हरियाणा मंत्रिमंडल ने मृतक न्यायिक सेवा सदस्यों के आश्रितों को अनुकंपा सहायता प्रदान करने के लिए हरियाणा सुपीरियर न्यायिक सेवा नियम, 2007 और पंजाब सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) नियम, 1951 में संशोधन को मंजूरी दी

चंडीगढ़, 28 दिसंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा सुपीरियर न्यायिक सेवा नियम, 2007 और पंजाब सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) नियम, 1951 में संशोधन को मंजूरी दी गई, जो हरियाणा राज्य के लिए लागू है। ये संशोधन हरियाणा सुपीरियर न्यायिक सेवा और हरियाणा सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) के मृतक सदस्यों के आश्रितों को अनुकंपा वित्तीय सहायता या नियुक्ति के प्रावधान से संबंधित हैं।

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के अनुरोध में, मंत्रिमंडल ने हरियाणा सुपीरियर न्यायिक सेवा नियम, 2007 में नियम 24 के पश्चात नियम 24ए को सम्मिलित करने तथा पंजाब सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) नियम, 1951 में भाग ई के पश्चात भाग ईई को जोड़ने को मंजूरी दी, जैसा कि हरियाणा पर लागू है।

नए सम्मिलित नियम 24ए के तहत, हरियाणा सुपीरियर न्यायिक सेवा के मृतक सदस्यों के आश्रितों को अनुकंपा वित्तीय सहायता या नियुक्ति, समय-समय पर संशोधित हरियाणा सिविल सेवा (अनुकंपा वित्तीय सहायता या नियुक्ति) नियम, 2019 के अनुसार प्रदान की जाएगी।

इसी प्रकार, नए सम्मिलित भाग ईई के अनुसार, हरियाणा सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) के मृतक सदस्यों के आश्रितों को अनुकंपा वित्तीय सहायता या नियुक्ति भी समय-समय पर संशोधित हरियाणा सिविल सेवा (अनुकंपा वित्तीय सहायता या नियुक्ति) नियम, 2019 द्वारा शासित होगी।

इन नियमों को हरियाणा सुपीरियर न्यायिक सेवा (संशोधन) नियम, 2024 और पंजाब सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) हरियाणा संशोधन नियम, 2024 कहा जाएगा तथा ये समय-समय पर संशोधित होकर 1 अगस्त, 2019 से प्रभावी होंगे।

हरियाणा मंत्रिमंडल ने संविदा कर्मचारी (सेवा की सुरक्षा) अधिनियम, 2024 में संशोधन करने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दी

चंडीगढ़, 28 दिसंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आज यहां हुई बैठक में हरियाणा संविदा कर्मचारी (सेवा की सुरक्षा) अधिनियम, 2024 में और संशोधन करने के लिए अध्यादेश लाने के निर्णय को मंजूरी दी गई।

इस संशोधन के तहत, “एक कैलेंडर वर्ष में” वाक्यांश को “अनुबंधित सेवा की एक वर्ष की अवधि के दौरान” से बदल दिया जाएगा। यह संशोधन संविदा कर्मचारियों द्वारा उनके सेवा दिवसों की गणना के संबंध में उठाए गए अनुरोध को देखते हुए  किया जा रहा है।

वर्तमान में, कर्मचारियों ने अनुरोध किया था कि 240-दिवसीय सेवा आवश्यकता की गणना कैलेंडर वर्ष के बजाय एक वर्ष की संविदा सेवा अवधि के दौरान वास्तविक दिनों की संख्या के आधार पर की जाए। वर्तमान प्रणाली ने मई और दिसंबर के बीच शामिल होने वाले कर्मचारियों के लिए चुनौतियां पेश कीं, क्योंकि उनके रोजगार के पहले वर्ष के सेवा दिवसों की पूरी तरह से गणना नहीं की जा रही थी। उदाहरण के लिए, जिन कर्मचारियों की ज्वाइनिंग की तिथि मई के बाद और दिसंबर से पहले पड़ती है, वे अपनी सेवा के पहले कैलेंडर वर्ष के लिए 240 दिन की सेवा की आवश्यकता को पूरा नहीं कर पाएंगे, जिससे उनकी नौकरी की सुरक्षा प्रभावित होगी।

इसके अलावा, वर्ष 2024 के लिए, कर्मचारियों ने चिंता जताई कि 15 अगस्त, 2024 की कट-ऑफ-डेट तक दिनों की संख्या केवल 227 है, जो आवश्यक 240 दिनों से कम है।

इन वास्तविक अनुरोधों के जवाब में, हरियाणा मंत्रिमंडल ने एक वर्ष की संविदा सेवा की अवधि के दौरान 240 दिनों की सेवा पर विचार करने के लिए संशोधन को मंजूरी दे दी है, जिससे इन मुद्दों का समाधान हो जाएगा।  अब संशोधन से संविदा कर्मचारियों के लिए नौकरी सुरक्षा बेहतर ढंग से सुनिश्चित होगी।

हरियाणा संविदा कर्मचारी (सेवा की सुरक्षा) अधिनियम, 2024 के तहत, नौकरी की सुरक्षा का लाभ उन संविदा कर्मचारियों को मिलेगा जो 15 अगस्त 2024 से पहले 5 साल की संविदा सेवा पूरी कर लेंगे।

