केंद्रीय मंत्री, राज्यमंत्री, सांसदों से अधिक गुणवान श्रेष्ठ गुरुग्राम बीजेपी नेता, इनके परामर्श बगैर योजनाएं अपूर्ण : माईकल सैनी (आप)

*केंद्रीय योजनाओं के निर्माण वास्ते गुरुग्राम भाजपा नेता मंत्रियों को देते हैं टयूशन, तभी अमल कर पाते हैं शायद ? माईकल सैनी (आप)

*प्रधानमंत्री स्तर के कार्यों व केंद्रीय परियोजनाओं की प्रशंसा व प्रचार कर सुर्खियों में बने हैं गुरुग्राम बीजेपी नेता : माईकल सैनी (आप)

गुरुग्राम 5 अगस्त 2024, आम आदमी पार्टी नेता माईकल सैनी ने कहा कि स्थानीय स्तर पर भाजपा के इतने समर्थ नेता हैं हमारे शहर में रहते हैं जो भारतीय रेल को चलवा देते हैं, घरों के ऊपर से तार हटवा देते हैं अर्थात जितने काम हों वो करा देने का दावा करते हैं लेकिन जो सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं, जरूरी दवाएं नहीं, जहाँ कमीशन खोरी चल रही है और जिन निजी अस्पतालों में बिना डिग्री के डॉक्टर बैठे हैं तथा जो गुरुग्राम इनके रहते कचराग्राम बन सड़ रहा है, और प्रत्येक माह बिजली की खुली लटकती तारों की चपेट में आने से जहां लोग मर जा रहे हैं यह कार्य क्या नजर नहीं आते हैं या फिर ये नेता उन्हीं कार्यो का बखान करते फिरते हैं जो प्रधानमंत्री स्तर के होते हैं ?

आम आदमी पार्टी नेता माईकल सैनी ने कहा कि दिल्ली के एक बेसमेंट में चल रहे इंस्टीट्यूट हादसे के बाद हरियाणा सरकार भी हरकत में है तो इन नेताओं को शहर में अवैध रूप से चल रहे तमाम इंस्टीट्यूट और जिन स्कूलों ने भी बेसमेंटों में क्लासिज चला रखी हैं वो मुद्दे नजर नहीं आते, शहर में अनेकों निजी अस्पताल बगैर नॉम्र्स पूरे किए व नियमों की अवहेलना कर इमारतों की बेसमेंटों में ओपीडी से लेकर ओटी तक धडल्ले से चला रहे हैं कईयों के पास तो अग्निशमन विभाग की एनओसी तक नहीं, इन मुद्दों पर कभी कुछ नहीं बोलते, ये तो केवल प्रधानमंत्री स्तर की केंद्रीय योजनाओं की प्रशंसा और प्रचार करते रहते हैं महज सुर्खियों में बने रहने के लिए जबकि जनता के वास्तविक मुद्दों से इनका कोई सरोकार नजर नहीं आता ।

माईकल सैनी यहां प्रश्न करते हैं क्या केंद्र की मोदी सरकार में बैठे रेलमंत्री, सड़क परिवहन व ऊर्जामंत्री, शहरी विकास मंत्री,कानून मंत्री, राज्यमंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद, मंत्री विधायक बुद्धिहीन अर्थात मूर्ख हैं या धरातल की जानकारी नहीं रखते हैं और गुरुग्राम भाजपा के नेता इतने प्रतिभावान कि उनके परामर्श पर ही उन्हें योजनाओं के निर्माण की प्रेरणा लेनी पड़ती हैं , यदि ऐसी ही विवशता पेश आ रही है तो क्यों न भाजपा को ही देश का दुर्भाग्य मान लिया जाए ?

उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में अस्थाई रूप से खोले गए कोविड केयर सेंटर्स पर सीएसआर फंड खूब लुटाया गया जिस रकम से चार स्थाई अस्पताल और छ-सात लैब्स खुल सकती थी परन्तु अब वह कहाँ खर्च हो रहा है ज्ञात नहीं जबकि अस्पतालों की बद से बदतर हालत किसी से छिपी नहीं है इसके इतर मरीजों को रेफर करने व टेस्ट (जांच रिपोर्ट) के नाम पर दलाली का खेल भी खूब चल रहा है, भय-भ्रष्टाचार से आतंकित शहर जिसकी नरक समान परिस्थितियों पर मौन ये नेता केंद्रीय योजनाएँ गिना रहे हैं, वहीं आमजन से जुड़ी वही चिर-परिचित समस्याएं जिनपर इन्हें सफाई देनी चाहिए थी आखिर सफाई तक भी क्यों नहीं करा पायी इनकी भाजपा उससे बचते घूम रहे हैं !

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