2019 में 8 बूथ पर 10 वोट तक भी नहीं प्राप्त कर सका उम्मीदवार 107 बूथ पर वोट की संख्या 100 तक भी नहीं पहुंच सके टोटल 243 में से 178 बूथ पर 100 से भी कम वोट बटोर गए 2019 में कांग्रेस को एक बूथ पर तो केवल मात्र दो ही वोट प्राप्त हुए फतह सिंह उजाला पटौदी । हरियाणा प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन आरंभ होने में आने वाले 72 घंटे का ही समय बचा है । लेकिन अभी तक मुख्य मुकाबले में मानी जा रही भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी के द्वारा उम्मीदवारों को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले गए हैं । भाजपा चाहती है सरकार बनाने की हैट्रिक बने और कांग्रेस की रणनीति है अपनी पराजय की हैट्रिक को रोकते हुए सरकार बनाई जाए। दोनों ही पार्टियों के वरिष्ठ नेता अपने-अपने समर्थक और शुभचिंतकों को टिकट दिलवाने के लिए शाम दाम दंड भेद की रणनीति पर गंभीर है। एक-एक उम्मीदवार की खास तौर से राजनीतिक कुंडली का कई कई बार अध्ययन करते हुए विश्लेषण भी किया जा रहा है । जब सत्ता के लिए पक्ष और विपक्ष इतना अधिक गंभीर चिंतन और मंथन कर रहा हो तो ऐसे में कम से कम पिछली योजना के चुनाव और उम्मीदवार के प्रदर्शन का भी आकलन जरूरी हो जाता है। कहीं किसी भावना या फिर अन्य कारण से टिकट देकर उम्मीदवार बना दिया जाए तो परिणाम आशा अनुरूप भी नहीं मिल पाते हैं। इस बार आमने-सामने का मुकाबला भाजपा और कांग्रेस पर बना हुआ है। इसी प्रकार का मुकाबला वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में आरक्षित विधानसभा सीट पटौदी में भी देखने के लिए मिला। लेकिन यहां कांग्रेस पार्टी के प्रदर्शन का विश्लेषण किया जाए तो बहुत ही रोचक और चौंकाने वाला आकलन कहा जा सकता है। पटौदी विधानसभा क्षेत्र में लगभग 243 पोलिंग बूथ हैं । अब इस बात को कोई माने या ना माने, देश की सबसे पुरानी पॉलीटिकल पार्टी कांग्रेस को वर्ष 2019 में पटौदी विधानसभा क्षेत्र में एक बूथ पर केवल मात्र दो ही वोट प्राप्त हो सके । जबकि कांग्रेस का वर्ग विशेष पारंपरिक वोट बैंक हर जगह उपलब्ध रहा है । 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी और उम्मीदवार चौथे स्थान पर रहा । भाजपा पहले स्थान पर थी । दूसरे स्थान पर आजाद उम्मीदवार और तीसरे स्थान पर जननायक जनता पार्टी का उम्मीदवार रहा। किसी कड़ी में और भी चौंकाने वाला तथ्य यह है कि कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार 2019 के चुनाव में आठ बूथ पर 10-10 वोट भी प्राप्त करने में सफल नहीं हो सके । इसी प्रकार से विभिन्न 107 पोलिंग बूथ ऐसे भी हैं , जहां पर उम्मीदवार कांग्रेस के लिए 50-50 वोट भी या फिर 50 50 लोगों का विश्वास भी नहीं जीत सका। कांग्रेस पार्टी के लिए राहत की बात इतनी सी रही 2019 में केवल मात्र 12 पोलिंग बूथ पर ही अपने मुख्य मुकाबला पार्टियों से कांग्रेस पार्टी अधिक वोट प्राप्त करने में जैसे-जैसे सफल रही। पटौदी विधानसभा क्षेत्र के 243 पोलिंग बूथ में से 178 पोलिंग बूथ ऐसे भी हैं, जहां पर सबसे पुरानी पॉलीटिकल पार्टी कांग्रेस और उसके उम्मीदवार वोट या फिर जनता के समर्थन का आंकड़ा 100 तक भी नहीं पहुंचा सके। 2019 में कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के द्वारा आरक्षित पटौदी विधानसभा क्षेत्र में 18941 वोट का ही समर्थन प्राप्त कर संतोष करना पड़ा। लोगों विशेष रूप से कांग्रेस समर्थकों के बीच अब चर्चा यही है कि जिस प्रकार से कांग्रेस के पक्ष में वरिष्ठ नेताओं के द्वारा रात दिन एक करके माहौल बनाते हुए लोगों के बीच विश्वास पैदा किया गया । उस विश्वास को सरकार बनाने के यकीन में बदलने के लिए कांग्रेस चुनाव समिति और कांग्रेस इलेक्शन स्क्रीनिंग कमेटी को केवल और केवल पटौदी विधानसभा क्षेत्र में ऐसे उम्मीदवार को आगे लेकर आना चाहिए। जो की जीत की गारंटी और सरकार बनवाने की गारंटी हो। Post navigation भाजपा ने 10 साल के शासन में लोगों को सिर्फ दफ्तरों के चक्कर कटवाएं-विकास यादव पूर्व आईएएस भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एमएसपी के आंकड़े देकर की कांग्रेस और बीजेपी की तुलना