प्रदेश  सरकार के एम्ब्लेम की बजाए प्रदेश विधानसभा के प्रतीक-चिन्ह का प्रयोग करें विधायक –एडवोकेट

चंडीगढ़ — हरियाणा विधानसभा के मौजूदा  निर्वाचित सदस्यों अर्थात  विधायकों द्वारा  अपने-अपने  आधिकारिक लेटर-पैड एवं अन्य लेखन- सामग्री आदि  पर हरियाणा सरकार का प्रतीक-चिन्ह (एम्ब्लेम) के   प्रयोग करने पर सवाल उठ गया है. 

गौरतलब है कि  डेढ़ माह पूर्व  22 अक्टूबर 2024 को  वर्तमान 15वीं हरियाणा विधानसभा में हिसार जिले के उकलाना विधानसभा हलके  से कांग्रेस पार्टी के निर्वाचित विधायक नरेश सेलवाल द्वारा अपने  आधिकारिक लेटर-पैड पर प्रदेश के मुख्यमंत्री, बिजली (उर्जा) मंत्री, मुख्य सचिव आदि  को दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड के अंतर्गत उकलाना क्षेत्र  में तैनात एक असिस्टेंट इंजिनियर  द्वारा विधायक सेलवाल के  साथ किये गये कथित  अभद्र व्यवहार की लिखित शिकायत भेजी गई थी एवं उस   पत्र  के ऊपर हरियाणा सरकार का प्रतीक-चिन्ह (एम्बलेम) मुद्रिक  था जिसे हाल ही में  देखने के बाद पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने इस विषय पर प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा विधानसभा के स्पीकर, मुख्य सचिव, विधानसभा सचिव  आदि को  एक ज्ञापन भेजकर इस सम्बन्ध में आधिकारिक स्पष्टीकरण जारी करने की अपील की है कि  एक विधायक द्वारा, बेशक वह सत्तारूढ़ पार्टी या विपक्षी दल अथवा निर्दलीय हो, क्या वह अपने आधिकारिक लैटर-पैड अथवा अन्य लिखित सामग्री आदि जैसे  विसिटिंग-कार्ड आदि  पर हरियाणा सरकार के आधिकारिक एम्बलेम का प्रयोग कर सकता है विशेषकर तब जब हरियाणा विधानसभा द्वारा अपना स्वयं का  आधिकारिक लोगो (प्रतीक-चिन्ह) बनाया गया है जो हालांकि  देखने में हुबहू प्रदेश  सरकार जैसा नज़र आता है परन्तु उसमें  हरियाणा सरकार के स्थान पर हरियाणा विधानसभा का उल्लेख किया गया  है. 

हेमंत का स्पष्ट  मत है कि हरियाणा विधानसभा के कुल 90 विधायकों में से केवल मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद के 13 मंत्रियों  को ही आधिकारिक तौर पर  हरियाणा सरकार कहा जा सकता है एवं  विधानसभा स्पीकर, डिप्टी स्पीकर और  शेष सभी  74 विधायकों  को नहीं बेशक उनमें से 34 विधायक स्वयं  सत्तारूढ़ भाजपा के टिकट पर विधायक  निर्वाचित  हों एवं 3 निर्दलीय विधायक  जो सत्तारूढ़ भाजपा का समर्थन कर रहे हों. मुख्यमंत्री और समस्त मंत्रीगण,  जिन्हें  हालांकि राज्यपाल द्वारा भारतीय संविधान के अंतर्गत प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री/मंत्री  पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई है, केवल उन्हें ही  हरियाणा सरकार कहा जा सकता है  और उनके  अतिरिक्त शेष सभी विधायक प्रदेश  विधानसभा के ही सदस्य है एवं उन सब द्वारा   अपने लैटर-पद एवं अन्य लेखन सामग्री  पदार्थो पर हरियाणा सरकार का एम्ब्लेम के प्रयोग करना उपयुक्त एवं उचित नहीं है हालांकि वह इसके बजाए हरियाणा विधानसभा के प्रतीक-चिन्ह का प्रयोग कर सकते हैं.  चार वर्ष पूर्व जब हरियाणा विधानसभा के तत्कालीन स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता द्वारा अक्टूबर, 2020 में प्रदेश के विधायकों को अपनी अपनी  गाड़ियों/वाहन के आगे  मैरून रंग की छोटी  झंडी लगाने की अनुमति प्रदान की गयी थी, तो उस पर भी सदस्य, हरियाणा विधानसभा का  ही उल्लेख है, हरियाणा सरकार ला  नहीं. 

जहाँ तक इस सम्बन्ध में कानूनी प्रावधानों का विषय है, हेमंत का कहना है कि 19 वर्ष  पूर्व   देश की  संसद द्वारा भारत का राज्य संप्रतीक (अनुचित प्रयोग प्रतिषेध) अधिनियम, 2005 बनाया गया था जिसके अंतर्गत अक्टूबर, 2007 में केन्द्रीय गृह मन्त्रालय द्वारा 

भारत का राज्य संप्रतीक ( प्रयोग का विनियम) नियम, 2007 बनाकर तत्काल लागू किये गये थे जिसके अंतर्गत देश के  हर प्रदेश की विधानसभा के सदस्य (विधायक) भारत देश  के एंब्लेम (राष्ट्रीय प्रतीक-चिन्ह) का प्रयोग करने के लिए निस्संदेह  सक्षम हैं जिसमें चार शेर होते हैं जो चारों दिशाओं की ओर मुहँ किये खड़े होते हैं हालांकि केवल तीन शेर दिखाई देते हैं और चौथा छिपा होता है. चक्र केंद्र में दिखाई देता है, सांड दाहिनी ओर एवं घोडा बाई ओर एवं प्रतीक के नीचे देवनागरी लिपि में सत्यमेव जयते लिखा होता है. उपरोक्त 2007 नियमों के अनुसार हालांकि प्रदेश विधानसभा के सदस्य अपने अपने राज्य द्वारा बनाए गए एम्बलेम का भी प्रयोग कर सकते हैं परन्तु चूँकि हरियाणा विधानसभा द्वारा राज्य सरकार के अलग अपना  स्वयं का एम्बलेम बनाया गया है, जो  न केवल   हरियाणा विधानसभा सचिवालय की समस्त आधिकारिक लेखन सामग्री पर मुद्रिक है   बल्कि   रोज़मर्रा के   कार्य-कलापों में उसका ही   प्रयोग किया जाता है, इसलिए विधायकों को भी हरियाणा सरकार के स्थान पर हरियाणा विधानसभा के एम्बलेम का ही प्रयोग करना चाहिए.

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