हुड्डा ने बुलाई आपातकालीन बैठक,अब तक पूर्व सीएम के आवास पर पहुंचे दर्जन भर विधायक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी नहीं बना पाई कांग्रेस, इसमें भी गुटबाजी आ रही सामने 18 को होगी हरियाणा कांग्रेस विधायक दल की बैठक, हार पर करेंगे मंथन, ये नेता रहेंगे मौजूद अशोक कुमार कौशिक कांग्रेस एक बार फिर सत्ता से दूर रह गई और उसका ठीकरा भूपेंदर सिंह हुड्डा पर फोड़ा जा रहा है। इसके बाद भी हुड्डा गुटबाजी में व्यस्त हैं। हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने दिल्ली आवास पर कांग्रेस विधायकों की इमरजेंसी बैठक बुलाई है। इस बैठक को लेकर कहा जा रहा है कि इसमें विधानसभा में नेता विपक्ष के पद को लेकर चर्चा की जा सकती है।ये वजह है कि जो हुड्डा के खेमे के विधायक है, वो दिल्ली पहुंच चुके हैं। दरअसल, हरियाणा में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस हाईकमान ने 18 अक्टूबर को विधायक दल की एक बैठक बुलाई है। इसमें नेता विपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष के पद को लेकर बड़ा फैसला लिया जा सकता है। इस बैठक से ठीक दो दिन पहले हुड्डा ने अपने आवास पर विधायकों को बुला लिया है। खबरों की मानें, तो हुड्डा इन विधायकों को अपने पक्ष में ही रहने के लिए तैयार करना चाहते हैं। ताकि, जब मीटिंग में नेता विपक्ष का चुनाव हो तो ये विधायक या तो हुड्डा को चुने या फिर उनके गुट के किसी दूसरे विधायक को चुने। कहा जा रहा है भूपेंद्र सिंह हुड्डा के घर पर अब तक 37 विधायकों में से 17 विधायक उनके घर पहुंच चुके हैं। अन्य विधायकों के भी पहुंचने की संभावना है। इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान भी इस मीटिंग में शामिल होने के लिए हुड्डा के आवास पर पहुंच गए है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस मीटिंग में यह चर्चा की जाएगी कि आखिर विधानसभा में नेता विपक्ष का किसे जिम्मा दिया जाए। नेता विपक्ष के तौर पर भूपेंदर सिंह हुड्डा का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है। दरअसल यह मीटिंग भी हुड्डा ने इसीलिए बुलाई है ताकि नेता विपक्ष के पद के लिए दमखम दिखा सकें। उनके समर्थक विधायकों की राय है कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन न किया जाए और यथास्थिति ही रहे। वहीं कुमारी शैलजा मांग कर चुकी हैं कि हरियाणा कांग्रेस में बड़े बदलाव किए जाएं। पिछले दिनों उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि हरियाणा कांग्रेस का संगठन बीते 10 से 12 सालों से एक तरीके से ही काम कर रहा है। अब इसमें बदलाव की जरूरत है।उनका कहना था कि हरियाणा कांग्रेस के संगठन में बदलाव से ही नई ऊर्जा आएगी। बता दें कि हरियाणा चुनाव के बाद यह पहली मीटिंग है, जो हुड्डा ने बुलाई है। हालांकि यह साफ नहीं है कि इस तरह से शक्ति प्रदर्शन करने पर कांग्रेस हाईकमान का क्या रुख रहेगा। दरअसल हरियाणा चुनाव की पूरी कमान हुड्डा ने ही संभाल रखी थी। कहा जाता है कि उनके कहने पर ही 72 टिकट बांटे गए थे, लेकिन नतीजे आए तो उन पर ही निशाना साधा जाने लगा। प्रचार की कमान भी हुड्डा के हाथ में थी और यहां तक कि राहुल गांधी जैसे वरिष्ठ नेताओं के आयोजन भी उनके ही कहने पर सेट किए गए थे। अब इसी के लिए भूपेंदर सिंह हुड्डा निशाने पर हैं, लेकिन वह नेतृत्व छोड़ने के मूड में नहीं हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के आवास पहुंचे ये विधायक -विनेश फोगाट, गीता भुक्कल,पूजा चौधरी, कुलदीप वत्स, शकुंतला खटक, रघुवीर कादियान, भारत भूषण बत्रा, जस्सी पेटवाड़, अशोक अरोड़ा, बलवान सिंह दौलतपुरिया, राव दान सिंह, भारत बेनीवाल, मामन खान, विकास सहारण, मोहम्मद इलियास, आफताब अहमद, राजबीर फरटिया। अपने-अपने नेताओं के नाम आगे बढ़ा रहे कुमारी शैलजा और हुड्डा गुट बता दें कि कांग्रेस हाईकमान ने हाल ही में इस बात के संकेत दिए है कि प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को हटाया जा सकता है और उनकी जगह कुमारी शैलजा को फिर से ये जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। वहीं नेता विपक्ष का पद भी शैलजा के करीबी को ही दिया जा सकता है। हुड्डा गुट की मांग है कि गीता भुक्कल को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जाए और नेता विपक्ष अशोक अरोड़ा को घोषित किया जाए। वहीं शैलजा गुट प्रदेश अध्यक्ष के लिए कुमारी शैलजा और नेता विपक्ष के लिए चंद्रमोहन का नाम आगे रख रहा है। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी नहीं बना पाई हरियाणा में माहौल होने के बावजूद हारी कांग्रेस ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने का फैसला तो जरूर ले लिया, लेकिन छटा दिन बीत जाने के बावजूद आज तक कांग्रेस हाईकमान कमेटी बना नहीं पाया है। हालांकि, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में कमेटी बनाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। खबरों की मानें, तो कांग्रेस इसकी शुरुआत विधायक दल के नेता के रूप में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के बदले किसी दूसरे विधायक को चुनकर कर सकती है। सूत्रों का दावा है कि कमेटी बनाने में भी कांग्रेस की गुटबाजी सामने आ रही है। इसलिए हाईकमान तमाम पहलुओं को देखते हुए ऐसे वरिष्ठ नेताओं को कमेटी में शामिल करना चाहता है जो निष्पक्षता के साथ अपनी रिपोर्ट दें और किसी भी खेमे से प्रभावित न हों। इसलिए कमेटी बनाने में देरी हो रही है। कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा में हुई हार के कारण जानने के लिए 10 अक्तूबर को दिल्ली में बैठक बुलाई थी। