-कमलेश भारतीय

-आओ वत्स संजय ! आ गये?
-जी महाराज ! आपकी सेवा में उपस्थित हो गया प्रतिदिन की तरह !
-बैठो, दो पल सांस ले लो‌ । फिर बताना नया नया प्रकरण !

-जी महाराज धृतराष्ट्र !
-चलो, अब शुरू करो अपनी बात !

-महाराज ! लगता है अब युद्ध में दलित और पिछड़ी जातियों को महत्त्व दिया जा रहा है ताकि जाट समाज की वोट से होने वाली क्षति से भाजपा को बचाया जा सके !

-ऐसा क्या संजय?
-जी महाराज ! इनेलो‌‌-बसपा समझौता इसी का उदाहरण माना जाता है और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावुकतापूर्ण बात कह रहे हैं कि कांग्रेस ने संविधान निर्माता कहे जाने वाले डाॅ अम्बेडकर को संसद जाने से रोका ! प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ी चतुराई से मिर्चपुर कांड की याद भी दिलाकर और भावुक करने का प्रयास किया ।

-फिर क्या प्रभाव पड़ा संजय?
-महाराज ! रही बात डाॅ अम्बेडकर की तो यदि कांग्रेस ने उन्हें संसद जाने से रोका तो भाजपा शासनकाल में उनके बनाये संविधान की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही । इसीलिए कांग्रेस ने संविधान बचाओ का नारा दे रखा है !

-वाह संजय ! ये जानकारियां कहां से एकत्रित कर लाते हो ?
-समाचारपत्रों का गहरा अध्ययन करके महाराज !

-टीवी चैनल नहीं देखते ?
-नहीं महाराज ! अब टीवी की दुनिया से दूर रहता हूँ । आपको मालूम नही है कि टीवी में सब उद्घोषक रंगीन चक्षुओं से स्थितियों को देखते और वर्णन करते हैं ! मेरे जैसी बहुत सी प्रजा ने टीवी कार्यक्रम देखने बंद कर दिये !

-यह डबल इंजन, ट्रिपल इंजन की सरकारों का क्या सत्य है ?
-महाराज ! यह संकेत हैं कि आप मेयर, विधायक और सांसद सत्ताधारी दल के ही बनाओ, जिससे विकास की रेलगाड़ी को ट्रिपल इंजन लगना कहते हैं। यदि आप विपक्ष को विजयी बनाओगे तो आपके क्षेत्र में विकास का रथ दलदल में फंस जायेगा, यही संदेश है महाराज !

-कुछ दूसरे शिविर की बात भी बताओ संजय ! क्या दूसरा शिविर कुछ नहीं कहता ?
-कहता है न महाराज !

-फिर बताओ न वत्स !
-जी महाराज ! वे सिरसा वाले राम रहीम की सुनारिया कारागार से पैरोल‌ पर कांग्रेस ने आपत्ति व्यक्त की तो जवाब आया कि सब नियमपूर्वक और सशर्त पैरोल दी गयी है ! सशर्त में आप समझ लीजिये कि क्या शर्त हो सकती है !

-और कोई आपत्ति विपक्ष की ओर से?
-कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रहार करते कहा कि प्रधानमंत्री मोदी डाॅ अम्बेडकर को प्रणाम तो करते हैं लेकिन संविधान नहीं मानते ! उन्होंने भी अम्बानी थडानी पर चिरपरिचित अंदाज में चोट की ! यही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सैलजा के हाथ भी मंच पर मिलवा दिये !

-अच्छा तो
दिल मिले न मिले , हाथ मिलाते रहिये! ठीक है संजय ! तुम चलो, कल आना!
-जी महाराज! कल आता हूं!

पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी। 9416047075

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