जमना किनारे मेरो गाम, साँवरे आ जाईयो ………. वानप्रस्थ संस्था ने धूमधाम से मनाया जन्माष्टमी का पर्व

जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्ण कन्हैया के गीतों से गूंजा वानप्रस्थ

हिसार – जन्माष्टमी का पावन पर्व देश भर में पूर्ण श्रद्धा, आस्था व विश्वास के साथ मनाया जाता है। भगवान व भक्त का मधुर एवं गहरा नाता होता है। इसी से प्रेरित होकर सीनियर सिटीजन क्लब में वानप्रस्थ परिवार के सदस्यों ने बड़ी धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ इस पर्व को भजनों,गीतों एवं कविताओं के माध्यम से मनाया।

इस अवसर पर क्लब के महासचिव डा: जे . के. डाँग ने सदस्यों का स्वागत करते हुए भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े हुए रोचक प्रसंग साँझा किए । उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने अपने जीवन में अनेक चुनौतियों का सामना किया । उन्होंने हमें प्रेम, स्नेह , करूणा व न्याय पर चलने का उपदेश दिया । हमें इन उपदेशों को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करना चाहिए।
मंच का संचालन करते हुए श्रीमती वीना अग्रवाल ने श्रीकृष्ण भगवान के बालावस्था की अठखेलियाँ , शरारतें, गोकुल में ग्वालों के साथ गाय चराना एवं रासलीला संबंधित छोटी छोटी कहानियों का वर्णन किया और बीच – बीच में गीता के ज्ञान एवं कर्म योग के बारे में सूक्तियों द्वारा वर्णन किया ।

कार्यक्रम का प्रारंभ डा: पुष्पा खरब ने श्री कृष्ण की स्तुति करते हुए “ श्री कृष्ण हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेव…,के साथ किया वही श्री प्रेम केडिया ने सब कुछ प्रभु को स्मार्पित करते हुए
“ मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है..” भजन जिसे सब सदस्यों ने साथ मिल कर गाया।

डा: कमलेश कुकडेजा ने बड़ा मनमोहक प्रसिद्ध भजन
जमना किनारे मेरो गाम ,साँवरे आ जाईयो … गा कर सब को मंत्र मुग्ध कर दिया

• डा: एम . एस . राणा ने भगवान कृष्ण के गुणों को इस भजन “ केशवा , जयदेवा, मधुसूदना, नेत्र कमल अति मनोहर , अंतर्यामी , प्रभु परमेश्वर …” द्वारा प्रस्तुत किया ।

इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए मंच संचालक श्री मती वीना अग्रवाल ने अपने चिर परिचित अन्दाज़ में
“ मेरी लगी श्याम संग प्रीत, ये दुनिया क्या जाने,
मुझे मिल गया मन का मीत, ये दुनिया क्या जाने …,
भजन के साथ सब झूमने लगे

इसी शृंखला को आगे बढ़ाते हुए क्लब के जाने माने गायक डा : एस . एस . धवन कृष्णा से ही पूछ रहे हैं…
हे रे कन्हैया किसको कहेगा तू मैया, एक ने तुझको जन्म दिया रे एक ने तुझको पाला कन्हैया किसको कहेगा तूँ मैया..,.

क्लब में नए परंतु मंजे हुए गायक श्री बलवंत जांगड़ा ने अपने दिल का दर्द कुछ यूँ बयाँ किया..,
किस्मत का मारा हूँ सांवरे, प्यार की थोड़ी सी…. झलक दिखा मेरे श्याम

….वही श्रीमती पुष्पा शर्मा ने ईश्वर के अजब विशेषतायों का वर्णन इस भजन से किया
*भगवान तेरी महिमा क्या अज़ब निराली है…एक घर में अंधेरा है, एक घर में दिवाली है…..•

डा: सुनीता सुनेजा ने मानवमात्र से निवेदन किया कि अपने व्यस्त समय में कुछ समय निकाल और
•बैठ अकेला दोघड़ी , कभी तो हरि गुण गाया कर ,मन मंदिर में ग़ाफ़िला झाड़ू रोज़ लगाया कर

– – -वहीं श्री योगेश सुनेजा ने
“ राम सुमिर के रहम करे ना, फिर कैसे सुख पाएगा, कृष्ण सुमिर के कर्म करे ना, फिर कैसे सुख पाएगा “ गाकर सब को प्रभु भजन के लिए प्रेरित किया।

आज के प्रसंग में जब अत्याचार, हिंसा एवं बलात्कर बढ़ रहे हैं , मानव दानव बन गया है , श्रीमती राज गर्ग अपनी स्वरचित कविता “राम तुझे आना पड़ेगा” से ईश्वर को पुकारा …
*भेड़िए घात लगाए, कर रहे प्रहार ,
मानव जब बन जाता है दानव,
करता मानवता को शर्मशार , राम तुझे आना पड़ेगा*
सब को झकझोर दिया

माहौल बदलते हुए श्रीमती श्यामा गोसाईं ने साँवली सुरत पे मोहन दिल दीवाना हो गया …भजन गाया

डा: सुशील महेश्वरी के भजनों पर सब तालियाँ बजाकर झूमने लगे
“ मनमोहन की मुरली बाजे , वृंदावन के रास में ..,” राधा का नाम अनमोल प्यारे , राधे राधे ….”

आज क्लब के वरिष्ठ सदस्य डा: अमृत लाल खुराना जी ने अपना 81वाँ जन्मदिन भी मनाया। उन्होंने ने अपने जीवन के संस्मरण सब के साथ साँझा किए ।

कार्यक्रम के समापन पर सब को जन्माष्टमी की शुभ कामनाएँ देते हुए क्लब की उपप्रधान डा: सुनीता शिओकंद ने कहा कि जन्माष्टमी हमारी संस्कृति का प्रतीक है और हमें भगवान कृष्ण द्वारा गीता में दिए उपदेश का अनुसरण करके जीवन सफल बनाना चाहिए। लगभग ढाई घंटे चले इस कर्तक्रम में 55 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया

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