माधोगढ़ में हैरी निर्माण को लेकर ग्रामीणों का विरोध, सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी 

गांव की पंचायत के बाद ऐलान बात नहीं सुनी गई तो विधानसभा चुनाव का बहिष्कार होगा

भारत सारथी कौशिक 

नारनौल। महेंद्रगढ़ उपमंडल के गांव माधोगढ़ में निर्माणाधीन हैचरी को लेकर रविवार को गांव के पंचायत घर में ग्रामीणों ने पंचायत कर प्रशासन और सरकार को चेतावनी दी। ग्रामीणों ने कहा कि समय रहते प्रशासन उनकी मांग को नहीं मानता तो भविष्य में बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से फैसला लिया कि उनकी मांग को नहीं सुना गया तो विधानसभा चुनाव का बहिष्कार होगा।

महेंद्रगढ़ जिले के गांव माधोगढ़ में एक हैचरी बनाई जा रही है। जिसका वहां के ग्रामीण जमकर विरोध कर रहे हैं। रविवार को गांव में ग्रामीणों ने एक पंचायत का आयोजन किया। उसमें सभी ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि समय रहते प्रशासन ने यदि इसे बंद नहीं करवाया तो 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा। फिर भी प्रशासन नहीं माना तो आसपास के गांवों के ग्रामीणों को इकट्ठा कर एक महापंचायत बुलाई जाएगी। 

गांव माधोगढ़ के सरपंच रामपाल ने बताया कि आज गांव के पंचायत घर में एक पंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें सभी ग्रामीण मौजूद रहे। पंचायत में सभी ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि गांव के नजदीक जो हैचरी का निर्माण किया जा रहा है, उसको रुकवाने के लिए यहां सभी एकत्रित हुए हैं। जिसमें सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया है कि अगर समय रहते प्रशासन ने कोई निर्णय नहीं लिया तो आगामी विधानसभा का बहिष्कार किया जाएगा। 

पंचायत की अध्यक्षता कर रहे जगबीर लांबा ने बताया कि दो सितंबर को ग्राम पंचायत व ग्रामीणों ने जिला उपयुक्त, सीटीएम व प्रदूषण विभाग को इसका निर्माण रोकने के लिए ज्ञापन दिया था। लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसी कारण आज यह पंचायत बुलाई गई है। 

उन्होंने बताया कि है का निर्माण माधोगढ़ गांव के नजदीक एक ढाणी में किया जा रहा है। जिसके अंदर 15 -20 घरों की बस्ती है। इसका निर्माण वहां पर होता है, तो वहां रहने वाले ग्रामीणों का बुरा हाल हो जाएगा और ग्राम वालों के स्वास्थ्य पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा। इसी के विरोध स्वरूप आज हमने गांव की पंचायत बुलाई और सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि समय रहते प्रशासन ने निर्माण कार्य को बंद नहीं करवाया तो विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा। उसके बाद भी अगर प्रशासन ने उनकी मांग को नहीं सुना तो भविष्य में आसपास के गांवों का सहयोग लेकर महा पंचायत का आयोजन कर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। ग्रामीणों ने कहा कि वह इस हैचरी का निर्माण नहीं होने देंगे चाहे कितना बड़ा बलिदान करना पड़े।

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