भाजपा ने अहीरवाल को सौंपा ‘राव राजा’ के हवाले, विरोधियों के तोते उड़े

6 सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह के मनमाफिक उम्मीदवार 

अन्य सीटों पर राव राजा की सहमति से भाजपा संगठन के होंगे उम्मीदवार

अशोक कुमार कौशिक 

लोकसभा चुनावों में लाखों की जीत हजारों वोटों में बदलने के बाद अहीरवाल के सबसे कद्दावर नेता विधानसभा चुनावों को लेकर आक्रामक रणनीति के साथ मैदान में उतर चुके हैं। अहीरवाल की एक-दो सीटों को छोड़कर अन्य सभी पर राव अपने खास समर्थकों को मैदान में उतारने की तैयारी में हैं। उनके विरोधी भी अभी तक आगामी रणनीति को खुलकर नहीं समझ पाए हैं। सूत्रों के अनुसार संघ व भाजपा आलाकमान ने अहीरवाल में राव इंद्रजीत सिंह को एक बार फिर से खुला हाथ दे दिया है। राजनीति की भाषा में कहा जाए तो शीर्ष नेतृत्व ने ‘राव राजा’ के सामने ‘समर्पण’ कर दिया है। बताया जा रहा है की अहीरवाल की 6 सीटों पर ‘राव राजा’ के मन मुताबिक उम्मीदवार होंगे जबकि बाकी अन्य सीटों पर भाजपा संगठन के आदमियों को मैदान में उतारेगी। पर संगठन के आदमियों में भी राव इंद्रजीत सिंह की स्वीकृति अवश्य ली जाएगी। प्रदेश में भाजपा की कमजोर स्थिति का फायदा उठाते हुए राव इंद्रजीत सिंह अब मन मुताबिक बैटिंग करेंगे।

कई सीटों पर टिकट के दावेदार अपनी टिकट पक्की मानकर चल रहे हैं। दूसरी ओर यह भी मानते हैं कि राव टिकट के समय बड़ा रोल अदा कर गए, तो उनकी टिकट का रास्ता बंद हो सकता है। विरोधियों को झटका देना शुरू से ही राव की फितरत में रहा है, जिसे देखते हुए राव खेमा कांग्रेस में जाने के बावजूद कोसली में जगदीश यादव की घेराबंदी करने में कसर नहीं छोड़ेगा।

कई विधानसभाओं में भाजपा के टिकट दावेदारों की लाइन लंबी

भाजपा में कई विधानसभा क्षेत्रों में टिकट के दावेदारों की लाइन काफी लंबी है। हर दावेदार अपनी टिकट उसी सूरत में पक्की मानकर चल रहा है, जब टिकट आवंटन के समय राव इंद्रजीत सिंह का हस्तक्षेप नहीं हो। दावेदार टिकट की लड़ाई में जंग दूसरे दावेदारों की बजाय राव के साथ मानकर चल रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनावों से पहले तत्कालीन सीएम मनोहरलाल से टिकट के आश्वासन पर भाजपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री जगदीश यादव राव के हस्तक्षेप से टिकट पाने से चूक गए थे। उन्होंने टिकट नहीं मिलने के कारण चुनाव ड्रॉप करना पड़ा था। भाजपा में वैसे ही हालात दोहराए जाने की आशंका के साथ जगदीश टिकट की उम्मीद के साथ कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। जगदीश यादव की राजनीति पूरी तरह से रामपुरा हाउस के विरोध पर आधारित रही है।

अन्य हलकों में भी विरोधियों पर नजर

राव की कोसली के साथ-साथ अहीरवाल के दूसरे उन हलकों पर भी खास नजर है, जिनमें उनके पुराने राजनीतिक विरोधी सक्रिय हो रहे हैं। बादशाहपुर से राव नरबीर सिंह, अटेली से संतोष यादव, रेवाड़ी से अरविंद यादव, नांगल चौधरी से डॉ अभय सिंह यादव व कई अन्य विरोधियों पर राव की पैनी नजर है। भाजपा टिकट के मामले में उन्हें इस बार भी फ्री हैंड दिया है, फलस्वरुप भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने का सपना देख रहे कई दिग्गजों को खाली हाथ रहना पड़ सकता है। टिकट के समय राव की नहीं चली, तो विरोधियों को झटका देने के लिए दूसरी रणनीति पर काम शुरू कर देंगे।

