खनौरी बॉर्डर पर 34 दिन से आमरण अनशन किए हुए जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिलकर उनके स्वास्थ्य का हाल-चाल जाना।

किसानों को दिल्ली जाकर अपने हकों की आवाज बुलंद करने से रोकना सरकार की तानाशाही!

नरवाना, 30 दिसंबर 2024 – गर्मी,सर्दी, ओलावृष्टि और विपरीत परिस्थितियों में बावजूद लगभग 11 महीनों से खनौरी और शंभू बॉर्डर पर किसानों ने मोर्चा लगाया हुआ है। रविवार को हरियाणा कांग्रेस के विधायक आदित्य सुरजेवाला ने खनौरी बॉर्डर का दौरा किया, जहां उन्होंने संघर्षरत किसानों के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात की। विधायक आदित्य सुरजेवाला ने डल्लेवाल की तबीयत को लेकर अपनी चिंता जाहिर की और सरकार से अपील की कि वह उनकी बातों को गंभीरता से सुने। 34 दिनों से आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत चिंताजनक है। सरकार तत्काल किसानों से किया अपने वायदे को पूरा करके उनका अनशन खत्म करवाए।

सुरजेवाला ने कहा कि बड़े दुर्भाग्य की बात हैं देश का पेट भरने वाला अन्नदाता आज खुद के हकों के लिए भूखा बैठा हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर सुप्रीम कोर्ट और संसद की समिति ने सिफारिशें की हैं, लेकिन केंद्र सरकार अब तक इस पर गंभीर कदम उठाने में असमर्थ नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि यह केवल किसान नेताओं की नहीं, बल्कि पूरे किसान समुदाय की समस्या है। उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार को न तो किसानों की चिंता है और न ही उनकी मांगों को उठाने वाले नेताओं की। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह न केवल डल्लेवाल जैसे नेताओं की बात सुने, बल्कि किसानों की समस्याओं का जल्द समाधान निकाले।

विधायक आदित्य सुरजेवाला ने कहा कि अब तक किसानों का पूरा आंदोलन शांतिपूर्ण रहा है। सरकार की बात मानते हुए किसान बिना ट्रैक्टर ट्रॉली के दिल्ली जाने को भी राजी हो गए हैं। फिर भी किसानों को दिल्ली जाने से रोकना पूरी तरह अलोकतांत्रिक कदम है। प्रजातंत्र में सभी नागरिकों को शांतिपूर्ण तरीके से कहीं भी आने-जाने या अपनी बात कहने का अधिकार है। किसानों की मांग पूरी तरह जायज और कई साल पुरानी है। खुद भाजपा ने एमएसपी का वादा करके किसान आंदोलन को खत्म करवाया था। किसानों को दिए गए आश्वासन के मुताबिक अब तक एमएसपी कमेटी का कोई अता-पता नही है। अब किसान सरकार को वही वादा याद दिला रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शुरू से ही किसानों को स्वामीनाथन फार्मूले के तहत एमएसपी देने की पक्षधर रही है। भाजपा ने स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करके किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद वादे को भूल गई और किसानों की आय बढ़ाने की जगह लागत को कई गुना बढ़ा दिया।

उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से हरियाणा के कई जिलों में बरसात और ओलावृष्टि ने किसानों की फसलों को तबाह कर दिया है। उन्होंने हरियाणा सरकार से तुरंत गिरदावरी करके किसानों को उचित मुआवजा देने का आग्रह किया।किसानों की मेहनत के बिना देश का विकास संभव नहीं है। सरकार को एमएसपी पर ठोस नीति बनानी चाहिए। केंद्र सरकार को संवेदनहीन रवैया छोड़कर तत्काल किसानों से बात कर उनकी मांग पूरी करनी चाहिए।

आज उनके साथ वरिष्ठ नेता बृजेंद्र सुरजेवाला जी,हरियाणा कृषक समाज अध्यक्ष ईश्वर नैन, सतबीर दबलैन, कैलाश सिंगला, सरपंच एसोसिएशन पूर्व प्रधान देवेंद्र सिंह मंटा, मनोज नचार, मनजीत बब्बर, मा. अमरीक सिंह, हरबंस विर्क, सुरेंद्र कान्हाखेड़ा, छन्ना राम सैनी, जय भगवान अमरगढ़, युवा कांग्रेस हलका प्रधान अभिषेक कान्हाखेड़ा, एनएसयूआई प्रधान सुखदेव उझाना, निखिल गर्ग, सचिन कौशिक, संजय अम्बरसर, बबलू भगत सहित अनेक साथी मौजूद रहे।

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