मंत्रिमंडल ने मातृभाषा सत्याग्रहियों की पेंशन में बढ़ौतरी को किया मंजूर

अब सत्याग्रहियों को मिलेगी 20 हजार रुपये प्रति माह पेंशन  

चंडीगढ़, 28 दिसंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में हिंदी आंदोलन-1957 के मातृभाषा सत्याग्रहियों के लिए पेंशन योजना में एक महत्वपूर्ण संशोधन को मंजूरी दी गई है। मातृभाषा सत्याग्रहियों की पेंशन बढ़ाने का भारतीय जनता पार्टी अपने संकल्प पत्र में भी वादा किया था जिसे आज मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई।

संशोधित योजना के अनुसार, लाभार्थियों के लिए पेंशन राशि तुरंत प्रभाव से 15,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दी है। पेंशन राशि में वृद्धि के बावजूद, योजना की पात्रता मानदंड और अन्य नियम व शर्तें वही रहेंगी।

हरियाणा मंत्रिमंडल ने शहीद के परिवार को भूखंड आवंटन की दी मंजूरी

चंडीगढ़, 28 दिसंबर- मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हरियाणा मंत्रिमंडल ने विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा शहीद उपनिरीक्षक श्री जय भगवान की पत्नी श्रीमती कमलेश शर्मा को शामलात देह भूमि से 200 वर्ग गज का भूखंड आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

शहीद श्री जय भगवान फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ ब्लॉक के गांव हीरापुर के निवासी थे।  उन्होंने 12 दिसंबर, 1995 को आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी थी।

श्रीमती कमलेश शर्मा के पास वर्तमान में कोई आवासीय मकान नहीं है। ऐसे में जयभगवान के परिवार के सम्मान के प्रतीक के रूप में यह भूखंड दिया जाएगा।

यह निर्णय पंजाब ग्राम साझा भूमि (विनियमन) नियम, 1964 के नियम 13 के अनुरूप है। यह प्रावधान राज्य सरकार से पूर्व अनुमोदन के साथ ग्राम पंचायत को आवासीय उद्देश्यों के लिए 200 वर्ग गज तक शामलात देह भूमि उपहार में देने की अनुमति देता है। इस प्रावधान के तहत विशेष रूप से रक्षा और अर्धसैनिक बलों के उन सदस्यों को लाभ पहुंचाया जाता है जो गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और विकलांग हो गए हैं, या युद्ध या आतंकवाद विरोधी अभियानों में शहीद हो गए हैं। शर्त यह है कि आश्रित परिवारों के पास पर्याप्त आवासीय सुविधा नहीं होनी चाहिए।

हरियाणा मंत्रिमंडल ने हरियाणा लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और रिटेल नीति, 2019 के विस्तार को दी मंजूरी

यह नीति व्यवसाय करने की लागत को कम करने और निवेश को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है

चंडीगढ़, 28 दिसंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और रिटेल नीति, 2019 के साथ-साथ इसके तहत अधिसूचित योजनाओं के विस्तार को स्वीकृति प्रदान कर दी गई।

 हरियाणा लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और रिटेल नीति, 2019 व्यवसाय करने की लागत को कम करने और हरियाणा में लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और रिटेल क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है। इकाइयों को कौशल विकास पर समर्थन के साथ-साथ निवेश पर प्रोत्साहन – पूंजीगत सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी, स्टांप शुल्क प्रतिपूर्ति, ईडीसी प्रतिपूर्ति और बिजली शुल्क छूट के माध्यम से समर्थन दिया जाता है।

यह नीति लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और रिटेल क्षेत्रों के लिए नियामक कानूनों और प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य इन क्षेत्रों के लिए कुशल श्रम पूल के निर्माण पर लक्षित मानव पूंजी विकास पहलों को बढ़ावा देने के साथ-साथ गुणवत्ता और लागत प्रतिस्पर्धी मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग बुनियादी ढांचे के साथ-साथ  खुदरा-उन्मुख बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है।

इस नीति का उद्देश्य बड़े उद्योग और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पूरा करने के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के अलावा, निजी क्षेत्र के निवेश के साथ-साथ लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और रिटेल क्षेत्रों में पीपीपी निवेश को आकर्षित करना भी है। इसका उद्देश्य इन क्षेत्रों में आधुनिक तकनीकों के उन्नयन और अपनाने को बढ़ावा देना भी है।

यह उल्लेखनीय है कि उद्योग और वाणिज्य विभाग हरियाणा लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और रिटेल पॉलिसी, 2024 को अधिसूचित करने की प्रक्रिया में है। 2019 की नीति 5 वर्षों  के लिए वैध थी जोकि 8 मार्च, 2024 को समाप्त हो गई। इसे आज कैबिनेट द्वारा 31 दिसंबर, 2024 तक या अंतिम लॉजिस्टिक्स, वेयरहाऊसिंग और रिटेल पॉलिसी, 2024 को मंजूरी मिलने तक, जो भी पहले हो, तक बढ़ा दिया गया है।

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