2024 सत्ता का संघर्ष …… अपना अपना शक्ति प्रदर्शन करने के बाद हाथ में इस्तीफा दिखाने को मजबूर

गुरुग्राम में प्रदेश स्तरीय दो भाजपा नेताओं ने पार्टी छोड़ने का किया दावा

टिकट की दावेदारी को लेकर विभिन्न आयोजन में दिल खोलकर किया खर्च

नेताओं का दावा 36 बिरादरी का समर्थन लेकिन भाजपा का नहीं बना मन

फतह सिंह उजाला 

गुरुग्राम । डबल इंजन की सरकार बनाने की दावेदार दुनिया की सबसे बड़ी पॉलीटिकल पार्टी और इलेक्शन एक्सपर्ट को शायद इस बात का अंदेशा नहीं रहा होगा कि 2024 में फिर से सरकार की हैट्रिक बनाने की टीम की घोषणा के साथ ही अपनी ही टीम के खिलाड़ी बगावत का ढोल बजा देंगे। दुनिया में विख्यात साइबर सिटी के नाम से गुरुग्राम जो कि जिला मुख्यालय भी है । यहां की हर छोटी और बड़ी समस्या से लेकर गतिविधि देश और दुनिया में चर्चा का विषय बन सभी का ध्यान आकर्षित करती है ।

हरियाणा सरकार के खजाने में सबसे अधिक राजस्व साइबर सिटी, आईटी सिटी, मेडिकल हब कहे जाने वाले गुरुग्राम शहर से ही पहुंचता है। अब जब चुनाव का बिगुल बज गया और विशेष रूप से सत्ताधारी भाजपा के द्वारा अपनी पार्टी से चुनाव लड़ने के उम्मीदवारों को टिकट देने की घोषणा की गई। इसके तुरंत बाद एक्शन का रिएक्शन देखने के लिए मिला है । राजनीति के जानकारों  के मुताबिक गुरुग्राम सोहना और बादशाहपुर के इलेक्शन को सबसे अधिक खर्चीला या फिर पेसा फेंक तमाशा देख वाला माना जाता रहा है । जिस प्रकार से प्रदेश और देश में मोदी के नाम की लहर चली, लोकसभा चुनाव में 400 पार का शोर मचाया गया। हरियाणा प्रदेश में कहीं ना कहीं भाजपा सरकार और नेतृत्व को लेकर जनता की नाराजगी को महसूस करते हुए सरकार का नेतृत्व भी बदलते हुए मंत्रिमंडल में भी चेहरे बदले गए विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों के नाम के साथ टिकट की घोषणा होते ही सबसे अधिक झटका भाजपा को ही लगा।

हरियाणा प्रदेश में भाजपा सरकार की संभावित हैट्रिक को देखते हुए भाजपा के ही नेताओं के द्वारा पिछले कई वर्षों से भाजपा संगठन में विभिन्न संकायों की जिम्मेदारी संभालते हुए वर्ष 2024 की तैयारी जारी रखी गई । लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव लड़ने के दावेदार नेताओं और चेहरों ने एकदम से गली मोहल्ले से लेकर भाजपा पार्टी के विभिन्न आयोजन के मंच पर अपनी दमदार मौजूदगी का एहसास अपने-अपने समर्थकों की फौज लेकर करवाना आरंभ कर दिया। विभिन्न प्रकार के तीर्थ भ्रमण करवाने से लेकर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाना, रेल ट्रैक पर रेलवे स्टेशन पर पहुंची ट्रेनों को ठहरने के बाद झंडी दिखाने से लेकर धार्मिक आयोजन जैसे विभिन्न प्रकार के आयोजन करते हुए इस प्रकार से खर्च किया गया की पानी और पैसे या फिर पैसे और पानी में अंतर करना किसी के लिए आसान काम नहीं हो सकता। पिछले कई वर्षों से ऐसे ही आयोजन करते हुए जहां सरकार के आयोजन जनसभा, बड़ी रैली या फिर व्यक्तिगत आयोजन में भाजपा पार्टी के बड़े नेताओं सहित सरकार के प्रतिनिधियों को बुलाकर भी 2024 में टिकट के लिए अपनी-अपनी दावेदारी परोक्ष या फिर अपरोक्ष रूप से प्रस्तुत करते रहे।

जिस प्रकार से मानसून की बारिश या फिर प्री मानसून अथवा पोस्ट मानसून की बरसात होते ही गुरुग्राम शहर के हालात चिंताजनक बन जाते हैं। इसी प्रकार मानसून के जारी रहते हुए चुनाव की घोषणा के बीच भाजपा के द्वारा घोषित उम्मीदवारों के नाम सहित टिकट को देखते हुए भाजपा के ही प्रदेश करके नेताओं के द्वारा नामांकन प्रक्रिया जारी रहने से लेकर मतदान होने से पहले ही अपने-अपने हाथों में पार्टी से इस्तीफा देने का दावा करते हुए किनारा करने की घोषणा करते भाजपा की चिंता बढ़ा दी। इतना ही नहीं पार्टी से किनारा करने वाले भाजपा के प्रदेश स्तर के नेताओं के द्वारा दुनिया के मानचित्र पर अपनी अलग पहचान बनाए हुए गुरुग्राम शहर में गुरुग्राम विधानसभा सीट से इलेक्शन लड़ने का ऐलान यदि वास्तव में गंभीरता के साथ किया गया है। तो निश्चित ही दुनिया की सबसे बड़ी पॉलीटिकल पार्टी भाजपा के लिए यह सीरियस पॉलिटिकल चैलेंज ही कहा जा सकता है । बाकी क्या कुछ होगा , यह भविष्य के गर्भ में है ? क्योंकि हरियाणा में विधानसभा चुनाव मतदान 5 अक्टूबर को होना निश्चित किया गया है।

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