सर्व समाज को साथ लेकर चलते हुए सांसद कुमारी सैलजा ने निष्पक्ष राजनीति के स्थापित किए नए आयाम

सांसद कुमारी सैलजा के जन्मदिवस 24 सितंबर पर विशेष

निष्पक्ष, बेदाग व जनहित की राजनीति से सांसद कुमारी सैलजा ने बनाया अलग मुकाम

बहन सैलजा की कार्यशैली, तत्परता, अनुशासन व रचनात्मक सोच ने सभी को किया प्रभावित : लाल बहादुर खोवाल

पूर्व मंत्री चौ. दलबीर सिंह के पदचिह्नों पर चलते हुए कुमारी सैलजा ने राजनीति में कायम की मिसाल

मीडिया के सवालों के जवाब में कहती है कि मेरी रगों में कांग्रेस का खून है और मेरा शरीर भी कांग्रेस के झंडे में लिपट कर जायेगा।

एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल

हिसार : बहुत सी हस्तियों ने जनकल्याण कार्यों व रचनात्मक सोच के चलते राजनीतिक क्षेत्र में अलग पहचान बनाई है। निष्ठा से समाज के लिए काम करने वाले उन राजनेताओं को बड़े सम्मान व श्रद्धा से याद किया जाता है, इसके विपरीत आज की राजनीति में निष्पक्ष व निष्कलंक राजनेता काफी कम हैं। आधुनिकता के इस स्वार्थभरे दौर में भी वरिष्ठ राजनीतिज्ञ कुमारी सैलजा अपनी ईमानदारी, निष्ठा व समर्पण भाव से राजनीति में विशिष्ट जगह बनाने में कामयाब हुई हैं।

कुमारी सैलजा का जन्म पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री चौ. दलबीर सिंह व श्रीमती कलावती के घर 24 सितंबर 1962 को हुआ। सैलजा पर अपने पिता की सोच व व्यक्तित्व का काफी प्रभाव रहा। दरअसल चौ. दलबीर सिंह ने सिंचाई, पेट्रोलियम और रसायन, भारी उद्योग, निर्माण एवं आवास, शिपिंग और परिवहन मंत्रालय सहित विभिन्न विभागों में केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य करते हुए देशहित के विभिन्न निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे हमेशा ग्रामीण अंचल के विकास के लिए प्रयत्नशील रहे। स्पष्टवादिता, ईमानदारी, निष्ठा व समर्पण भाव को आत्मसात करते हुए चौ. दलबीर सिंह ने जनता की हर समस्या के निराकरण के यथासंभव प्रयास किया। आज भी गांव-गुहांड में उनकी ईमानदारी के किस्से सुनाते हुए बुजुर्ग दिखाई दे जाते हैं।

अपने पिता चौ. दलबीर सिंह के आदर्शों को अपनाते हुए प्रतिभाशाली छात्रा कुमारी सैलजा ने अपनी प्राथमिक शिक्षा दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी से पूरी की। इसके बाद उन्होंने स्नातक, स्नातकोत्तर और एम.फिल. की पढ़ाई पूरी की। चंडीगढ़ में पंजाब विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त की। कृषक परिवार से होने के कारण वे जड़ों से जुड़ी रही और राजनीति की समझ उन्हें विरासत में मिली। अपने पिता की असामयिक मृत्यु के कारण वे 25 वर्ष की उम्र में ही राजनीति में सक्रिय हो गई। कुमारी सैलजा का राजनीतिक करियर वर्ष 1990 में महिला कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त होने के साथ शुरू हुआ। वह महिलाओं और शोषित वंचित अधिकारों की पैरोकार होने के कारण पार्टी का एक प्रमुख चेहरा बन गईं।

वर्ष 1991 में उन्होंने हरियाणा के सिरसा निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा और बड़ी आसानी से जीत हासिल की और 10वीं लोकसभा के लिए चुनी गईं। कुछ समय बाद वे कांग्रेस संसदीय दल की कार्यकारी समिति की सदस्य भी बन गईं। वे इस पद पर वर्ष 1994 तक रहीं। जनवरी 1992 में कुमारी सैलजा को तत्कालीन पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार में शिक्षा और संस्कृति विभाग और मानव संसाधन विकास (एमएचआरडी) मंत्रालय के केंद्रीय उप मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। अपनी तत्परता व समर्पण भाव के चलते बहन सैलजा ग्यारहवीं लोकसभा के लिए फिर से चुनी गईं और सितंबर 1995 से मई 1996 तक उस विभाग में केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया, जिस पर वह पहले काम कर चुकी थीं। वर्ष 1996 में वे कांग्रेस पार्टी की कार्यकारी समिति की सदस्य भी थीं और उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) का सचिव और प्रवक्ता चुना गया।

