चण्डीगढ, 4 नवम्बर:-हरियाणा रोङवेज कर्मचारी एकता युनियन के राज्य प्रधान बलवान सिंह दोदवा ने प्रैस को ब्यान जारी करते हुए बताया कि मुझे बगैर किसी आरोपित प्रमाण के बार-बार प्रताडित करने व वर्ष 2021-22 की एसीआर गलत लिखकर समय से 2वर्ष पूर्व रिटायर्मेंट दिलवाने के आरोप में हरियाणा रोङवेज के महाप्रबंधक व मुख्यालय में डीटीसी (उप-परिवहन नियन्त्रक) के पद पर कार्यरत श्री अरविन्द शर्मा को 50 लाख रुपए हर्जाने का कानूनी नोटिस भिजवाया है। यह नोटिस सिनियर एडवोकेट डीआर कैथ चण्डीगढ के माध्यम से भेजा गया है।

प्रदेशाध्यक्ष बलवान सिंह दोदवा ने बताया कि मैनें वर्ष 1989 में बतौर ए परिचालक हरियाणा रोङवेज के चण्डीगढ डिपो में कार्य ग्रहण किया था। मैं अपने पद के अनुसार सरकारी कार्य का पुरी ज़िम्मेदारी व इमानदारी के साथ निर्वहन करने के साथ-साथ विभागीय युनियन में भी पदाधिकारी के तौर पर कार्य करता था। युनियन का पदाधिकारी होने के नाते मैं कर्मचारीयों की जायज लम्बित मांगों व डिपो स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर करने का काम करता था।

चण्डीगढ आगार में भ्रष्टाचार अधिकारीयों की सह पर चरम सीमा पर चल रहा था। चण्डीगढ आगार में वर्ष 2018 में भी 2 करोङ का एक फर्जी बिल घोटाला उजागर हो चूका है। इसी तर्ज पर मार्च 2021 में भी 1,45,739/- रूपए का डबल बिल घोटाला उजागर हुआ। उस समय मैं चण्डीगढ आगार में निरीक्षक के पद पर व हरियाणा रोङवेज कर्मचारी एकता युनियन के राज्य प्रधान के पद पर कार्यरत था। जब मैनें एक युनियन का राज्य प्रधान होने के नाते चण्डीगढ आगार के महाप्रबंधक श्री अरविन्द शर्मा से मिलकर डिपो में हुए 1,45,739/-रूपए के डबल बिल घोटाले के बारे में बात की तो श्री अरविन्द शर्मा भङक गये और मुझे इस मुद्दे पर चुप रहने के लिए कहा तथा उजागर करने पर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी। मुझे इस मामले में महाप्रबंधक श्री अरविन्द शर्मा की मिलीभगत साफ दिखाई दी। डिपो में हो रहे इतने बङे भ्रष्टाचार पर मैं चुप रहूं यह मेरी जमीर नहीं मानी और मैनें डिपो में हुए इस घोटाले को प्रैस व मिडिया में उजागर कर दिया तथा मुख्यालय में लिखित शिकायत देकर जांच की मांग की।

दोदवा ने बताया कि इसी बात को लेकर चण्डीगढ आगार के महाप्रबंधक श्री अरविन्द शर्मा मुझसे खपा हो गए तथा मेरी झूठी शिकायत मुख्यालय में देकर मेरा तबादला आईएसबीटी दिल्ली में करवा दिया ताकि मैं उसके रास्ते से हट जाऊँ।

परिवहन निदेशक द्वारा शिकायत की जांच की गई जो बिल्कुल झूठी पाई गई तथा शिकायत को ड्राप कर दिया गया मेरा तबादला चण्डीगढ की बजाय पंचकूला आगार में कर दिया। लेकिन इसके बाद भी अरविन्द शर्मा नहीं माने और पंचकुला आगार के महाप्रबंधक श्री रविन्द्र पाठक से दोबारा झूठी शिकायत मुख्यालय में करवाकर मेरा तबादला हिसार आगार में करवा दिया गया तथा नियम 4बी के तहत चार्जशीट जारी कर दी गई।

उन्होंन बताया कि महाप्रबंधक की सह पर पंचकूला आगार में निजि संचालको द्वारा काफी अनियमतांए बरती जा रही थी जिसकी शिकायत मैने प्रमाणों सहित अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन को करके जांच की मांग की लेकिन बङे अफसोस की बात है कि मुख्यालय ने बगैर जांच करवाये ही मुझे ही दोषी करार देकर 4बी तहत आरोप पत्र जारी कर दिया। मैने चार्जशीट का जवाब दिया तथा इस शिकायत की जांच किसी रिटायर्ड जज से करवाने की अपील की। मुख्यालय ने मेरी अपील पर रिटायर्ड जज आर•पी भसीन पंचकूला से आरोपों की जांच करवाई जो जांच में बिल्कुल झूठी पाई गई। पंचकूला जीएम द्वारा की गई शिकायत की जांच मुख्यालय द्वारा की गई वो भी बिल्कुल झूठी पाई गई। लेकिन अरविन्द शर्मा फिर भी नहीं माने और उन्होने बिना किसी प्रमाणित आरोप व शिकायत के मेरी वर्ष 2021-22 की एसीआर में इमानदारी संदेहजनक अंकित करके खराब कर दी। जबकि मेरी 33 साल की सर्विस में मेरे किसी भी तरह का कोई आरोप नहीं था। मुख्यालय ने भी मेरी कोई सुनवाई नहीं की और एक तरफा कार्यवाही करते हुए मुझे दिनांक 25-08-2023 को समय से 2 वर्ष पूर्व प्री-मैच्योर रिटायर्मेंट देकर घर भेज दिया गया,जबकि मेरी वास्तविक रिटायर्मेंट दिनांक 30-06-2025 को बनती थी। जिसके कारण मुझे व मेरे परिवार को काफी मानसिक परेशानी हुई, मेरे बच्चों की पढ़ाई खराब हुई, पुरे प्रदेश के कर्मचारीयों व रिश्तेदारों में मेरी छवि खराब व बेइज्जती हुई तथा मेरे परिवार को भारी आर्थिक परेशानी का सामना करना पङा।

दोदवा ने बताया कि मेरे खिलाफ जो भी प्रताड़ना व नाजायज कार्यवाही हुई वो सब महाप्रबंधक अरविन्द शर्मा ने अपने बचाव में अपनी पावर का दुरूपयोग करते हुए करवाई है,क्योंकि श्री अरविन्द शर्मा चण्डीगढ आगार के महाप्रबंधक के साथ-साथ मुख्यालय में डीटीसी पद पर भी कार्यरत थे। मेरे खिलाफ जितनी भी शिकायतें थी वो सभी जांच में झूठी पाई गई हैं तथा फाईल हो चुकी हैं। इसलिए मैनें महाप्रबंधक श्री अरविन्द शर्मा पर मानहानि का केस दायर करने के लिए 50 लाख रुपए का कानूनी नोटिस भिजवाया है।

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