कांग्रेस में किसको मिलेगा टिकट हरियाणा प्रभारी ने दिया नया संदेश 

अब टिकट चाहने वाले नेताओं के लिए बूथ कमेटी की लिस्ट आवेदन के साथ जमा करना अनिवार्य

जाट चेहरों का टिकट कटेगी कांग्रेस जमानत जब वह दो बार हर नेता होंगे बाहर 

पंजाबी ब्राह्मण समेत चार जाटों का बढ़ सकता है कोटा, आज से स्क्रीनिंग का काम शुरू 

अशोक कुमार कौशिक 

हरियाणा में विधानसभा चुनावों के ऐलान के बाद कांग्रेस ने पूरी ताकत से तैयारी में जुट गई है। इस कड़ी में हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने टिकट के आवेदक नेताओं के लिए एक संदेश जारी किया है। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि हरियाणा से कांग्रेस की टिकट चाहने वाले नेताओं के लिए बूथ कमेटी की लिस्ट आवेदन के साथ जमा करना अनिवार्य है। बिना बूथ कमेटी की लिस्ट के आवेदन को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

दीपक बाबरिया ने कहा कि जिन आवेदकों ने बूथ कमेटी की लिस्ट जमा नहीं की है उन्हें 26 अगस्त यानी आज शाम तक बूथ कमेटियों की लिस्ट जमा करना होगा। उन्होंने कहा कि बूथ कमेटी में फर्जी नाम दिए जाने पर आवेदन रिजेक्ट हो सकता है। चुनाव के दौरान बूथ पर नजर रखने के लिए बूथ कमेटी का होना अनिवार्य बताया गया है। मैसेज में कहा गया कि लोकसभा चुनाव में बूथ कमेटियों के बेहतर काम के नतीजे भी देखने को मिले थे।

समय से पहले विधानसभा चुनाव का ऐलान

हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने अपने संदेश में कहा कि हरियाणा कांग्रेस के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पार्टी के हरियाणा मांगे हिसाब अभियान में जिस उत्साह के साथ बढ़-चढ़कर भागीदारी की, बीजेपी के 10 वर्षों के कुशासन के खिलाफ पूछे गये 15 सवालों का घर-घर प्रचार-प्रसार किया, रैलियां की, उससे कांग्रेस के पक्ष में बने माहौल से घबराकर बीजेपी सरकार ने समय से पहले ही विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया है।

हरियाणा कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में टिकटों पर मंथन के बीच विधानसभा सीटों का गुणा भाग कर गणित तैयार कर लिया है। इस बार कांग्रेस बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए गैर जाट वोट बैंक पर ज्यादा फोकस करेगी। यही वजह है कि कांग्रेस इस बार टिकट आवंटन में जाट कोटे के चेहरों की टिकट भी काट सकती है। ब्राह्मण, पंजाबी, वैश्य और राजपूत के टिकट कोटे में इजाफा हो सकता है।

इसके अलावा 2019 के विधानसभा चुनाव में जमानत नहीं बचाने वाले उम्मीदवार भी पैनल से बाहर किए जाएंगे। कांग्रेस ने 2019 के विधानसभा चुनाव में 27 हलकों में अपनी जमानत जब्त करवाई थी। 15 प्रत्याशी ऐसे भी रहे जिन्होंने लगातार दो बार हार अपने खाते में दर्ज करवा ली है। इसमें से कई के नाम यह दोनों ही रिकॉर्ड है।

लोकसभा चुनाव का फार्मूला अपनाया जाएगा 

कांग्रेस नेतृत्व लोकसभा चुनाव की तर्ज पर इस बार विधानसभा चुनाव में भी सोशल इंजीनियरिंग के तहत टिकट देने का पक्षधर है। अगर इस तरह का निर्णय कांग्रेस ने लिया तो फिर प्रदेश में 2019 के मुकाबले इस बार जाट उम्मीदवारों की संख्या कम हो सकती है। आमतौर पर कांग्रेस 28 से 30 जाट नेताओं को टिकट देती रही है लेकिन लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस गैर जाट उम्मीदवार उतारती रही है।लेकिन इस बार चुनाव में दो ही जाट नेताओं को टिकट मिला, रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा और हिसार से जयप्रकाश जेपी को टिकट मिली थी। दोनों ही चुनाव जीतने में कामयाब रहे। प्रदेश में विधानसभा की 90 सीटे हैं, जिसमें 17 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।

हरियाणा कांग्रेस में आमतौर पर मौजूद विधायकों को लेकर ‘सिटिंग-गैटिंग’ का फार्मूला लागू होता रहा है। इसके तहत मौजूदा विधायकों और बड़े नेताओं के प्रिया नेताओं को टिकट मिल जाती थी इस फार्मूले से हमेशा से ही पार्टी को नुकसान हुआ है 10 सालों से इस कारण से पार्टी प्रदेश की सत्ता से बाहर है। इस वजह से इस फार्मूले से भी पार्टी तौबा करेगी।