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी, एआईसीसी महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल, चुनाव के लिए एआईसीसी के वरिष्ठ पर्यवेक्षक अशोक गहलोत और अजय माकन के साथ-साथ राज्य के लिए एआईसीसी सचिवों ने भाग लिया था। हरियाणा के एआईसीसी प्रभारी दीपक बाबरिया बैठक में ऑनलाइन शामिल हुए थे। बैठक में पहला कारण गुटबाजी और नेताओं का निजी स्वार्थ सामने आया था। इसी के चलते खुद राहुल गांधी ने असल कारणों को जानने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने का फैसला लिया था। यह कमेटी हरियाणा के जिलों का दौरा करेगी और कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ संवाद करके फीडबैक लेगी। देखना यह है कि कमेटी कब गठित होती है और कब वह हरियाणा में आकर तथ्यों को जानेगी। हुड्डा पिता-पुत्र और उदयभान नहीं निकल रहे बाहर, शैलजा फील्ड में हार के बाद पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, सांसद दीपेंद्र हुड्डा के साथ-साथ प्रदेशाध्यक्ष उदयभान सदमे में हैं। तीनों ही नेता फिलहाल बाहर निकलने में परहेज कर रहे हैं। हालांकि, दशहरे के मौके पर जरूर ये नेता जनता के बीच दिखे, लेकिन फिलहाल तीनों नेताओं ने राजनीतिक कार्यक्रमों से दूरी बनाई हुई और अधिकतर समय अपने घर ही बिता रहे हैं। उधर, अब चुनावी हार के बाद पार्टी की आंतरिक कलह खुलकर सामने आने लगी है। सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा ने हुड्डा कैंप के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कुमारी शैलजा ने कहा कि हाईकमान हरियाणा में मिली इस हार की पड़ताल करेगा मगर चुनाव नतीजे ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को निराश कर दिया है। इस हार पर चिंता करने की जगह इसके कारणों की पड़ताल करना जरूरी है ताकि आगे की रणनीति बनाई जा सके। उन्होंने कहा कि पिछले 10-12 वर्षों से राज्य में पार्टी का संगठन ठीक ढंग से काम नहीं कर रहा है और इस कारण इसमें बदलाव किया जाना चाहिए। कुमारी शैलजा लगातार फील्ड में उतरी हुई हैं। शैलजा सिरसा के साथ-साथ रोहतक में कई कार्यक्रमों में शिरकत कर चुकी हैं। 18 अक्टूबर को शैलजा सिरसा में कार्यकर्ता सम्मेलन में हिस्सा लेंगी और इसी दिन फतेहाबाद में कार्यकर्ता सम्मेलन में पहुंचेंगी। 18 अक्टूबर को चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हरियाणा में करारी हार के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर कांग्रेस के नेता लगातार हमलावर हैं। ऐसे में हरियाणा कांग्रेस विधायक दल की बैठक की खबरें भी सामने आ रही हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि हरियाणा कांग्रेस के हाईकमान ने 18 अक्टूबर को चंडीगढ़ में विधायक दल की बैठक करने का आदेश दिया है। ऐसा कहा जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष की रेस में अशोक अरोड़ा, चंद्र मोहन, गीता भुक्कल के नाम आगे हैं। ये नेता हो सकते हैं शामिल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हरियाणा कांग्रेस की विधायक दल की बैठक में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, अजय माकन और प्रताप सिंह बाजवा ऑब्जर्वर के तौर पर शामिल हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक एक बार फिर से सांसद कुमारी शैलजा या वरुण मुलाना को प्रदेश प्रधान बनने का मौका मिल सकता है। दरअसल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि, इस बार विधानसभा चुनावों में कांग्रेस 2005 का रिकॉर्ड तोड़ देगी, लेकिन कांग्रेस को चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है, जिसके बाद पार्टी की उम्मीदें टूट गई हैं। ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है, इस बार कांग्रेस में प्रदेश स्तर पर कई फेरबदल हो सकते हैं। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कर चुके है इस्तीफे की मांग सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस इस बार नेता प्रतिपक्ष के पद पर भूपेंद्र हुड्डा के बजाय किसी दूसरे नेता को मौका दे सकती है। दूसरी तरफ हुड्डा गुट ने प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए एससी चेहरे विधायक गीता भुक्कल और नेता विपक्ष विपक्ष के लिए थानेसर से विधायक चुने गए पंजाबी चेहरे अशोक अरोड़ा का नाम आगे कर दिया है। बता दें कि हार के बाद से ही कांग्रेस पार्टी में उथल-पुथल मच गई है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया राहुल गांधी से इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं, ऐसे में उदयभान और हुड्डा पर भी पद छोड़ने का दबाव है। Post navigation बाजी मार ले गए नायब सिंह सैनी, भाजपा विधायक दल के नेता बने, दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में लेंगे शपथ हरियाणा की सत्ता से खाली हाथ कांग्रेस किसे चुनेगी नेता प्रतिपक्ष ? हुड्डा या चंद्र मोहन ……