शहर हो या देहात कहीं नहीं सुनाई दे रहा चुनाव प्रचार का शोर

नामांकन के लिए बचे हुए हैं केवल मात्र आने वाले तीन दिन और

भाजपा और कांग्रेस सहित किसी भी अन्य दल ने नहीं बताये अपने उम्मीदवार

फतह सिंह उजाला 

पटौदी । हरियाणा की राजनीति के इतिहास में संभवत 2024 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह पहला ऐसा मौका है। जब नामांकन में गिनती के तीन दिन शेष बचे हैं । इसके विपरीत सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी कांग्रेस पार्टी सहित किसी भी अन्य पॉलिटिकल पार्टी के द्वारा अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा करने का अभी तक साहस नहीं दिखाया गया है । इसके पीछे एक मुख्य कारण यही माना जा रहा है , टिकट से वंचित रहने वाले कहीं दूसरी पार्टी की टिकट पर मुकाबले में नामांकन दाखिल नहीं कर सके। इतना ही नहीं भाजपा के प्रभावशाली नेताओं और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के द्वारा भी अपने-अपने समर्थकों को टिकट दिलवाने के लिए घेराबंदी का सिलसिला जारी है।

लोकसभा चुनाव में भी भाजपा और कांग्रेस के द्वारा अपने-अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित करने में जल्दबाजी से परहेज किया गया । ठीक इसी प्रकार से विधानसभा चुनाव में भी पॉलिटिकल पार्टियों और चुनाव कमेटी या फिर स्क्रीनिंग कमेटी का इसी प्रकार का रवैया सामने आ रहा है । कुल मिलाकर टिकट के दावेदार और चुनाव के उम्मीदवार की घोषणा नहीं किया जाने से सबसे अधिक बेचैनी संभावित उम्मीदवार और संबंधित पॉलीटिकल पार्टी के कार्यकर्ताओं तथा समर्थकों के बीच में बनती चली जा रही है। इसी प्रकार से चंडीगढ़ विधानसभा में पहुंचने की मशक्कत में लगे हुए टिकट की दौड़ में शामिल दावेदार उम्मीदवारों के विषय में भी कहा जा सकता है ।  जब तक टिकट हाथ में ना आ जाए या फिर संबंधित पार्टी की चुनाव समिति के द्वारा लिस्ट जारी न कर दी जाए, बेचैनी पल पल और अधिक बेचैन करती चली जा रही है।

9 सितंबर मंडे तक आरक्षित पटौदी विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनने के लिए किसी भी पॉलीटिकल पार्टी के दावेदार उम्मीदवार के द्वारा नामांकन दाखिल नहीं किया जा सका। पॉलिटिकल पार्टियों के अलग आजाद उम्मीदवार के तौर पर भी अभी तक कोई चेहरा सामने नहीं आया है। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के अतिरिक्त हरियाणा में चुनाव के लिए इंडियन नेशनल लोकदल और बहुजन समाज पार्टी तथा जननायक जनता पार्टी और आजाद समाज पार्टी के बीच में तालमेल बना हुआ है । कांग्रेस पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच चुनावी तालमेल को लेकर समाचार लिखे जाने तक किसी भी प्रकार की आधिकारिक पुष्टि की जानकारी उपलब्ध नहीं हुई।

राजनीति के जानकार और रुचि रखने वाले लोगों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी लगातार तीसरी बार सरकार की हैट्रिक बनाने का दावा कर रही है। दूसरी तरफ पिछले 10 वर्ष से मुख्य विपक्ष की भूमिका में कांग्रेस पार्टी वर्ष 2024 में भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने की हैट्रिक से रोकने और कांग्रेस की सरकार बनाने के वास्ते गंभीरता से जनहित के मुद्दों को उठाते हुए भाजपा की नीतियों का जनता के बीच पोस्टमार्टम करते हुए अपने लिए जन समर्थन जुटाना की मुहिम में लगी है । समाचार लिखे जाने तक भारतीय जनता पार्टी के द्वारा दो दर्जन से अधिक विधानसभा क्षेत्र में पटौदी विधानसभा क्षेत्र सहित अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित नहीं किया जा सके। इसी प्रकार से मुख्य मुकाबले में कांग्रेस पार्टी के द्वारा भी आरक्षित पटौदी विधानसभा क्षेत्र सहित हरियाणा प्रदेश की विभिन्न 50 विधानसभा सीट पर यदि आम आदमी पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन नहीं होता है , तो उम्मीदवारों के नाम की घोषणा किया जाना है । जैसे-जैसे एक दिन बीत रहा है, ठीक उसी प्रकार से टिकट के दावेदार उम्मीदवारों सहित संबंधित पार्टी और नेताओं के समर्थक और कार्यकर्ताओं में भी बेचैनी फैलती चली जा रही है।

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