दूसरे पीठासीन अधिकारी भी चली गई हैं 2 माह के अवकाश पर

श्रमिक हैं परेशान, मिलने लगी है तारीख पर तारीख

गुडग़ांव, 7 जनवरी (अशोक): जिले के श्रम न्यायालय में पिछलेे 8 माह से पीठासीन अधिकारी का पद रिक्त चला आ रहा है। श्रम न्यायालय में पीठासीन अधिकारी के 2 पद हैं। अब दूसरी पीठासीन अधिकारी भी 2 माह के अवकाश पर चली गई हैं। जिसके बाद दोनों न्यायालयों का कार्य प्रभावित हो रहा है। श्रमिकों को जहां न्याय मिलने की उम्मीद थी,  वहीं उन्हें अब तारीख पर तारीख दी जाने लगी हैं। दोनों न्यायालयों में श्रमिकों के मामले बड़ी संख्या में लंबित हैं। श्रमिकों को न्याय दिलाने में जुटेे अधिवक्ताओं राजेेंद्रा पाठक, बृजेश मिश्रा, अनिल पंवार आदि का कहना है कि उक्त दोनों न्यायालयों में श्रमिकों के मामलों की सुनवाई चल रही है। वे हर दिन न्याय की उम्मीद में यहां आते हैं, लेकिन न्याय की जगह उन्हें निराशा हाथ लगती है। श्रमिक न्यायालय रामभरोसे ही हैं।

उनका कहना है कि ऐसा इसलिए कि दोनों न्यायालयों का कार्यभार पिछलेे 8 माह से एक ही पीठासीन अधिकारी संभाल रहे थे। उनके अपने न्यायालय में इतने केस थे कि उन पर सुनवाई काफी लंबित हो रही थी। बहुत से केस ऐसे हैं जिनमें फैसला होना निश्चित था। लेकिन अब दूसरे न्यायालय की  पीठासीन अधिकारी 2 माह के अवकाश पर चली गई हैं। ऐेसे में श्रमिकों को न्याय मिलने की उम्मीद धूमिल होती नजर आ रही है। अधिवक्ताओं का कहना है कि श्रमिक संगठन इस बारे में प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर श्रमायुक्त व प्रदेश सरकार को भी कई बार पत्र लिखकर आग्रह कर चुके हैं कि पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति की जाए, लेकिन आज तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

अधिवक्ताओं ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि शीघ्र ही दोनों श्रम न्यायालयों में पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति की जाए, ताकि श्रमिकों के मामलों का निपटारा हो सके। 

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