ओमप्रकाश इंजीनियर के लिए राजनीति एक शगल विचारधारा कोई मायने नहीं

जीवन में छह चुनाव लड़े एक में विजय श्री बाकी में हार, सातवां चुनाव लड़ रहे हैं

भारत सारथी कौशिक 

नारनौल। दक्षिणी हरियाणा के जिला महेंद्रगढ़ में एक राजनेता ऐसे भी है जो एक चुनाव के बाद दूसरी बार जीत का सेहरा नहीं बांध सके। दोबारा जीत के लिए इन्होंने न केवल अटेली विधानसभा के चुनाव लड़े अपितु जीतने के लिए पड़ोसी राजस्थान के बहरोड़ विधानसभा क्षेत्र से भी तीन बार अपनी किस्मत को आजमाया। लेकिन विजय श्री इनके हाथ नहीं लगी। इन नेताजी का नाम है अहीरवाल क्षेत्र के प्रसिद्ध उद्योगपति ओमप्रकाश इंजीनियर। आजकल वह नांगल चौधरी विधानसभा से जननायक जनता पार्टी प्रत्याशी के रूप में अपना भाग्य आजमा रहे हैं।

इन नेताजी ने 1982 में अपना पहला चुनाव जिले के प्राथमिक भूमि विकास एवं सहकारी बैंक के निर्देशक पद के लिए लड़ा और जीत हासिल की। यह बैंक 23 गांवों को मिलाकर बनाया गया था। बाद में 3 साल के लिए इस बैंक का उन्हें वाइस चेयरमैन भी बनाया गया। 

इसके बाद ओमप्रकाश इंजीनियर ने 1996 में हरियाणा विकास पार्टी और भाजपा गठबंधन प्रत्याशी के रूप में अटेली विधानसभा से चुनाव लड़ा। इस चुनाव में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा और वह उपविजेता बने। इसके बाद 2000 में इसी विधानसभा से उन्होंने बसपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा पर उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी। 

जब हरियाणा में उन्हें सफलता नहीं मिली तो 2003, 2008 और 2013 में वह दक्षिणी हरियाणा से निकलकर पड़ोस के राजस्थान में बहरोड़ विधानसभा चुनाव से अपना भाग्य आजमाने पहुंचे लेकिन वहां भी तीनों चुनावों में विजय श्री उनके हाथ नहीं लगी। मैट्रिक राष्ट्रीय स्कॉलरशिप छात्रवृत्ति होल्डर ओम प्रकाश यादव 1981 के बीटेक ओमप्रकाश इंजीनियर हैं। 1995 में राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा के हाथों उनकी कंपनी पुरस्कृत भी की गई। किसान, उद्योगपति तथा राजनेता ओमप्रकाश इंजीनियर के उद्योगों में लगभग 1200 लोग काम करते हैं। इसमें आईटी इंडस्ट्री के 700 लोग भी सम्मिलित हैं। इसके अलावा वह समय-समय पर सामाजिक कार्यों में भी शिरकत करते हैं।

ओमप्रकाश इंजीनियर ने अभी हरियाणा विधानसभा चुनाव में अटेली, नारनौल तथा नांगल चौधरी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में दावेदारी पेश की थी। इससे पहले उन्होंने अटेली विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने के लिए चुनाव प्रचार शुरू कर रखा था।

यहां यह बता दे कि अटेली विधानसभा सीट पर उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया था। जिसे बाद में भाजपा प्रत्याशी आरती राव के समर्थन में वापस ले लिया गया। तो वही नांगल चौधरी में जजपा प्रत्याशी के रूप में वह चुनाव लड़ रहे हैं। अभी हाल ही में नारनौल में भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश यादव के चुनाव कार्यालय में पंडित रामबिलास शर्मा ने उन्हें अपना आशीर्वाद दिया था। वह किसी राजनीतिक पार्टी की विचारधारा को फॉलो करते हैं यह लोगों की समझ से बाहर है।

ओमप्रकाश इंजीनियर के लिए राजनीतिक विचारधारा कोई मायने नहीं रखती पर चुनाव लड़ना उनका शगल अवश्य है।

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