हरियाणा में विपक्ष का नेता कौन होगा? समझें किस खेमे में कितने विधायक? सीएलपी की बैठक से पहले हुड्डा के साथ खड़े हुए कांग्रेस के 31 विधायक हुड्डा से नाराज है हाईकमान अशोक कुमार कौशिक हरियाणा में लगातार हार का कारण तलाश रही कांग्रेस शुक्रवार (18 अक्टूबर) को विधायक दल का नेता चुनेगी। कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी 17 अक्टूबर को मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालेंगे। वहीं अगले दिन कांग्रेस ने विधायक दल का नेता चुनने के लिए चंडीगढ़ में विधायक दल की बैठक बुलाई है। उससे पहले कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधायक दल के नेता के लिए अपनी दावेदारी ठोक दी है। इनके अलावा हुड्डा खेमे के ही विधायक अशोक अरोड़ा व गीता भुक्कल और कुमारी शैलजा खेमे से चंद्रमोहन बिश्नोई पंचकूला विधायक भी नेता प्रतिपक्ष पद की दौड़ में शामिल हैं। बैठक से पहले पार्टी के 37 में से 31 विधायकों ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात कर उनके प्रति समर्थन जताया। सूत्रों का कहना है कि इन विधायकों की राय थी कि हुड्डा को ही कांग्रेस विधायक दल का नेता होना चाहिए। पिछली विधानसभा में भी हुड्डा कांग्रेस विधायक दल के नेता थे। दरअसल, बुधवार (16 अक्टूबर) को भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिल्ली स्थित अपने आवास पर कुल 37 में से 31 नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई, इसे उनके शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा गया। हालांकि, विधानसभा चुनावों में पार्टी को बड़ा झटका लगने के बाद हुड्डा के लिए आगे की राह कठिन हो सकती है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक के लिए मंच तैयार होने के साथ ही पार्टी में यह सवाल उठ रहा है कि क्या हुड्डा कांग्रेस विधायक दल के नेता के रूप में अपनी जगह बरकरार रख पाएंगे या नहीं? वहीं बैठक से पहले एक विधायक ने कहा, “विधायकों को कई फोन कॉल और मैसेज भेजे गए, जिसमें उन्हें हुड्डा के आवास पर पहुंचने के लिए कहा गया। जल्द ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि कितने विधायक उनके पक्ष में हैं। अगर उन्हें विधायकों का बहुमत मिलता है, तो संभावना है कि पार्टी हाईकमान विधायकों की इच्छा का पालन करे और उन्हें फिर से विधायक दल के नेता के रूप में चुन लिया जाए। हालांकि, यह फैसला पूरी तरह से हाईकमान के हाथ में है।” कुमारी शैलजा के साथ कितने विधायक? हुड्डा की बैठक में शामिल न होने वाले पांच विधायकों में शैले चौधरी (नारायणगढ़), चंद्र मोहन (पंचकूला), आदित्य सुरजेवाला (कैथल), रेनू बाला (साढौरा) और अकरम खान (जगाधरी) हैं, जो हुड्डा के एंटी और एआईसीसी महासचिव कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला के साथ हैं। दरअसल कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि शैलजा पंचकूला के विधायक चंद्र मोहन की उम्मीदवारी का समर्थन कर रही हैं, जो नए सीएलपी चेहरे के रूप में हैं। वह चार बार विधायक और पूर्व उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। हुड्डा ने क्या कहा? फिलहाल हुड्डा ने कहा, “यह एक अनौपचारिक बैठक थी। हमारी अच्छी चर्चा हुई। सभी ने कहा कि हम सभी एकजुट होकर हरियाणा और देश के लोगों के अधिकारों और कल्याण के लिए लड़ेंगे। जहां तक कांग्रेस विधायक दल के नेता के चुनाव का सवाल है, बैठक 18 अक्टूबर को चंडीगढ़ में होगी वहां यह फैसला लिया जाएगा।” बता दें कांग्रेस को भरोसा था कि वह बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और बीजेपी जीत गई। बीजेपी ने 90 में से 48 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को 37 सीटें मिलीं। कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के लिए राज्य इकाई में गुटबाजी और अंदरूनी कलह को जिम्मेदार ठहराया गया। जानकारी के अनुसार, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य अजय माकन और पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद रहेंगे। हुड्डा फिर हो सकते हैं विधायक दल के नेता अशोक गहलोत, अजय माकन और प्रताप सिंह बाजवा यह तीनों नेता विधानसभा चुनाव के दौरान हरियाणा में कांग्रेस