नया शिक्षण सत्र शुरू हुआ पर कॉलेजों में प्राध्यापक तक नहीं कैसे होगी पढ़ाई : कुमारी सैलजा

क्या नई शिक्षा नीति में बिना प्राध्यापकों के शिक्षण कार्य होगा, प्रदेश सरकार युवाओं के भविष्य से कर रही है खिलवाड़

चंडीगढ़, 02 अगस्त। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, उत्तराखंड की प्रभारी, सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में कालेजों का नया सत्र शुरू हो चुका है पर विडंबना ये है कि कालेजों में प्राध्यापक तक नहीं है ऐसे में विद्यार्थियों की पढ़ाई कैसे होगी ऊपर से कहा जा रहा है कि नई शिक्षा नीति तहत शिक्षण कार्य होता क्या नई शिक्षा नीति में बिना प्राध्यापकों के शिक्षण कार्य होता है। सरकार हर बार झूठ बोलती है, पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय तक सरकार को निर्देश दे चुका है। ऐसा लग रहा है कि प्रदेश सरकार ने युवाओं के भविष्य से खेलने का पूरा मन बनाया हुआ है।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि प्रदेश सरकार शिक्षा खासकर महिला शिक्षा को लेकर गंभीर नहीं है, शिक्षा को लेकर सरकार की ओर से की गई घोषणाएं हवाई साबित हो रही है। सरकार बार बार घोषणा करती आ रही है कि महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हर बीस किलो मीटर पर एक महिला महाविद्यालय खोला जाएगा पर ऐसा हो न सका। आज भी महिला कॉलेज खोलने के लिए लोगों द्वारा मांग की जाती है पर सरकार किसी न किसी बहाने से टाल रही है। जहां पर लोगों ने ज्यादा शोर मचाया तो वहां पर एक या दो कमरों ही कॉलेज शुरू कर दिया गया। अब वहां पर विद्यार्थी कहां पर बैठेंगे और प्राध्यापक कहां पर। अभी तक तो सरकार कॉलेज खोलने के लिए भूमि तक का चयन नहीं कर पाई है। प्रदेश में प्राध्यापकों की कमी है, सरकार भर्ती को लेकर गंभीर ही नहीं है। सरकार ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में एक शपथ पत्र देकर माना है कि राज्य में 4738 प्राध्यापकों के पद जो कुल पदों का 60 प्रतिशत है खाली है। इसका उल्लेख डीडब्ल्यू की 21168 /2021 के निर्णय में पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में 20 सितंबर 2023 को दिया है में उल्लेख किया है।

उन्होंने कहा कि पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में दायर एक अन्य याचिका में अप्रैल 22/2024 को रिट पटिशन 24619 के पवाइंट नंबर 13 पर स्पष्ट लिखा है कि सरकार द्वारा विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने के लिए जिन लोगों को नियुक्ति की है वे अयोग्य है। उन्होने कहा कि सरकार खुद ही अपनी गलती मान लेती है पर उसमें कोई सुधार नहीं करती, सरकार जानकारी की युवा देश का भविष्य है और भविष्य से खिलवाड़ नहीं की जा सकती, युवा शक्ति देश की दिशा और दशा बदलने मेंं सक्षम है बशर्ते उसकी प्रतिभा को निखारते हुए उसका सम्मान किया जाए। हरियाणा सरकार ने 22 जुलाई 2024 को सभी प्राचार्यों को पत्र लिख कर स्मार्ट क्लास रूम बनाने के निर्देश दिए हैं ताकि एक ही प्राध्यापक पूरे प्रदेश में शिक्षा प्रदान वच्र्युस रूप में दे सके पर धारातल पर हकीकत कुछ और है। दूसरी ओर प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ रही है, हरियाणा सरकार ने खुद यह माना है कि प्रदेश में 46 लाख बेरोजगार युवा रोजगार ढूंढ रहे हैं। सीएमआई के आंकडे बताते है कि हरियाणा में देश में सबसे अधिक 37 प्रतिशत से अधिक बेरोजगारी की दर है।

भाजपा राज में पत्रकार असुरक्षित

उन्होंने रोहतक में एक प्रतिष्ठित मीडिया इकाई के पत्रकारों के साथ पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता और उनके पुत्र द्वारा की अभद्रता- दुव्र्यवहार अत्यंत निंदनीय व अशोभनीय है। उन्होंने कहा कि भाजपा मीडिया को दबाकर रखना चाहती है, सच लिखने वालों की कलम रोक दी जाती है। चाहे संसद में पत्रकारों पर पाबंदी हो या फिर हरियाणा में पत्रकारों के साथ हुई यह घटना, भाजपाराज में पत्रकारों की असुरक्षा को दर्शाते हैं। जिस प्रकार संसद में सांसद एवं नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सत्य के पक्ष में पत्रकारों के साथ खड़े हैं उसी प्रकार कांग्रेस और कांग्रेस का हर सिपाही पूरे देश में पत्रकारों की सुरक्षा हेतु उनके साथ है।

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