वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र : संस्कृत भारती दिल्ली प्रान्त के द्वारा आयोजित प्रबोधन वर्ग के तीसरे दिन बौद्धिक सत्र में प्रान्तमन्त्री डॉ. देवकी नन्दन शर्मा उपस्थित रहे । डॉ. शर्मा ने बताया कि बच्चों को बाल केन्द्र के द्वारा खेल खेल में संस्कृत के संस्कार देने का कार्य संघटन के द्वारा किया जा रहा है। महाविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए सम्भाषण शिबिरों का आयोजन किया जाता है। जो व्यक्ति अपने कार्यक्षेत्र में व्यस्तता के कारण समय नहीं निकाल सकते उन्हें दूरस्थ माध्यम से संस्कृत सिखाने के लिए संघटन पत्राचार संस्कृतम् का उपक्रम संचालित करता है।

भगवद्गीता के द्वारा संस्कृत शिक्षण , बालवाड़ी से आरम्भ करके सप्तमी कक्षा तक की पुस्तकों का सम्पादन, सरला आदि परीक्षाओं के रूप में अनेक कार्यक्रमों को समायोजित किया जाता है। बच्चे से बूढ़े तक करोड़ों लोगों को संस्कृतभारती संघटन संस्कृत सम्भाषण का अभ्यास करा चुका है। डॉ. शर्मा के ओजस्वी वचनों को सुनकर प्रत्येक शिक्षार्थी ने संस्कृत के प्रचार प्रसार के लिए दृढ़ संकल्प लिया। ध्यान रहे कि इस शिबिर में 75 शिक्षार्थी दिन-रात संस्कृत भाषा के माध्यम से ही अपना नित्य व्यवहार कर रहे हैं।

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