लेटरल इंट्री से 45 आईएएस पदों की बिना आरक्षण भर्ती आरक्षण खत्म करने का षडयंत्र नही तो क्या है? विद्रोही

लोकसभा चुनाव होते ही व मोदी-एनडीए सरकार बनने के बाद अब लेटरल इंट्री सेे बिना आरक्षण के संघ लोकसेवा आयोग 45 संयुक्त सचिव, निदेशकों, उप निदेशकों के पदों की भर्ती कर रही है : विद्रोही

हरियाणा में भी प्रथम श्रेणीे की नौकरियों में भाजपा सरकार विगत नौ साल से सुनियोजित ढंग से आरक्षित पदों को यह कहकर खाली छोड रही है कि पिछडे, दलित वर्गो से योग्य उम्मीदवार नही मिले : विद्रोही

19 अगस्त 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री मोदी व भाजपा आरोप लगाती थी कि राहुल गांधी व कांग्रेस भाजपा पर आरक्षण खत्म करने के झूठे आरोप लगा रहे है। लेकिन लोकसभा चुनाव होते ही व मोदी-एनडीए सरकार बनने के बाद अब लेटरल इंट्री सेे बिना आरक्षण के संघ लोकसेवा आयोग 45 संयुक्त सचिव, निदेशकों, उप निदेशकों के पदों की भर्ती कर रही है। विद्रोही ने सवाल किया कि लेटरल इंट्री से 45 आईएएस पदों की बिना आरक्षण भर्ती आरक्षण खत्म करने का षडयंत्र नही तो क्या है? लेटरल इंट्री से 45 आईएएस पदों पर सीधी भर्ती पिछडे, दलितों, आदिवासियों के आरक्षण को खत्म करने का खुला षडयंत्र है।

मोदी-एनडीए सरकार आरएसएस के संघी मनुवादी एजेंडे को आगे बढाकर पर्दे के पीछे आरक्ष़्ाण को सुनियोजित ढंग से खत्म कर रही है। उत्तप्रदेश में 69 हजार शिक्षकों के पदों पर जिस तरह आरक्षण को तांक पर रखकर नौकरियां की बंदरबाट की, उसके चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस 69 हजार शिक्षकों की भर्ती को रद्द करके आरक्षण देकर भर्ती करने का निर्देश दिया है जो साफ बताता है कि भाजपा सत्ता दुरूपयोग से सुनियोजित ढंग से गुपचुप रूप से आरक्षण को खत्म कर रही है। 

विद्रोही ने कहा कि हरियाणा में भी प्रथम श्रेणीे की नौकरियों में भाजपा सरकार विगत नौ साल से सुनियोजित ढंग से आरक्षित पदों को यह कहकर खाली छोड रही है कि पिछडे, दलित वर्गो से योग्य उम्मीदवार नही मिले। सवाल उठता है कि कांग्रेस के 2005 से 2014 राज में पिछडे, दलित वर्ग के योग्य उम्मीदवारों की हरियाणा में भरमार थी, फिर भी अचानक प्रदेश में क्या हुआ कि 2015 से 2024 के बीच भाजपा सरकार को प्रथम श्रेणी की भर्तीयों में पिछडे, दलितों के योग्य उम्मीदवार नही मिल रहे है। साफ है कि भाजपाई-संघी एक सुनियोजित रणनीति के तहत सत्ता दुरूपयोग से पिछडे, दलितों व आदिवासियों का आरक्षण छीन रहे है। विद्रोही ने कहा कि लेटरल इंट्री से आईएएस कैडर के 45 पदों की बिना आरक्षण सीधी भर्ती इसका जीवंत प्रमाण है। यदि अब भी पिछडे, दलित व आदिवासी वर्ग नही जागे तो जो संविधान निर्माताओं व कांग्रेस ने उनको आरक्षण दिया था, वह उनसे छीन लिया जायेगा। ऐसी स्थिति में लेटरल इंट्री से आईएएस पदों की भर्ती का वंचित वर्ग जोरदार विरोध करके संघर्ष करके भाजपा की कुटिल चालों से अपने आरक्षण को बचाये। 

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