हाईकमान की ओर से पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किए गए थे। इन तीनों नेताओं को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का करीबी माना जाता है। अशोक गहलोत के साथ हुड्डा की मित्रता है, जबकि अजय माकन को हरियाणा से राज्यसभा सदस्य बनवाने के लिए हुड्डा ने पूरा जोर लगा दिया था, लेकिन किरण चौधरी के खेल करने पर माकन हार गए थे। गहलोत, माकन और बाजवा के पर्यवेक्षक बनने का मतलब साफ नजर आ रहा है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा एक बार फिर कांग्रेस विधायक दल के नेता चुने जा सकते हैं। हुड्डा से नाराज है हाईकमान हुड्डा के कांग्रेस विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद विधानसभा में उनका विपक्ष का नेता बनना तय है, क्योंकि इनेलो के मात्र दो विधायक चुनकर आए हैं और तीन निर्दलीय विधायकों ने पहले ही भाजपा को अपना समर्थन दे दिया है। चर्चा है कि पार्टी की हार के चलते हाईकमान नाराज है, जिस कारण हुड्डा के स्थान पर किसी दूसरे को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना जा सकता है। कांग्रेस महासचिव एवं सांसद कुमारी शैलजा खेमे की ओर से पंचकूला के नव निर्वाचित विधायक एवं पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे किया जा रहा है, जबकि हुड्डा के नेता नहीं चुने जाने की स्थिति में उनके खेमे से थानेसर के विधायक एवं पूर्व स्पीकर अशोक अरोड़ा तथा नूंह के विधायक एवं कांग्रेस विधायक दल के पूर्व उप नेता चौधरी आफताब अहमद के नाम बढ़ाए जा सकते हैं। लिस्ट में गीता भुक्कल और बीबी बत्रा का नाम भी शामिल दलित चेहरे के रूप में झज्जर की विधायक एवं पूर्व मंत्री गीता भुक्कल तथा रोहतक के विधायक एवं कांग्रेस विधायक दल के पूर्व मुख्य सचेतक बीबी बत्रा के नामों को विकल्प के रूप में रखा गया है। 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 37 विधायक चुनाव जीते हैं, जो कि बहुमत से नौ कम हैं। कांग्रेस की हार के बाद से हुड्डा और दीपेंद्र दोनों निराश हैं और लोगों के बीच नहीं जा रहे हैं। कांग्रेस महासचिव कुमारी शैलजा की नाराजगी और करीब एक पखवाड़े तक चुनावी रण में प्रचार नहीं करने को पार्टी की हार का बड़ा कारण माना जा रहा है। हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया के इस बैठक में भाग लेने की संभावना नहीं है। उन्होंने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर प्रभारी पद छोड़ने की पेशकश की है, जिससे प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान पर अपना पद छोड़ने का दबाव बढ़ गया है। 12 साल में नहीं बन पाया प्रदेश में कांग्रेस का संगठन हरियाणा में कांग्रेस का पिछले 12 साल से संगठन नहीं है। इस अवधि में चार प्रदेश अध्यक्ष काम कर चुके हैं। इनमें डॉ. अशोक तंवर, कुमारी शैलजा और चौधरी उदयभान शामिल हैं। उनसे पहले फूलचंद मुलाना अध्यक्ष थे, लेकिन उनके कार्यकाल में भी संगठन के नाम पर औपचारिकता निभाई गई। कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी के चलते आज तक कांग्रेस अपने जिलाध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष भी तय नहीं कर पाई है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस के 37 में से अधिकांश विधायक भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खेमे से हैं। ये केंद्रीय पर्यवेक्षकों के सामने उनके लिए पैरवी कर सकते हैं। उधर, पंचकूला से कांग्रेस विधायक चंद्रमोहन बिश्नोई के नाम की सिफारिश तो दिल्ली तक पहुंच गई बताई। पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव पिछलों दिनों नेता प्रतिपक्ष बदलने की मांग कर चुके हैं। मौका देखकर नेता प्रतिपक्ष पद के लिए कुमारी शैलजा गुट सक्रिय हो गया है। उल्लेखीनय है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में 5 अक्टूबर को मतदान हुआ। 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित किए गए। Post navigation कांग्रेस में नेता विपक्ष को लेकर घमासान,अब भी गुटबाजी में जुटे भूपेंदर हुड्डा मोदी सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य में की गई ढाई से 7 प्रतिशत की वृद्धि ऊंट के मुंह में जीरा समान : विद्रोही