वर्षा के कारण फसलों में लगातार बढ़ रही नमी की मात्रा, अब किसान अपनी फसल को सुखाकर मंडियों में सरकारी खरीद हेतु ला सकेंगे

चंडीगढ़ – हरियाणा में 20 सितंबर तक ही औसत से दोगुनी से भी अधिक हुई बारिश के चलते खरीफ विपणन सीजन 2024- 25 के तहत धान की सरकारी खरीद 23 सितंबर की बजाय अब 1 अक्तूबर से शुरू होगी। लगातार हो रही बारिश के कारण सभी जिलों में फसलों में नमी की मात्रा बढ़ रही है, जिससे किसानों को फसल काटने और सुखाने में देरी की संभावना है। इसलिए खरीफ की फसलों की सरकारी खरीद की अवधि अब 1 अक्तूबर से 15 नवम्बर 2024 तक निर्धारित की गई है ताकि किसान अपनी फसल को सुखाकर मण्डियों में सरकारी खरीद हेतु ला सके।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के प्रवक्ता ने  बताया कि प्राप्त आंकड़ों के अनुसार केवल सितंबर माह में अब तक 108.9 एमएम बारिश हो चुकी है। जबकि वर्ष 2023 में पूरे अगस्त माह में 69.3 एमएम तथा पूरे सितंबर माह में केवल 39.3 एमएम बारिश हुई थी। इस वर्ष अगस्त और सितंबर माह में लगातार बारिश होने से समय से पहले फसलों की जल्दी कटाई की सम्भावना अब बहुत कम होने के कारण सरकारी खरीद की शुरूआती तिथि में बदलाव का निर्णय लिया गया है।

प्रवक्ता ने बताया कि खरीफ खरीद सीजन 2024-25 के दौरान लगभग 60.00 लाख एम.टी धान की खरीद होने की संभावना है जिसके लिए भारत सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य कॉमन धान 2300 रुपए व ग्रेड-ए 2320 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। धान की खरीद के लिए प्रदेश में 241 मंडियां/खरीद केंद्र खोले गए हैं।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में बाजरा और मूंग की खरीद 1 अक्तूबर से लेकर 15 नवंबर तक की जाएगी। बाजरा की खरीद के लिए 91 तथा मूंग की खरीद के लिए 38 मंडियां/खरीद केंद्र खोले गए हैं। विभाग की ओर से खरीफ की शेष फसलों जैसे कपास, मूंग, मक्का, ज्वार, मूंगफली, तिल और अरहर की भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है।

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