भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन में उनको पेरिस ओलंपिक में संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग ठुकराने के बाद पहला रिएक्शन दिया है. सोशल अकाउंट पर एक तस्वीर साझा करते हुए उन्होंने गाने के जरिए अपनी फीलिंग सामने रखी.

दिल्ली. भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट के लिए ओलंपिक का सफर बिना मेडल के खत्म हो गया. पेरिस में 50 किलोग्राम भारवर्ग में खेलने उतरी इस धुरंधर ने फाइनल में जगह बनाई थी. गोल्ड मेडल हासिल करने के करीब पहुंची विनेश फोगाट को फाइनल मैच के दिन 100 ग्राम ओवरवेट होने की वजह से पेरिस ओलंपिक से डिसक्वालीफाई कर दिया गया. उन्होंने इसे लेकर अपील की थी लेकिन कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन ने सुनवाई के बाद उनके संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल देने की मांग को खारिज कर दिया. इस फैसले के बाद उनका पहला रिएक्शन आया है.
पेरिस ओलंपिक में महिला पहलवान विनेश फोगाट ने 50 किलोग्राम भारवर्ग में खेलते हुए एक दिन में तीन मैच खेले और जीत दर्ज करते हुए फाइनल में जगह बनाई. पहले मुकाबले भारतीय धुरंधर ने पूर्व ओलंपिक गोल्ड विजेता नंबर-1 रेसलर जापान की युवी सुसाकी को हराया. इसके बाद क्वार्टरफाइनल में यूक्रेन की ओकसाना लिवाच को मात दी. सेमीफाइनल में क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुजमान लोपेज को हराते हुए फाइनल में जगह बना इतिहास रचा. यह उपलब्धि हासिल करने वाली विनेश पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं.
विनेश का फैसला आने के बाद पहला रिएक्शन
कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन में विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक से डिसक्वालीफाई करते हुए मेडल ना दिए जाने के फैसले को चुनौती दी थी. इसकी सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला का इंतजार पूरे भारत को था. 16 अगस्त को इसका फैसला सुनाए जाने की जानकारी दी गई थी लेकिन 14 तारीख की रात ही विनेश फोगाट को मेडल ना दिए जाने का फैसला सुनाया गया.
विनेश ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर एक तस्वीर साझा की. पेरिस ओलंपिक के दौरान मैच जीतने के बाद की इस तस्वीर के साथ उन्होंने बी पराग के गीत ‘जिंदगी सिद्दी कर देंदा’ को बैकग्राउंड में यूज किया. इसके बोल में है कि रब्बा जब मेरी बारी आई तो तू सोता ही रह गया. ना प्यार दिया और ना ही सुकून. इस गाने से विनेश फोगाट का दर्द साफ समझ आता है.