पटौदी विधानसभा सीट …… दंगल के मैदान में पहुंचे सत्ता के दावेदार उम्मीदवार

11 लाख की कुश्ती अजय गुर्जर और नासिर पहलवान के बीच बराबर

2 लाख रुपए की कुश्ती में भी पहलवानों के बीच नहीं हुआ फैसला

कासन गांव में उत्तर भारत का प्रख्यात मेला और सबसे बड़ा दंगल

फतह सिंह उजाला 

कासन / मानेसर । मानेसर औद्योगिक क्षेत्र और नगर निगम इलाके के गांव कासन में आयोजित उत्तर भारत के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन और दंगल मेला में सत्ता के दावेदार उम्मीदवार भी अपनी-अपनी दावेदारी लेकर पहुंचे । मुख्यतः  चार गांव कासन, ढाणा, बासकुसला और अलीयर की सरदारी और ग्रामीणों के द्वारा सामूहिक रूप से प्रतिवर्ष तीन दिवसीय मेला का आयोजन  बाबा बिसास भक्त  पूरणमल  की याद में किया जाता है। इस आयोजन की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी लगातार तीन दिन होने वाला दंगल कुश्ती का आयोजन होता है । इसमें देश भर के विख्यात पहलवान अपना  दमखम और दांवपेच दिखाने के लिए पहुंचते हैं।

चुनावी दंगल के चलते हुए गांव कासन में बाबा बिसास भक्त  पूरणमल के दरबार में अपनी अपनी हाजिरी लगाने के लिए राजनेता उम्मीदवार भी पहुंचे। यहां मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी की विमला चौधरी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की श्रीमती पर्ल चौधरी, जननायक जनता पार्टी के अमर सिंह  जेई, इंडियन नेशनल लोकदल के पवन भोडा का नाम लिया जा सकता है । इन्होंने यहां बाबा के दरबार में अपनी अपनी मनोकामना के साथ हाजिरी लगाते हुए विशाल कुश्ती दंगल में पहुंचे देश भर के मिट्टी के अखाड़े के विख्यात पहलवानों का अभिनंदन करते हुए उत्साह बढ़ाया। इसके साथ ही चुनावी उम्मीदवारों के द्वारा अपने-अपने पक्ष में राजनीतिक समर्थन के लिए भी इस मौके पर मौजूद संख्या लोगों के बीच अपनी बात रखते हुए आह्वान किया गया।

कासन दंगल के नाम से देश भर में विख्यात कुश्ती दंगल में सबसे बड़ी कुश्ती 11 लाख रुपए की मिट्टी के अखाड़े के विख्यात पहलवान नासिर और अजय गुर्जर के बीच आयोजन कमेटी के द्वारा करवाई गई। इस कुश्ती के फैसले के लिए पहलवानों को 20 मिनट का समय दिया गया । नासिर और अजय ने एक दूसरे को अपने-अपने  दमखम और दाव के जाल में फंसा कर पराजित करने का प्रयास किया। दोनों पहलवानों के बीच हार जीत का फैसला नहीं होने पर आयोजन कमेटी के द्वारा देश के विख्यात पहलवानों को सम्मान स्वरूप 151000 और 151000 की प्रोत्साहन राशि भेंट की गई। इस मौके पर मुख्य रूप से कासन के सरपंच सत्यदेव, ढाणा के सरपंच मुरारी लाल शर्मा, बास कुशला के सरपंच जयप्रकाश शर्मा, सरपंच प्रहलाद, मदन सिंह चौहान, ओमवीर सिंह , सावत सिंह, सत्यनारायण, विक्रम धनखड, विनोद सरपंच अलीयर, मोती हवलदार, सुंदर शर्मा सहित और भी सामाजिक कार्यकर्ता तथा प्रबुद्ध ग्रामीण मौजूद रहे।

आयोजन कमेटी के द्वारा बताया गया कुश्ती दंगल की दूसरी सबसे बड़ी कुश्ती 200000 की पहलवान भोला और पहलवान जतिन के बीच करवाई गई। लेकिन इस कुश्ती दंगल का भी दोनों पहलवानों के बीच कोई फैसला नहीं हो सका। आयोजन कमेटी के सदस्यों के मुताबिक यहां मेला और दंगल आयोजन की परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी पिछले 700 वर्ष से चली आ रही है। लोगों के बीच में आस्था और मान्यता है कि बाबा बिसास भक्त  पूरणमल के दरबार में सच्चे मन से मांगी गई मन्नत अवश्य पूरी होती है । यही कारण है कि प्रतिवर्ष तीन दिवसीय मेला के मौके पर देश भर से यहां अनगिनत भक्त और श्रद्धालु पूरे श्रद्धा भाव के साथ पहुंचते हैं।

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