राजनीतिक आका राव इंद्रजीत के विश्वास को देनी होगी और मजबूती

बिलासपुर महापंचायत में  फूटी नाराजगी को दूर करना भी एक चुनौती

इस बार नरेंद्र मोदी के माया वाली नाम की हवा भी नहीं चल रही

अलग-अलग भाजपा नेताओं के समर्थकों को लाना होगा एक साथ

फतह सिंह उजाला 

पटौदी । वर्ष 2024 में सत्ता के संघर्ष के लिए मुकाबला सीधा और सीधा सत्ता पक्ष भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्ष कांग्रेस के बीच में ही है । दोनों पार्टियों के द्वारा अपने अपने उम्मीदवारों की घोषणा के बाद बाकी बचे उम्मीदवारों के नाम का बेसब्री से इंतजार बना रहा। आखिरकार कांग्रेस पार्टी को खुली चुनौती देते हुए भाजपा ने मंगलवार को अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा भी कर दी। आरक्षित पटौदी विधानसभा सीट पर एक बार फिर से पूर्व विधायक श्रीमती बिमला चौधरी को ही उम्मीदवार बनाया गया है । नामांकन में केवल मात्र दो दिन बाकी है , 12 सितंबर को नामांकन का अंतिम दिन है। अब देखना यही है कि मंगल पटौदी विधानसभा सीट पर भाजपा की बिमला के लिए कितना मंगलकारी साबित हो सकेगा ? एक बार फिर से भाजपा की टिकट पर दावेदारी ठोकते आ रहे विधायक सत्य प्रकाश के लिए मंगल निश्चित रूप से मंगल नहीं रहा है।

पटौदी से भाजपा उम्मीदवार के लिए केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के समर्थक को ही प्राथमिकता दी गई।  कथित रूप से पटौदी से विधायक सत्य प्रकाश के द्वारा भी टिकट के लिए दावेदारी पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर की मार्फत की गई। दूसरी तरफ बताया गया है राव इंद्रजीत सिंह के द्वारा पूर्व विधायक विमला चौधरी और आजाद चुनाव लड़ चुके नरेंद्र पहाड़ी के नाम की सिफारिश की गई। इन दोनों में मंगल वास्तव में पूर्व विधायक बिमला चौधरी के लिए मंगल साबित हुआ है । गुरुवार को नामांकन का अंतिम दिन है, मंगलवार नामांकन का समय बीत चुका है और बीच में एक दिन बुधवार का सभी प्रकार की तैयारी सहित औपचारिकताएं पूरी करने के लिए बचा हुआ है।

किंतु – परंतु नहीं कहते हुए सीधी सीधी बात यही है कि  कांग्रेस पार्टी के द्वारा सत्ताधारी भाजपा को राजनीतिक रूप से जबरदस्त टक्कर दी जा रही है। उसको ध्यान में रखते हुए किंतु परंतु नहीं कहते हुए सीधी सीधी बात यही है कि बिमल चौधरी के लिए अपने राजनीतिक आका राव इंद्रजीत सिंह के विश्वास को और अधिक मजबूत बनाना भी एक राजनीतिक चुनौती बनी हुई महसूस की जा रही है। विमला चौधरी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की सिफारिश पर ही वर्ष 2014 में भाजपा की उम्मीदवार बनी और पटौदी विधानसभा क्षेत्र में 75198 वोट प्राप्त करके जिला गुरुग्राम की हरियाणा बनने के बाद पहली महिला विधायक होने का गौरव प्राप्त किया। 

इसी कड़ी में यह बात याद दिलाना भी बहुत जरूरी है कि बिलासपुर में  आधे अधूरे फ्लाई ओवर के मुद्दे को लेकर बुलाई गई 108 गांव की महापंचायत के मंच पर जो कुछ भी घटा। वह निश्चित रूप से 5 अक्टूबर तक कहीं ना कहीं लोगों के बीच चर्चा के साथ सवाल बना ही रहेगा । चुनाव का मौसम एक ऐसा मौसम है, जिसमें राजनेताओं के द्वारा किए गए वादे और घोषणाएं अंकुरित होकर एक प्रकार से खरपतवार का रूप भी ले लेते हैं । अब फसल खेत में हो या फिर राजनीति के मैदान में वोट की फसल हो , इस प्रकार का खरपतवार निश्चित रूप से परेशानी का कारण बनता ही रहता है। महापंचायत में जब पूर्व विधायक बिमवला  चौधरी के द्वारा अपने राजनीतिक आका केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह से मिलकर समस्या के समाधान की बात कही गई, उसी समय जो कुछ घटा , अब वह कुछ दोहराना उचित भी नहीं है । इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान भी बिलासपुर फ्लाई ओवर तथा यहां सर्विस लाइन के अलावा राठीवास में अंडरपास फुटओवर ब्रिज बिलासपुर चौक पर फुट ओवर ब्रिज स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए यू कट अथवा यू टर्न की समस्या भाजपा उम्मीदवार राव इंद्रजीत सिंह के समक्ष संज्ञान में लाई गई । लोकसभा चुनाव के बाद इसका परिणाम यही सामने आ रहा है कि क्षेत्र के लोग अब दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे पर ही महापंचायत का तंबू लगाकर हाईवे जाम करने का निर्णय सहित चुनाव का बहिष्कार का मन भी बन चुके हैं ।

लोकसभा चुनाव में भाजपा के राव इंद्रजीत के पक्ष में चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व विधायक विमला चौधरी और आरती राव को भी मिले अनुभव या ग्रामीणों के द्वारा किए गए सवाल जवाब अभी भूले भी नहीं होंगे । कुल मिलाकर राव इंद्रजीत सिंह के सबसे मजबूत राजनीतिक गढ़ पटौदी में  हीं किंतु परंतु नहीं कहते हुए सीधी सीधी बात यही है कि बिमला चौधरी को राव इंद्रजीत सिंह के नाम का खोया हुआ विश्वास जनता के बीच में नए सिरे से पैदा करना चुनौती ही साबित हो सकता है । अब जब तक मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के द्वारा पटौदी विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार घोषित नहीं कर दिया जाता , तब तक इंतजार करना होगा। भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार  बिमला  चौधरी और कांग्रेस के उम्मीदवार का चेहरा सामने आने के बाद ही यहां होने वाले राजनीतिक दंगल में हार जीत का लोगों के बीच अपना-अपना गुणा भाग भी आरंभ हो जाएगा।

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