स्वतंत्रता दिवस पर बोधराज सीकरी ने की पांच ध्वजारोहण कार्यक्रमों में शिरकत

राष्ट्रधर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं : बोधराज सीकरी

आजादी का महत्व समझे युवा पीढ़ी : बोधराज सीकरी

गुरुग्राम। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त, गुरुवार को आयोजित ध्वजारोहण कार्यक्रम के तहत बोधराज सीकरी ने सर्वप्रथम बहल पार्क (अथ सनातन योग स्थली) न्यू कॉलोनी पहुंचकर ध्वजारोहण किया। इस कार्यक्रम का आयोजन डॉक्टर परमेश्वर अरोड़ा द्वारा किया गया था। इस अवसर पर बोधराज सीकरी ने तिरंगे को सलामी दी और अपने वक्तव्य में कहा कि हम अपने धर्म, मज़हब, अपने रीति रिवाज, अपनी परम्पराएँ, अपने घरों तक सीमित रख सकते हैं परंतु राष्ट्र पर्व मिलकर मनाने चाहिए ताकि युवा के अंदर राष्ट्र प्रेम जाग्रत हो।

बोधराज सीकरी ने शहीदों की कुर्बानियों को याद करते हुए भारत माता के प्रति कृतज्ञता प्रकट की। उन्होंने 14 अगस्त 1947 के विभाजन की त्रासदी पर भी प्रकाश डाला और युवाओं को इस दर्दनाक इतिहास से रूबरू करवाया।

इसके उपरांत श्री बोधराज सीकरी ने दयानंद आदर्श मिडल स्कूल, आर्य समाज सेक्टर 4, गुरुग्राम में आयोजित कार्यक्रम में ध्वजारोहण किया। उन्होंने बच्चों को स्वतंत्रता संग्राम की गौरवपूर्ण गाथाओं से अवगत कराया और बच्चों को प्रेरित किया कि वें स्वतंत्रता के मूल्य को समझें और अपने कर्तव्यों की पालना करें।

तदोपरांत बोधराज सीकरी ने जे.ब्लॉक आरडब्ल्यूए पालम विहार के ध्वजारोहण कार्यक्रम में शिरकत की जहां उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि जब बात राष्ट्र की आए तो राष्ट्र से बड़ा कुछ भी नहीं होता है। उन्होंने कहा कि आज देश के युवाओं को यह समझने और याद रखने की जरूरत है कि आज जिस खुली हवा में आजादी की जो हम सांस ले रहे हैं वह अनगिनत वीर स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान के बाद मिली है। इसलिए इसे संजोकर रखना और उन वीर बलिदानियों को हमेशा सम्मान के साथ याद रखना हमारा कर्तव्य है।

बोधराज सीकरी ने आह्वान किया कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सभी को पूरे जोश के साथ मनाना चाहिए लेकिन उसके साथ ही 14 अगस्त को हुए हिंदुस्तान के बंटवारे को भी नहीं भूलना चाहिए, जब कुछ लोगों की सत्ता लोलुपता के कारण हजारों लाखों लाेगों को रातों रात बेघर होना पड़ा और अनगिनत लोगों को अपने प्राण गंवाने पड़े। वे हमेशा इस बात को याद रखें कि किस प्रकार कुछ लोगों के राजनीतिक लाभ के कारण अनगिनत माताओं और बहनों को विभाजन की विभीषिका में झुलसना पड़ा। इसलिए देश का युवा चाहे वह किसी भी धर्म, पंथ और राजनीतिक विचारधारा में आस्था रखता हो, इतिहास को हमेशा याद रखते हुए यह प्रण ले कि जब बात राष्ट्र की आए तो हमेशा राष्ट्र सर्वोपरि रहे।

इसके उपरांत बोधराज सीकरी सुशांत लोक फेज-1 के सी ब्लॉक कम्युनिटी सेंटर पहुंचे, जहाँ उन्होंने ध्वजारोहण कर अमर बलिदानियों को नमन किया। विभाजन विभीषिका की त्रासदी का जिक्र करते हुए उन्होंने युवाओं को इतिहास से परिचित कराया और आगामी 18 अगस्त को अपैरल हाउस में फ़िल्म एकेडमी के माध्यम से आयोजित होने वाले विभाजन विभीषिका पर आधारित नाटक में सभी को आमंत्रित किया।

पांचवे ध्वजारोहण कार्यक्रम के तहत श्री बोधराज सीकरी नीलकंठ पाठशाला, अंबेडकर नगर, गुड़गांव पहुंचे, जहाँ उन्होंने ध्वजारोहण किया। यहाँ भी उन्होंने शहीदों की कुर्बानियों और विभाजन विभीषिका पर विचार रखे और बच्चों की ओर से मिले सुभाष चन्द्र बोस के टाइटल के लिए सभी का आभार जताया।

बोधराज सीकरी ने कहा कि हमारा संविधान, हमारा झंडा, हमारा राष्ट्र गान, हमारा प्रकृति के प्रति प्रेम, हमारे संविधान के अनुसार कर्तव्य, जो हमारे अधिकार से अधिक हैं, यह यदि हमारे दिल के स्तर पर बैठ गए तो विश्व गुरु बनना आसान हो जाएगा।

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