-कमलेश भारतीय ऐसा कभी हुआ कि नामांकन करने की अंतिम तिथि आ जाये और नौ विधानसभा क्षेत्रों के टिकट होल्ड पर रखे रहें? यह कमाल कांग्रेस ने कर दिखाया है और जिला हिसार की नारनौंद और उकलाना सीटें भी होल्ड सीटों में शामिल हैं क्योंकि कांग्रेस विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री खेल रही है और सरेआम कहा जा रहा हैं कि मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने में हर्ज ही क्या है? जहां तक हम पहुंचे हैं, वहां पहुंचने में लम्बा रास्ता तय किया है, अब मुख्यमंत्री बनने का रास्ता भी तय करना है ! तो कद्रदानो, मेहरबानो इतने दिन से आलाकमान के सामने टिकटों पर नहीं मुख्यमंत्री पद पर अप्रत्यक्ष रूप से दावा किया जा रहा था और अपने अपने सिपहसालारों को टिकट देने की रस्साकशी चल रही थी, जिसमें कांग्रेस नहीं, मुख्यमंत्री पद दिखता था ! अभी बाकी नौ सीटों पर नामांकन करने के लिए शायद इमरजेंसी फोन आयेगा ! कोई मुहूर्त निकलवाने का समय या पूजा पाठ का समय भी नहीं मिलेगा ! वैसे हिसार में कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता प्रो सम्पत सिंह के साथ सबसे ज्यादा बेइन्साफी हुई है, टिकट काटकर ! वैसे टिकट तो धर्मवीर गोयत का भी कटा ! इस तरह सेक्टर पंद्रह में अनिल मान के घर मिठाई तो बाकी दो घरों में मायूसी छा गयी ! इसी प्रकार हिसार में व्यापारी नेता बजरंग दास गर्ग और अशोक मंगालीवाला देखते रह गये, टिकट सुश्री सैलजा के खासमखास रामनिवास राड़ा की झोली में आया ! आखिर सुश्री सैलजा के प्रति वफादारी का इनाम मिल ही गया लेकिन बरवाला में भूपेंद्र गंगवा पिछड़ गये और रामनिवास घोड़ेला मैदान में उतारे गये ! पूर्व मुख्यमंत्री चौ भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन को भी सुश्री सैलजा की बफादारी के इनाम में टिकट मिल गया तो श्री हुड्डा की शरण में चले आ रहे पूर्व आईएएस अधिकारी चंद्रप्रकाश को कांग्रेस ने मंडी आदमपुर से प्रत्याशी बनाया है ! पिछली बार कांग्रेस सिर्फ एक ही सीट मंडी आदमपुर जीत पाई थी, जिससे चुने गये विधायक कुलदीप बिश्नोई ने कमल थाम लिया था यानी अब हिसार में कांग्रेस शून्य पर पहुंची हुई है । क्या जिला हिसार, जिसे सुश्री सैलजा अपना घर, परिवार कहती हैं और है भी, इस जिले में कोई करिश्मा कर पायेंगीं? यह एक यक्ष प्रश्न है ! यह चुनौती भी है । मुख्यमंत्री पद की लड़ाई से पहले विधायकों को जिताना जरूरी है ! कांग्रेस ने सांसद वरूण मुलाना की पत्नी पूजा को, जयप्रकाश के बेटे विकास सहारण और राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला के बेटे आदित्य सुरजेवाला को टिकट देकर परिवारवाद की गौरवशाली परंपरा को बनाये रखा है ! सिरसा से पूर्व मंत्री लछमन दास अरोड़ा के नाती गोकुल पर तो हांसी में पूर्व म़ंत्री अमीरचंद मक्कड़ के बेटे राहुल मक्कड़ पर दांव खेला है कांग्रेस ने ! कोई कुछ भी कहे, कहता रहे ! इस तरह ऐसा लगता है कि कुछ नाराज़ नेता निर्दलीय ही चुनाव मैदान में कूदने ही वाले हैं और कांग्रेस की सिरदर्दी भाजपा की तरह बढ़ने ही वाली है ! यही नहीं निर्दलीय भाजपा व कांग्रेस के लिए सिरदर्द बनने जा रहे हैं, ऐसा लगने लगा है । अभी तो यह पहली मज़िल है, तुम तो अभी से घबरा गये ! खेलते चलो, मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री का खेल ! यह खेल बहुत दिलचस्प होने जा रहा है और दिलचस्प होता जायेगा ! दिल थाम कर देखते रहिये मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री का खेल, कद्रदान, मेहरबान !-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी। 9416047075 Post navigation पुराने गिले शिकवों के दिन ……. तौबा, सबसे धनी महिला के पास नहीं कोई गाड़ी…