कुमारी सैलजा ने वर्ष 2004 का लोकसभा चुनाव भी जीता। इस बार उन्होंने अंबाला निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार बनी तो बहन सैलजा को शहरी रोजगार और गरीबी उन्मूलन मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में नियुक्त किया गया। वह इस पद पर जून 2006 तक रहीं। जून 2006 से मई 2009 तक उन्होंने आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में भी कार्य किया। इस बीच कुमारी सैलजा को वर्ष 2005 में कॉमनवेल्थ लोकल गवर्नमेंट फोरम के गवर्निंग बोर्ड का सदस्य बनाया गया। आवास और शहरी विकास पर एशिया प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एपीएमसीएचयूडी) के ब्यूरो के अध्यक्ष के रूप में कार्य करने का अवसर मिला। वर्ष 2006 में और 2007-09 के बीच उन्हें यूएन-हैबिटेट की 21वीं गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष के रूप में चुना गया। वर्ष 2008 से 2011 तक वह राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के भारत क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए राष्ट्रमंडल महिला संसदीय संचालन समिति की सदस्य रहीं।
पंद्रहवीं लोकसभा चुनाव में बहन सैलजा फिर से सांसद चुनी गईं। यूपीए-2 के दौरान वह केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बनीं और जनवरी 2011 तक उन्हें आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया। जनवरी 2011 से अक्टूबर 2012 तक उन्होंने केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया। एक और फेरबदल के बाद उन्हें सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का प्रभार दिया गया, इस पद पर वह जनवरी 2014 तक रहीं। कुमारी सैलजा को एक मेहनती और समर्पित कार्यकर्ता, महिला सशक्तीकरण और सामाजिक न्याय के लिए एक विजेता के रूप में जाना जाता है। उन्होंने अपने पूरे करियर में उत्पीडि़त वर्गों के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए कड़ा संघर्ष किया। वर्ष 2014 में बहन सैलजा को अपने गृह राज्य हरियाणा से भारतीय संसद के उच्च सदन के लिए चुना गया और वह परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर स्थायी समिति की सदस्य भी रहीं। वर्ष 2019 में कुमारी सैलजा ने कांग्रेस पार्टी के लिए राज्य स्तर पर काम करने की इच्छा जताई। राज्य में विधानसभा चुनाव होने से ठीक पहले सितंबर 2019 में उन्हें हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एचपीसीसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वर्ष 2024 में सिरसा संसदीय सीट से विजयी होकर वे सांसद निर्वाचित हुई हैं और अपने क्षेत्र के विकास के लिए प्रयासरत हैं। इसके साथ-साथ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव व कांग्रेस कार्य समिति की सदस्य के रूप में भी पूरी निष्ठा से कार्य कर रही हैं।

देखा जाए तो पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री चौ. दलबीर सिंह के पदचिह्नों पर चलते हुए और उनके सिद्धांत अपनाकर कुमारी सैलजा भी निष्पक्ष, बेदाग व जनहित की राजनीति कर रही हैं। बहन सैलजा की कार्यशैली, तत्परता, अनुशासन व रचनात्मक सोच सभी को प्रभावित करती है। सांसद कुमारी सैलजा ने कभी भी पदों को अहमियत नहीं दी बल्कि कांग्रेस पार्टी के लिए हमेशा ईमानदारी से कार्य किया है और वर्तमान समय में भी पार्टी के विकास के लिए सतत् रूप से प्रयत्नशील हैं आज कल के गिरते राजनीतिक स्त्तर जिसमें किसी की कोई स्थाई विचारधारा नहीं है इसके बावजूद भी मीडिया के सवालों के जवाब में कहती है कि मेरी रगों में कांग्रेस का खून है और मेरा शरीर भी कांग्रेस के झंडे में लिपट कर जायेगा। तीन दशकों के राजनीतिक जीवन में सर्व समाज को साथ लेकर चलते हुए बहन सैलजा ने देश की राजनीति में सादगी, ईमानदारी व समर्पण की मिसाल कायम की है। खास बात यह कि हरियाणा की जनता कुमारी सैलजा को भावी मुख्यमंत्री के रूप में देख रही है।

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