भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक गुरुग्राम। आज सिरसा के तेजा खेड़ा फार्म हाउस में पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा। उसमें प्रधानमंत्री की ओर से ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पुष्प अर्पित किए। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपनी पत्नी के साथ आकर उनके चरण वंदन कर पुष्प अर्पित किए। इसी प्रकार मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण व अनेक मंत्रियों ने पुष्प अर्पित किए। यूं तो तांता ही लगा रहा। कल गुरुग्राम में इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला का निधन हो गया था, जिस पर हरियाणा सरकार की ओर से 3 दिन का शोक घोषित किया गया था और मुख्यमंत्री अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम भी स्थगित कर दिए थे। इधर कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने भी अपने जनता दरबार के कार्यक्रम भी स्थगित कर दिए। सरकार की ओर से सरकारी और निजी विद्यालयों की आज की छुट्टी भी घोषित की गई थी। आज राजकीय शोक और सरकारी छुट्टी होने के पश्चात भी खांडसा रोड स्थित सनातन धर्म बाल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में वार्षिकोत्सव का कार्यक्रम संपन्न किया गया। आपको बता दें कि इस विद्यालय के चेयरमैन रामअवतार गर्ग उर्फ बिट्टू हैं और वह सिद्धेश्वर स्कूल की सोसायटी के भी अध्यक्ष हैं। ऐसे में छुट्टी के दिन इनके द्वारा कार्यक्रम किया जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। कुछ लोगों ने बताया कि सिद्धेश्वर स्कूल पर अप्रत्यक्ष रूप से आरंभ से ही भाजपा के स्व. श्री सीताराम सिंगला जी का वरदहस्त रहा है और वर्तमान में भी शायद इसके संरक्षक पूर्व विधायक सुधीर सिंगला हैं। इसी कारण इन्हें सरकार और शिक्षा विभाग का कोई डर नहीं है। माना कि यह कार्यक्रम पहले से ही तय किया हुआ था लेकिन अप्रत्याशित घटनाएं ऐसे कार्यक्रमों को भी स्थगित करने के लिए बाध्य कर देती हैं लेकिन यहां कुछ ऐसा हुआ नहीं। आपको बता दें इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वर्तमान विधायक मुकेश शर्मा उपस्थित थे और वह बच्चों का उत्साहवर्धन बड़े प्रसन्नता और उत्साह से कर रहे थे। प्रश्न यह उठता है कि जब मुख्यमंत्री और मंत्री अपने जनता से मिलने के कार्यक्रम भी स्थगित कर सकते हैं तो विधायक एक स्कूल के वार्षिकोत्सव में जाकर क्या दर्शाना चाहते हैं? कि पूर्व नियोजित कार्यक्रम में जाना ही पड़ता है, चाहे कैसी ही परिस्थितियां हों या वह यह दर्शाना चाहते हैं कि नियम और कानून आम जनता के लिए होते हैं, विधायक के लिए नहीं? आपको याद दिला दें कि कल राव इंद्रजीत सिंह भी चौटाला साहब को श्रद्धांजलि देने गए थे। Post navigation सुशील ओझा ने विप्र फाउंडेशन जिला टीम के सदस्यों को संस्था से प्रत्येक परिवार को जोड़ने का आह्वान किया