मौजूदा चुनावी दौर में फायर स्टेशन भी बनेगा एक बड़ा चुनावी मुद्दा सेकंड फ्लोर पर 50 सीढ़ियां फायर कर्मचारी के लिए आना और जाना समस्या पिछले करीब 8 वर्ष से अलग-अलग विभागों के बिल्डिंग में फायर स्टेशन फतह सिंह उजाला पटौदी । पटौदी के करोड़ों रुपए के बनाए गए मिनी सेक्रेटेरिएट के फ्रंट में ही खड़ी हुई फायर ब्रिगेड की गाड़ियां देखकर जिज्ञासा बन जाती है । वास्तव में यह पटौदी का फायर स्टेशन है या फिर मिनी सेक्रेटेरिएट ? पटौदी में फायर विभाग का अपना फायर स्टेशन और कर्मचारियों के लिए सुविधा एक सवाल ही बना हुआ है। कहने को तो डबल इंजन की भाजपा सरकार के कार्यकाल में फायर स्टेशन का निर्माण का दावा करते हुए इसका उद्घाटन भी कर दिया गया। लेकिन लाख टके का सवाल यह है कि फायर ब्रिगेड विभाग की गाड़ियां पटौदी के मिनी सेक्रेटेरिएट परिसर में खड़ी किया जाने की क्या मजबूरी है ? वर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए नॉनस्टॉप विकास परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास की कड़ी में पटौदी के फायर स्टेशन का मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के द्वारा उद्घाटन करवाया गया। यही मसला अब विधानसभा चुनाव में चुनावी मुद्दा भी बनने से इनकार नहीं किया जा सकता। सूत्रों से उपलब्ध जानकारी के मुताबिक वर्ष 2017 में पटौदी के लिए फायर स्टेशन अथवा फायर ब्रिगेड गाड़ियां की सुविधा की आधिकारिक मंजूरी मिल गई। वर्ष 2020 से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पटौदी के मिनी सेक्रेटेरिएट परिसर में ही खड़ी की जा रही है। फायर ब्रिगेड विभाग के कर्मचारी के बैठने और फायर विभाग का कार्यालय संचालन किया जाने के लिए मिनी सेक्रेटेरिएट के सेकंड फ्लोर पर ही कमरा भी उपलब्ध करवाया गया है। लेकिन लाख टके का सवाल यही है कि सेकंड फ्लोर तक आवागमन के लिए 50 सीढ़ियां चढ़ना और उतरना सभी के लिए जरूरी है । फिर इसमें चाहे फायर विभाग के अधिकारी शामिल हो, कर्मचारी हो या फिर फायर कार्यालय तक आवागमन करने वाला आम नागरिक या शिकायत करता ही क्यों ना हो। मिनी सेक्रेटेरिएट में फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट का कार्यालय संचालन होने और यहां गाड़ियां खड़ी किया जाने से पहले पटौदी के ही पुराने नागरिक अस्पताल परिसर में फायर ब्रिगेड की गाड़ियां खड़ी करने की व्यवस्था की गई । इसी प्रकार से हेली मंडी में बनाए गए नगर पालिका कार्यालय के सामने खाली पड़े नगर पालिका के गोदाम परिसर में फायर ब्रिगेड की गाड़ियां खड़ी करते हुए वहीं पर ही एक छोटे से कमरे में फायर डिपार्टमेंट का ऑफिस बनाने या संचालन करने का जुगाड़ किया गया। इस प्रकार से देखते देखते लगभग 8 वर्ष का समय बीत गया, पटौदी में फायर ब्रिगेड विभाग की गाड़ियों की संख्या बढ़ गई । इतना ही नहीं यहां पर छोटी संकरी गलियों और रास्तों में आपात स्थिति में आग बुझाने के वास्ते फायर ब्रिगेड विभाग की विशेष मोटरसाइकिल भी उपलब्ध करवाई गई थी। आज उनकी स्थिति के विषय में कुछ भी नहीं कहा जा सकता । लेकिन लाख टके का सवाल जो कि अब राजनीतिक मुद्दा भी बन सकता है, यही है कि मुख्यमंत्री के द्वारा उद्घाटित फायर ब्रिगेड स्टेशन परिसर में कब और कितनी जल्दी फायर ब्रिगेड की गाड़ियां खड़ी करने के साथ यहां कर्मचारियों के लिए भी समान प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। Post navigation पटौदी विधानसभा सीट …… दंगल के मैदान में पहुंचे सत्ता के दावेदार उम्मीदवार राजनीति की रणनीति …… भाजपा की नजर कांग्रेस की पर्ल द्वारा वोट की तैयार फसल पर