पंफलेट, हैंडबिल, पोस्टर आदि पर प्रकाशक, प्रेस का नाम छापना अनिवार्य-डीसी

प्रेस संचालक आदर्श चुनाव आचार संहिता की पालना करें

प्रकाशित सामग्री पर प्रतियों की संख्या लिखी होनी चाहिए

गुरूग्राम, 22 अगस्त। विधानसभा चुनाव के दौरान प्रिंटिंग प्रेस संचालक निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार ही आचार संहिता की पालना करते हुए चुनाव प्रचार की सामग्री का प्रकाशन करें।

डीसी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी निशांत कुमार यादव ने आज कहा कि चुनाव के दौरान बैनर, होर्डिंग, पंफलेट, हैंडबिल व पोस्टर आदि पर मुद्रक व प्रकाशक के नाम छापना अनिवार्य है। जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 127 ए की पालना करते हुए प्रिटिंग प्रेस संचालक चुनाव से संबंधित हर सामग्री पर मुद्रक व प्रकाशक का नाम अवश्य छापें। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के खर्च की सीमा निर्धारित की हुई है। इसलिए यह जरूरी है कि उनके पंफलेट व पोस्टर आदि के खर्च का भी पूरा हिसाब-किताब रहे। प्रेस संचालक एनेक्सचर फार्म वन और बी भरकर यह स्पष्ट करेंगे कि प्रचार की सामग्री किस प्रेस से छपवाई गई है और इसको छपवाने वाला कौन है। साथ ही कितनी प्रतियां प्रकाशित की गई हैं, इसका विवरण भी देना होगा।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि विधानसभा चुनाव से संबंधित पंफलेट व पोस्टर आदि को छापने से पहले सामग्री छपवाने वाले व्यक्ति का हलफनामा और साथ में दो गवाहों के हस्ताक्षर करवा ले। ऐसे पोस्टर व पंपलेट आदि छापने के बाद उनकी एक कॉपी जिला मजिस्ट्रेट को भेजनी होगी। उनको यह बताना होगा कि अमुक व्यक्ति ने चुनाव से संबंधित कितनी संख्या में पोस्टर, बैनर अथवा पंफलेट छपवाएं हैं और उनके खर्च का विवरण देना होगा। उन्होंने कहा कि प्रेस संचालक इस बात की जांच कर लें कि प्रचार सामग्री की भाषा और विषयवस्तु में कोई आपत्तिजनक शब्द ना हो। किसी भी उम्मीदवार, राजनीतिक पार्टी, धर्म, जाति आदि के प्रति अपमानजनक भाषा नहीं होनी चाहिए।

डीसी ने कहा कि चुनाव प्रचार की सामग्री विधानसभा क्षेत्र में निर्वाचन अधिकारी द्वारा अधिकृत किए गए स्थानों पर ही लगाई जाएगी।

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