7-8 वर्ष पूर्व हरियाणा के शहरों को कैटल फ्री करने का भाजपा सरकार का दावा जमीनी धरातल पर हवा-हवाई जुमला साबित हो चुका है : विद्रोही

कैटल फ्री शहर करने के लिए जिन लोगों को ठेका दे रखा है, वे किस पार्टी, नेता के समर्थक है जो कैटल फ्री शहर करने के नाम पर हर माह मोटा माल बना रहे है : विद्रोही

सवाल उठता है कि भाजपा सरकार का हर दावा आखिरकार जुमला ही क्यों निकलता है? विद्रोही

28 अक्टूबर 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि 7-8 वर्ष पूर्व हरियाणा के शहरों को कैटल फ्री करने का भाजपा सरकार का दावा जमीनी धरातल पर हवा-हवाई जुमला साबित हो चुका है। विद्रोही ने कहा कि हरियाणा का एक भी शहर व कस्बा ऐसा नही है जहां अवारा पशु सडकों व बाजारों में मस्ती से चहल-पहल करके आमजनों की जान पर खतरा न बने रहते हो व सड़क यातायात दुर्घटनाएं इन अवाारा पशुओं के कारण होती रहती है। सवाल उठता है कि भाजपा सरकार का हर दावा आखिरकार जुमला ही क्यों निकलता है? भाजपा सरकार की कथनी-करनी में दिन-रात का अंतर क्यों रहता है? कैटल फ्री शहर रखने के नाम पर नगर निकायो को मिलने वाला पैसा किसकीे जेब में जा रहा है? कैटल फ्री शहर करने के लिए जिन लोगों को ठेका दे रखा है, वे किस पार्टी, नेता के समर्थक है जो कैटल फ्री शहर करने के नाम पर हर माह मोटा माल बना रहे है। पर शहरों में अवारा पशु मस्ती से घूमते रहते है, आपस में लडकर लोगों के लिए परेशानियां खडे करते रहते है। वहीं विद्रोही ने पूछा कि शहरों व कस्बों से अवारा पशुओं को पकडकर रखने वाले पशुबाडे, गौशालाएं कहां है? उनको पशु रखने के नाम पर मिलने वाला बजट व ऐसे स्थानों के प्रबंधन पर खर्च किया जा रहा है, वह पैसा किसकी जेब में जा रहा है?  

विद्रोही ने कहा कि उनके स्वयं के शहर रेवाडी में अवारा पशु न केवल गली-गली में घूमते, लड़ते मिल जायेंगे अपितु मेन सडकों व बाजारों में भी उधम मचाते, लडते कोई भी देख सकता है। सरकार व प्रशासन ने लोगों को रामभरोसे छोड रखा है। अवारा पशुओं से कोई बच जाये तो उसका भाग्य, मर जाये या घायल हो जाये या इन अवारा पशुओं के कारण कोई सडक दुर्घटना हो जाये, यह सम्बन्धित व्यक्ति का भाग्य। सवाल उठता है कि जब सबकुछ रामभरोसे ही रहना है तो फिर सरकार, प्रशासन व अवारा पशुओं को पकडने, रखने के नाम पर खर्च किया जा रहा भारी भरकम पैसा जा कहां रहा है? विद्रोही ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह से आग्रह किया कि वे पूरे प्रदेश में अवारा पशुओं का आडिट करवाये और जनता को बताये कि कैटल फ्री के दावों के बावजूद शहरों व कस्बो में सैकडों की संख्या में अवारा पशु क्यों और किसलिए घूमते रहते है? इनको रोकने की जवाबदेही किसकी है? वहीं इन अवारा पशुओं को पकडने व रखने के नाम पर नगर निकायो द्वारा खर्च किया जा रहा भारी भरकम पैसा आखिरकार जा कहां रहा है?    

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