अब तक हरियाणा की महाभारत में …….

-कमलेश भारतीय

धृतराष्ट्र जैसे संजय से हाल पूछा करते थे -बता संजय आज क्या हाल है युद्ध का ? ऐसे ही पत्रकारों से लोग फोन कर करके पूछ रहे हैं कि हरियाणा की चुनावी महाभारत का क्या दृश्य है ? इसलिए सोचा कि आज महाभारत का संजय बनकर हाल बता ही दूं । दोनों सेनाओं ने अपने अपने घोषणापत्र जारी कर दिये हैं, गारंटियां दे दी हैं और क्षेत्र में आकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, राहुल गांधी व अरविंद केजरीवाल हुंकार भर रहे हैं । इस तरह अपनी अपनी सेनाओं में जोश का संचार कर रहे हैं । निर्दलीयों का संकट भारी है, जायें तो किधर जायें ? सबसे ज्यादा दुविधा में अरबपति महिला श्रीमती सावित्री जिंदल हैं, जो निर्दलीय चुनाव महाभारत में आई हैं जबकि उनका बेटा नवीन जिंदल भाजपा में कुरूक्षेत्र से सांसद है यानी भीष्म पितामह की तरह भाजपा से बंधा है, मां की मदद के लिए चाह कर भी आ नहीं सकता ! मां बेटे की यह बेबसी देखकर मन बहुत दुखी है, महाराज युद्धिष्ठिर ! न मां बेटे को मदद के लिए बुला सकती, न बेटा मां की मदद करने आ सकता ! महाभारत यही है ! पूर्व राज्यसभा सांसद व मीडिया मुगल सुभाष चंद्र भी दुविधा में रहे और आखिरकार श्रीमती सावित्री जिंदल को निर्दलीय होती हुईं भी समर्थन देने की घोषणा कर दी । डाॅ कमल गुप्ता को पहले ही सहयोग देने से साफ इंकार कर चुके थे !

वैसे कांग्रेस शिविर का हाल सुनाऊं महाराज तो यहां तो रामायण जैसा दृश्य देखने को मिल रहा है ! सुना है कांग्रेस में टिकटों के बंटवारे के बाद से सिरसा से कांग्रेस सांसद व पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुश्री सैलजा कोपभवन में या कहीं अज्ञातवास में चली गयी हैं, जिसके बारे में कांग्रेस हाईकमान को भी कोई खबर नहीं ! न किसी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार में उतरी हैं, कम से कम जिनको टिकट दिलवाये हैं, उनकी नैया तो पार‌ लगाने आ जायें ! हिसार में रामनिवास राड़ा उनकी राह में पलक पांवड़े बिछाये बैठे हैं पर सुश्री सैलजा की कोई खबर नहीं ! वैसे अभी भाजपा में भी मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री बनने का खेल जारी है, महाराज युद्धिष्ठिर ! भाजपा में अनिल विज तैयार हो रहे हैं इस बार इस पद के लिए जबकि घोषित चेहरा नायब सिंह सैनी हैं ! अनिल विज जिद्द कर रहे हैं कि इस बार मुख्यमंत्री मैं ही बनूंगा ! प्रो रामबिलास शर्मा कभी कहते थे कि कांग्रेस वाले तो एक दूसरे का कांटा निकालते हैं जबकि इस बार उनका कांटा भाजपा में किसने निकाल दिया ? पता कर रहे हैं और वे हैं कि निर्दलीय नामांकन भी वापस ले गये कि मुझे भाजपा के झंडे तले आखिरी सांस लेने दीजिये ! ये किसी भीष्म पितामह से कम हैं, महाराज !

आज सूर्यास्त होने जा रहा है । सेनायें अपने अपने शिविरों में लौट रही हैं, महाराज ! अब मैं चलता हूँ, कल फिर आपकी सेवा में आ जाऊंगा !
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी। 9416047075

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