सूत्रों के अनुसार राव इंद्रजीत सिंह को नारनौल अटेली, बावल, रेवाड़ी, कोसली तथा पटौदी सीटों पर अपने मन मुताबिक प्रत्याशियों के चयन करने का अधिकार दिया है। इसमें नारनौल से ओम प्रकाश यादव को फिर से मौका मिल सकता है। अटेली विधानसभा से आरती राव को मैदान में उतारा जाएगा। बावल के डॉक्टर बनवारी लाल तथा पटौदी से सत्य प्रकाश जरावता पर राव राजा की ‘तलवार’ चलने के संकेत मिले है। उनकी तरफ से बोल में श्याम सुंदर तथा पटौदी में बिमला चौधरी को मैदान में उतारा जा सकता है

वही नांगल चौधरी, महेंद्रगढ़, गुरुग्राम, बादशाहपुर व सोहना सहित कुछ अन्य सीटों पर भाजपा के संगठन के आदमी को चुनाव लड़वाया जाएगा। जिसमें राव इंद्रजीत सिंह की प्रत्याशी चयन में सहमति ली जाएगी। यह भी जानकारी मिली है कि गुरुग्राम सीट पर उनके चेहेते मनीष मित्तल को बतौर संगठन प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा जाएगा।

कोसली से रवि को मिल सकता है मौका

साढ़े चार दशक तक राव इंद्रजीत सिंह के मजबूत ‘सारथी’ बने रहे उनके राजनीतिक सलाहकार कम चाणक्य रवि यादव को गत विधानसभा चुनावों में ही राव ने भाजपा की टिकट दिलाने का प्रयास किया था। राव के कुशल रणनीतिकार साबित हो चुके रवि यादव ने इस बार बिना शोर-शराबा किए फेस-टू-फेस जनसंपर्क अभियान शुरू किया हुआ है। आरती को किसी दूसरे हलके से टिकट मिलने की सूरत में राव कोसली से रवि यादव के लिए टिकट की पैरवी करने में कोई असर इस बार नहीं छोड़ना चाहेंगे। इससे टिकट के दूसरे दावेदारों को झटका लग सकता है। रेवाड़ी से सुनील मूसेपुर को फिर से मैदान में उतारे जाने की जानकारी है।

सूत्रों की जानकारी अगर सटीक रही तो राव इंद्रजीत सिंह के विरोधियों के इस खबर के बाद तोते उड़ते नजर आएंगे। ध्यान रहे काफी समय से राव इंद्रजीत सिंह अपने बेबाकी को लेकर सरकार और संगठन को परेशानी में डाले हुए हैं। उधर उनके विरोधियों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान राव इंद्रजीत सिंह की धर्मपत्नी तथा भूपेंद्र सिंह हुड्डा की धर्मपत्नी ने दिल्ली में मुलाकात की दोनों के बीच इस बात की सहमती हुई कि दीपेंद्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट किया जाएगा और आरती राव को उपमुख्यमंत्री के रूप में। यदि भाजपा आरती राव को टिकट नहीं देती है तो वह निर्दलीय मैदान में उतरेगी और हुड्डा तथा राव दोनों एक दूसरे का सहयोग करेंगे। लोकसभा चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गुरुग्राम में कोई जनसभा ने की। उधर राव इंद्रजीतसिंह ने भी कोसली में ज्यादाविरोध न करके आंतरिक समर्थन दिया था। इन्द्रजीत सिंह संगठन पर अपनी बेटी के लिए दबाव बना रहे हैं इसके अलावा और कुछ नहीं है।

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