कांग्रेस 73 सीटों को लेकर अपना गणित सेट करने में जुटी है। अभी तक के मंथन में यह बात सामने आई है कि पिछड़ा वर्ग- बी के अलावा बीसी-ए के अंतर्गत आने वाली जातियों को इस बार टिकट आवंटन में पहले से अधिक तवज्जो मिल सकती है। फलस्वरुप ब्राह्मण, पंजाबी, वैश्य और राजपूत कोटे में इजाफा हो सकता है। रोड के अलावा सिख कोटे में भी इस बार बढ़ोतरी संभव दिखाई दे रही है। कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने इस बात की पुष्टि की है कि पार्टी नेतृत्व वह हरियाणा इकाई सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले पर काफी गंभीरता से मंथन कर रही है।

प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया

बावरिया ने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस के पक्ष में बने माहौल से हमारी जीत की संभावनाएं पहले से कहीं अधिक बढ़ गयी हैं। वहीं प्रदेश में दिन बीजेपी के घटते जनाधार के कारण वह चुनाव कराने की जल्दी में है। इसके चलते कांग्रेस को भी चुनाव के लिये प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया को जल्द पूरा करना होगा।

आज से स्क्रीनिंग कमेटी शुरू करेगी चयन का काम

दीपक बाबरिया ने कहा कि प्रत्याशी चयन का यह काम 26 तारीख यानी आज से स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा शुरु हो जायेगा। जिन संभावित उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ने के लिये आवेदन किया है उन सभी को व्यक्तिगत तौर पर साक्षात्कार लिया जा रहा है। इसके बाद सभी संभावित उम्मीदवारों की ताकत और कमजोरी की पहचान कर उनका रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है। इसके आधार पर स्क्रीनिंग कमेटी के सामने नाम रखें जाएंगे।

बूथ कमेटी का गठन होना अनिवार्य

उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में एक बात सामने आई है कि ज्यादातर दावेदारों ने विधानसभा संयोजक, जिला संयोजक को अपनी बूथ कमेटी की लिस्ट को हस्तगत नहीं कराया है। लेकिन इस बात से हर कोई वाकिफ है कि जो साथी अपनी बूथ कमेटी नहीं बना सकते, वो पूरी क्षमता से चुनाव लड़ने के काबिल नहीं हो सकते । ऐसी परिस्थिति में बीजेपी हमारी कमजोरी का लाभ उठा सकती है। इसलिये बूथ कमेटी का गठन होना अनिवार्य है।

कांग्रेस में अभी दो धड़े  एक्टिव है एक गुट भूपेंद्र सिंह हुड्डा तो दूसरा कुमारी शैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला व चौधरी बीरेंद्र सिंह का है। यह दोनों नेता अपने साथ जुड़े उनके समर्थको की भी टिकट के लिए लाबिंग कर रहे हैं । उन्हें अपने-अपने नेताओं पर विश्वास है कि वह टिकट के लिए उनकी पूरी मदद करेंगे। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस के टिकट आवंटन में कोटा सिस्टम चला था। 

उस समय प्रदेश अध्यक्ष रहे अशोक तंवर के समर्थकों को टिकट नहीं मिलने के चलते तंवर ने पार्टी छोड़ दी थी। हालांकि शैलजा व रणदीप सिंह अपने समर्थकों को टिकट दिलवाने में सफल रहे थे। वैसे इस बार कोटा सिस्टम की बजाय मेरिट पर टिकट देने की बात नेतृत्व की ओर से की जा रही है। 

लोकसभा चुनाव में टिकट आवंटन में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का पलड़ा भारी था। पूर्व केंद्रीय मंत्री शैलजा की सिरसा सीट को छोड़कर बाकी संसदीय सीटों पर हुड्डा की पसंद के ही व्यक्तियों को टिकट मिली थी। रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा, फरीदाबाद में महेंद्र प्रताप सिंह, गुरुग्राम में राज बब्बर, भिवानी महेंद्रगढ़ से राव दानसिंह, हिसार से जयप्रकाश, सोनीपत से सतपाल ब्रह्मचारी, करनाल से दिव्यांशु बुद्धिराजा और अंबाला से वरुण चौधरी को टिकट दिलवाने में हुड्डा कामयाब रहे थे। 

कांग्रेस में टिकट आवंटन को लेकर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद कुमारी शैलजा के बीच खिंचतान जारी है। यह नजारा कांग्रेस की दिल्ली में हुई स्क्रीनिंग कमेटी में भी देखा गया। इसी वजह से कांग्रेस हाई कमान ने टिकट आवंटन का काम अपने हाथ में ले लिया है। स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन को कहा गया है कि हरियाणा की सभी 90 सीटों पर अपनी अलग-अलग कमेटी बनाकर दावेदारों के बारे में पड़ताल करें इसकी रिपोर्ट स्क्रीनिंग कमेटी से सीधे राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंपी जाएगी।

हरियाणा कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक हाई कमान ने भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी शैलजा को यह कह दिया कि अगर वह राजी नहीं होते तो फिर हाई कमान अपने स्तर पर टिकट बांटेगा। इसे देखते हुए दोनों के बीच सहमति की चर्चा है । जिसमें हुड्डा कुछ सीटे शैलजा के लिए छोड़ने के लिए राजी हो गए हैं। रविवार को नारनौल में कुमारी शैलजा ने हुड्डा के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने कहा कि सभी कांग्रेस को मजबूत करने के लिए अपने-अपने स्तर पर कार्य कर रहे हैं।

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