गुड़गांव, 10 जुलाई – गुरुग्राम में हरियाणा संविधान रक्षक सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में एआईसीसी के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष राजेश लिलोठीया के साथ हरियाणा कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष मनोज बागड़ी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता पंकज डावर, कार्यकारी अध्यक्ष डॉ महेश कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय वैद, उपाध्यक्ष सुनीता वर्मा, उपाध्यक्ष जीतेन्द्र चन्दलिया व महासचिव संजीत कबलाना, जस्वीन्दर बिसला व अनिल धानक आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के एससी विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश लिलोठिया ने कहा कि भारत के प्रधान मंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के शासनकाल के पहले दिन से, भारत के संविधान को एक सत्तावादी शासन से गंभीर खतरों का सामना करना पड़ा है और लगभग सभी सार्वजनिक संस्थानों पर कब्जे के कारण लोकतंत्र में गिरावट आई है। इस हमले से निपटने और भारत के संविधान की रक्षा करने के लिए हमने भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2022 को ही संविधान रक्षक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया था। यह अभियान सभी नागरिकों को यह याद दिलाने की शुरुआत थी कि भारत के संविधान का कार्यान्वयन इसकी लोकतांत्रिक सफलता का कारण है और हमारे बहुलवादी देश की लंबी उम्र की नींव है।

राजेश लिलोठिया ने कहा कि संविधान रक्षक राष्ट्रीय अभियान के दो वर्ष पूरे होने वाले हैं और हम प्रगति के रास्ते पर हैं। यह अभियान गूगल फॉर्म पर पंजीकरण के साथ शुरू हुआ और 83,729 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं। अब तक, कुल 3,97,927 संविधान रक्षकों ने बतौर संविधान रक्षक अभियान के साथ पंजीकरण कराया है, और 1,81,372 संविधान रक्षकों ने सफलतापूर्वक अपने प्रमाणपत्र डाउनलोड किए हैं।

हरियाणा अनुसूचित जाती विभाग विभाग ने पूरे हरियाणा राज्य में 12,000 संविधान रक्षकों को सफलतापूर्वक पंजीकरण किया है। राजेश लिलोठिया ने इस मौके पर हरियाणा के 10 लोकसभा क्षेत्र और 22 जिलों के संविधान रक्षक समन्वयकों की सूची जारी की।हरियाणा कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष मनोज बागड़ी ने बताया कि संविधान रक्षक ग्राम व वार्ड समितियों को जिम्मेदारियां दी गई हैं। जिन्हे इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए सभी नोडल शक्तियां होंगी हैं। वह संविधान रक्षक लोसभा समन्वयकों की नियुक्ति करेंगे, जो उस लोकसभा क्षेत्र के प्रत्येक गांव और वार्ड में दो संविधान रक्षक ग्राम या वार्ड समन्वयकों की नियुक्ति कर जिम्मेदारी देखेंगें, जो पुरुष और महिला होंगे। संविधान रक्षक ग्राम व वार्ड समन्वयक अपने क्षेत्रों में संविधान रक्षकों को पंजीकरण करेंगे और संविधान रक्षक ग्राम और वार्ड समितियों का गठन करेंगे।

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