एक देश एक चुनाव का बिल संवैद्यानिक संशोधन है जिसे पास करने के लिए लोकसभा व राज्यसभा में दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता है जबकि मोदी सरकार के पास न तो लोकसभा में और न ही राज्यसभा में दो तिहाई बहुमत है : विद्रोही

मोदी-भाजपा सरकार की नीयत में ही खोट है और वह वन नेशन वन इलेक्शन बिल ही लोगों को ठगने के लिए लाई है : विद्रोही

18 दिसम्बर 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने मोदी सरकार द्वारा मंगलवार को लोकसभा में प्रस्तुत वन नेशन वन इलेक्शन बिल को लोगों को ठगने का कुप्रयास बताया। विद्रोही ने कहा कि मोदी-भाजपा अच्छी तरह से जानते है कि एक देश एक चुनाव का बिल संवैद्यानिक संशोधन है जिसे पास करने के लिए लोकसभा व राज्यसभा में दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता है जबकि मोदी सरकार के पास न तो लोकसभा में और न ही राज्यसभा में दो तिहाई बहुमत है। वहीं इस बिल के विरोध में पूरा इंडिया गठबंधन मजबूती से खडा है। कांग्रेस इंडिया गठबंधन के 240 सांसद लोकसभा में व 108 सांसद राज्यसभा में वन नेशन वन इलेक्शन बिल को भारत के संघीय ढांचे व संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ करारा दे चुके है। ऐसी स्थिति में मोदी सरकार किसी भी स्थिति में इस बिल को संसद में पास करवाने की स्थिति में नही है। ऐसी स्थिति में मोदी सरकार द्वारा लोकसभा में वन नेशन वन इलेक्शन बिल प्रस्तुत करके खुद ही मान लिया है कि वे स्वयं इस कानून के प्रति गंभीर व ईमानदारी नहीे है। 

विद्रोही ने कहा कि यदि मोदी-भाजपा-एनडीए सरकार इस बिल के प्रति गंभीर होती तो बिल को प्रस्तुत करने से पहले कांग्रेस व इंडिया गठबंधन को विश्वास में लेकर आगे बढती, लेकिन भाजपा ने ऐसा न करके खुद ही मान लिया कि वे ये सारी कवायद 2029 लोकसभा चुनावों में जानता को भावनात्मक रूप से ठगकर वोट हडपने की रणनीति के लिए कर रहे है। असल में मोदी-भाजपा सरकार की नीयत में ही खोट है और वह वन नेशन वन इलेक्शन बिल ही लोगों को ठगने के लिए लाई है। वैसे भी इस बिल के माध्यम से भाजपा संघीय ढांचे व भारत की विविध संस्कृति को खत्म करके पूरे देश पर एक विचार थोपना चाहती है जो भारत में अलगाववाद व सामाजिक तनाव पैदा करेगा।

विद्रोही ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन से देश को मजबूती मिलती तो संविधान निर्माता संविधान में ही इसका प्रावधान कर देते लेकिन उन्होंने ऐसा नही किया क्योंकि वे जानते थे कि ऐसा प्रावधान भारत के संघीय ढांचे के खिलाफ है। विविधता से भरे भारत को एक विचार से नही अपितु अनैकता में एकता के सूत्र से संगठित और मजबूत किया जा सकता है। विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा-संघ संघीय ढांचे को कमजोर करने का षडयंत्र वन नेशन वन इलेक्शन के माध्यम से करना चाहते है जिसे देश किसी भी हालत में स्वीकार नही करने वाला।   

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