अपने अंदर के रावण को मारें – न होने दें, बुराई का प्रवेशः मुकेश शर्मा

मैं न्याय का पक्षधर हूं, अन्याय करने वालों का करूंगा लंका दहनः मुकेश शर्मा

गुड़गांव, 12 अक्टूबर। शहरवासियों को विजयादशमी की शुभकामनाएं देते हुए मुकेश शर्मा ने कहा कि विजयादशमी का दिन अन्याय पर न्याय की जीत का पर्व है। इस पर्व से हमें यह शिक्षा मिलती है कि दूसरे की पत्नी को मां समान समझना चाहिए, अन्यथा फिर शक्ति में आप चाहे रावण ही क्यों न हों, अनीति का सिर हमेशा नीचा ही होता है। हमेशा अन्याय पर न्याय की ही जीत होती है। अन्याय करने वाले व्यक्ति का कुल नाश होना निश्चित है। रावण इसका जीता-जागता उदाहरण है। जीवन में न तो किसी से अन्याय करना चाहिए और न ही अपने प्रति अन्याय सहना चाहिए। इसके अलावा, यह पर्व हमें यह शिक्षा भी देता है कि अगर आप सही हैं, तो कम साधनों में रहकर भी विजय प्राप्त की जा सकती है। भगवान राम ने एक धनुष बाण से ही दशानन जैसे विशाल पराक्रमी को भी मौत के घाट उतार दिया। जब आप सही होते हैं, तो ईश्वर के साथ-साथ प्रकृति भी आपका साथ देती है। लंका विजय के दौरान भगवान राम की सहायता के लिए बंदर, भालू, गिलहरी, वन, पर्वत, औषधि और समुद्र का सहयोग भी किसी से छिपा नहीं है।

उन्होंने कहा कि हमें दशहरे से एक और शिक्षा मिलती है कि समाज में सबको साथ लेकर चलने वाला साधारण व्यक्ति भी महाबलशाली का मुकाबला कर सकता है। समाज के प्रत्येक वर्ग को साथ लेकर चले भगवान राम से हमें भी यह शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए और समाज का प्रत्येक व्यक्ति, प्रत्येक जीव हमारा साथी है। उन्होंने कहा कि समुद्र में चाहे कितना भी पानी क्यों न हो, वह नाव को तब तक नहीं डुबो सकता जब तक कि उसे नाव में प्रवेश न मिले। ठीक उसी प्रकार, संसार में चाहे कितनी भी बुराइयां क्यों न हों, वह इंसान को तब तक बुरा नहीं बना सकती जब तक इंसान उसे अपने अंदर प्रवेश न करने दें। उन्होंने कहा कि अपने अंदर की बुराइयों को समाप्त करके उच्च विचार तथा आत्मा का शुद्धिकरण करना ही सच्ची तथा वास्तविक विजय है। उन्होंने कहा कि मैं व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के भाव को आत्मसात कर कार्य करने वाले विश्व के सबसे बड़े सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस एवं बुराई पर अच्छाई की विजय के महापर्व विजयादशमी की विधानसभावासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।

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