-कमलेश भारतीय

भाजपा सांसद व फिल्म अभिनेत्री कंगना रानौत अपनी नयी फिल्म ‘इमरजेंसी’ और किसान आंदोलन पर दिये विवादास्पद बयान से चौतरफा घिर गयी हैं ! जहां तक कि भाजपा ने भी कंगना के बयान से किनारा करते कहा कि पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी से बचना चाहिए । इस तरह एक बार तो कंगना विपक्ष के चक्रव्यूह में अभिमन्यु की तरह अकेली पड़ गयी लगती हैं तो दूसरी तरफ शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने अलग नोटिस दे रखा है कि माफी मांगो बयानबाजी पर और इमरजेंसी का ट्रेलर वापस लो । ट्रेलर में सिखों का अपमान किया गया है ।

इन सबके बीच पूर्व सांसद व पूर्व पुलिस अधिकारी सिमरनजीत सिंह भी कूद पड़े हैं । श्री मान ने करनाल की कर्ण झील पर मीडिया से बातचीत में यह सवाल पूछ लिया कि कंगना रानौत से ही पूछिये कि यह दुष्कर्म होता कैसे है? यानी अभद्र टिप्पणी कर खुद मान भी विवाद में फंस गये हैं । कंगना ने तुरन्त एक्स पर जवाब दिया कि पितृसत्तात्मक राष्ट्र की मानसिकता में इतनी गहरी जड़ें जमा चुका है कि इसका इस्तेमाल महिलाओं को चिढ़ाने या उनका मज़ाक उड़ाने के लिए किया जाता है । भले ही मज़ाक उड़ाने वाला एक हाई प्रोफाइल फिल्म निर्मात्ता या फिर राजनीतिज्ञ ही क्यों न हो !

कंगना रानौत की इस बात में तो दम है और देखिये लड़ते तो मर्द हैं लेकिन सारी गालियां औरत के नाम होती हैं । श्री मान की इस अभद्र टिप्पणी का नोटिस महिला आयोग ने भी लिया है और पूर्व सांसद को नोटिस भेजा है ! वैसे यह महिला आयोग नोटिस देकर ही अपने कर्त्तव्य से इतिश्री कर लेता है । किसी मामले में महिला आयोग ने कोई कड़ी कार्रवाई की हो किसी पर तो सामने आनी चाहिए ! महिला आयोग ने महिला कोच के लिए क्या किया, सिवाय बयानबाजी के? महिला आयोग को चिंता है कोलकाता की ट्रेनी डाॅक्टर की रेप के बाद हुई हत्या का, जिसको आधार बना कर लोकतांत्रिक ढंग से चुनी सरकार को दरकिनार कर राष्ट्रपति शासन लगाये जाने की चर्चा गर्म है !

वैसे कंगना को भी अपनी बात स़यम व धैर्य से रखनी चाहिए ताकि नये नये विवादो़ं में न घिरे !
आग तेरी है, न मेरी
आग को मत दे हवा
राख मेरा घर हुआ
तो तेरा घर देखेगा कौन?
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी। 9416047075

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