनाओं की उपयोगिता सम्बन्धी फीडबैक लेने के लिए भी एक मैकेनिज्म विकसित किया जाए। इसके लिए संबंधित उपायुक्तों और नगर निकायों को भी शामिल किया जा सकता है। बैठक में बताया गया कि प्रथम चरण में हरियाणा के 24 कस्बों में स्कूलों में सूचना और जागरूकता अभियान तथा जल संरक्षण एवं प्रबंधन पर युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए प्रति कस्बा 1,17,000 रुपये की राशि खर्च की जा रही है। साथ ही, अमृत मित्र ‘महिला स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी’ अभियान के तहत, बेहतर जल प्रबंधन के लिए हरियाणा के 13 कस्बों में जल गुणवत्ता जांच के लिए नमूना संग्रह, रिसाव का पता लगाना, अस्वच्छ कनेक्शन की पहचान जैसी गतिविधियों के लिए 13 परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। साथ ही, प्रदेश के 32 कस्बों के लिए 41 नई परियोजनाएं भी स्वयं सहायता समूहों को आवंटित की जाएंगी। राज्य उच्चाधिकार प्राप्त संचालन समिति ने अमृत 2.0 के स्वैप-II के तहत 6,713.13 करोड़ रुपये लागत की कुल 66 परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिसमें 6,715.55 करोड़ रुपये लागत की 58 जलापूर्ति एवं सीवरेज परियोजनाएं तथा 15.58 करोड़ रुपये की लागत वाली शहरी क्षेत्रों में उपचारित अपशिष्ट जल के पुनः उपयोग की 8 परियोजनाएं शामिल हैं। संचालन समिति द्वारा हरियाणा के 11 शहरों के लिए राज्य कार्य योजना (एस.ए.पी.) के तहत 50,000-99,999 तक की आबादी वाले श्रेणी-II शहरों के जी.आई.एस. आधारित मास्टर प्लान तैयार करने के लिए राज्य कार्य योजना को भी मंजूरी दी गई। यह उप-योजना अमृत जी.आई.एस. उप-योजना के अनुरूप होगी और इसमें तीन प्रमुख घटक शामिल होंगे यानी जियो-डेटाबेस निर्माण, जी.आई.एस. आधारित मास्टर प्लान तैयार करना और क्षमता निर्माण। बैठक में वित्त एवं योजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, नगर और ग्राम आयोजना तथा शहरी संपदा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अपूर्व कुमार सिंह, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के आयुक्त एवं सचिव मोहम्मद शाइन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। Post navigation निगमायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने मासिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश ग्रेटर गुरुग्राम नाम से पटौदी को जिला बनने पर इंद्रजीत का समर्थन