गुरुग्राम।  25  नवंबर 2024।  वनवासी कल्याण आश्रम के अखिल भारतीय युवा प्रमुख वैभव सुरंगे ने कहा है कि इतिहास भारत कि विभिन जनजातीय क्रांतिकारियों द्वारा देश के स्वतंत्रता संग्राम के लिए दिए गए बलिदान पर मौन है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत 1857 से 70 वर्ष पहले बिहार के भागलपुर में शुरू हो चुकी थी जब जनजातिये क्रांतिकारी तिलका मांझी ने वर्ष 1780 में अपने साथियों के साथ मिल कर भागलपुर के अंग्रेजी कलेक्टर ऑगस्टस क्लीवलैंड की हत्या कर दी थी। उन्होंने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत जनजातिये क्रांतियों से हुई थी जिसमे सैकड़ों जनजातिये वीरों ने अपने साथियों के साथ अपने प्राणो की आहुति दी थी परन्तु भारत के इतिहास में इसका वर्णन नहीं मिलता।

वैभव सुरंगे रविवार की शाम गुरुग्राम में वनवासी कल्याण आश्रम गुरुग्राम आयोजित १५०वें जनजातिये गौरव दिवस के उप्लक्षय मेंआयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में मुख्य वक्त के रूप में बोल रहे थे।  प्रत्येक वर्ष महान जनजातिये क्रन्तिकारी बिरसा मुंडा जिनके नाम पर हाल ही में दिल्ली में सराये काले खां चौक का नामकरन किया गया, की 150 वी जन्म वर्षगांठ के उपलक्ष्य में जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन पूरे देश में किया जाता है।  

इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा वनवासी कल्याण आश्रम के अखिल भारतीय युवा प्रमुख वैभव सुरंगे ने कहा कि इतिहास में यह पड़ने को नहीं मिलता कि संथाल समुदाय के क्रांतिकारी तिलका मांझी को वर्ष 1785 में अंग्रेजी शासन ने गिरफ़्तार करके भागलपुर चौक पर फँसी दे दी गयी थी । बाद में इसी चौक का नाम तिलका मांझी  चौक रखा गया था।  छत्तीसगढ़ में भी  वर्ष 1818 में जब अंग्रेजी शासन शुरू हुआ, इसके 5 वर्ष बाद ही 1823 गेंद सिंह ने विद्रोह कर दिया।  फिर 1832 में भी जनजातिये क्रन्तिकारी बुद्धू भगत ने अंग्रेजी शासन के विरुद्ध “लड़का विद्रोह’ शुरू कर दिया था।  लेकिन इतिहास इस बारे में मौन रहा है कि भारत के स्वतंत्रता संग्रांकि शुरुआत जनजातियों ने की थी।  

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रताप जी, राष्ट्रीय सवयंसेवक संघ हरियाणा प्रान्त के संघ संचालक तथा नया गुरुग्राम के संघ चालक यशपाल जी ने भी सम्बोधित किया।  इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्त्ता हरी कांत मिश्रा, होम डेवेलपर्स एसोसिएशन के संरक्षक दिनेश नागपाल, लिवेंस क्लब के इंटरनेशनल डायरेक्टर वीरेंदर कुमार लूथरा, पीएचडी चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स  एंड इंडस्ट्री के पूर्व सेक्रेटरी जेनेरल सौरभ सान्याल, प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ़ ट्रेड एंड इंडस्ट्री, गुरुग्राम के अध्यक्ष प्रद्युम्न कुमार गुप्ता, हरियाणा कला परिषद् के पूर्व निदेशक संजय भसीन,  होम डेवेलपर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र यादव, उपस्थित रहे।  
स्टार-एक्स यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति हैं तथा समालखा में स्थित “सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र के स्किल डेवलपमेंट सेण्टर के निदेशक डॉक्टर अशोक दिवाकर ने कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत की।  इस अवसर पर वनवासी कल्याण आश्रम के प्रान्त कोषाध्यक्ष महेन्दर नरेश, गुरुग्राम अध्यक्ष जगदीश ग्रोवर तथा गुरुग्राम विभाग संयोजक जगदीश कुकरेजा भी उपस्थित थे।  
इस कार्यक्रम की विशेषता हरियाणा कला परिषद् की 17 -सदस्यीय मण्डली द्वारा प्रस्तुत नाटिका “बिरसा मुंडा” रही।  संजय भसीन द्वारा निर्देशित इस प्रस्तुति में बिरसा मुंडा का किरदार राजीव कुमार ने बिरसा मुंडा ने निभाया तथा सुगना मुंडा गौरव दीपक जांगरा बने।  

अन्य किरदार निकिता शर्मा, महक, साहिल, अनुराग, कंचन, आकाशदीप, पार्थ, चंचल, संदेश खन्ना, निखिल, प्रियांशु बंसल ने निभाए।  हरियाणा कला परिषद से प्रोडक्शन इंचार्ज विकास शर्मा उपस्थित रहे।  

कार्यक्रम का मंच सञ्चालन आश्रम के प्रान्त प्रचार प्रमुख संजीव आहूजा तथा गुरुग्राम महिला आयाम प्रमुख निशि गंडोत्रा ने किया।

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