हरियाणा विधानसभा ने पिछले 5 वर्षों में अपनी कार्यप्रणाली में की गई नई पहल-गुप्ता

नई प्रथाओं के माध्यम से हरियाणा विधानसभा राज्य की विकास यात्रा में निभा रही है महत्वपूर्ण भूमिका

चंडीगढ़, 5 जुलाई- हरियाणा विधानसभा द्वारा पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के सहयोग से विधानसभा के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन पंचकूला के सैक्टर-1 स्थित पीडब्लयूडी विश्राम गृह में में किया गया। कार्यशाला में लगभग 200 अधिकारियों व कर्मचारियों ने भाग लिया।

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने कार्यशाला के उद्घाटन सत्र के दौरान अपने संबोधन में कहा कि हरियाणा विधानसभा में गत 5 वर्षों में अपनी कार्यप्रणाली में अनेक नई प्रथाओं और सुधारो को अपनाया है। इन नई प्रथाओं का उद्देश्य कार्य को अधिक पारदर्शी , प्रभावी और नागरिकों के प्रति उत्तरदाई बनाना है।

उन्होने बताया कि नई तकनीक और विधायी सुधारो का समावेश विधानसभा को आधुनिक और प्रगतिशील बनाता है, डिजिटलाइजेशन और ई- विधान प्रणाली के माध्यम से विधानसभा की कार्यवाही , विधायक और अन्य दस्तावेज डिजिटल रूप में उपलब्ध कराए जाते हैं। इस प्रणाली के तहत सदस्य टैबलेट और अन्य डिजिटल उपकरणों का उपयोग कर सकते हैं। जिससे कागजी दस्तावेजों की आवश्यकता कम होती है और कार्य में तेजी आती है।

उन्होने बताया कि विधानसभा के कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने और बेहतर करने के लिए लाइव स्ट्रीमिंग और वेबकास्टिंग की सुविधा प्रदान की गई है जिससे नागरिक घर बैठे ही विधानसभा की कार्यवाही को देख सकते हैं। इससे पारदर्शिता बढ़ती है और नागरिकों को उनके प्रतिनिधियों की गतिविधियों की विस्तार से जानकारी मिलती है, इसके साथ विधायकों के कार्य की गुणवत्ता भी बढी है।

प्रश्नकाल के लिए ड्रॉ प्रणाली की व्यवस्था भी है। नए निर्वाचित सदस्यों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं जिनमें उन्हें विधान प्रक्रिया नियम और नई तकनीक के बारे में जानकारी दी जाती है। इससे सदस्यों की कार्य कुशलता बढ़ती है और वह विधानसभा के कार्य को प्रभावी ढंग से समितियों की कार्य प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सुधार किए गए हैं। समितियां की नियमित रूप से बैठक आयोजित की जाती हैं और उनकी रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत की जाती है। समितियां को विशिष्ट विषयों पर गहन अध्ययन करने के लिए अधिकार प्रदान किए गए हैं, जिससे वे विधाई प्रक्रिया में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं। नई पहलें विधानसभा की कार्य कुशलता को बढ़ाने के साथ-साथ नागरिकों के विश्वास को भी मजबूत करती है। इन नई प्रथाओं के माध्यम से हरियाणा विधानसभा राज्य की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

उन्होने बताया कि आज पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च के विशेषज्ञों द्वारा विधानसभा कर्मचारियों को विशेष अधिकार समितियां के कार्य प्रणाली विधायक प्रारूपण सर्वोत्तम प्रथाएं बजट और राज्य वित्त विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया। उन्होने कहा कि इन सभी विश्व में कर्मचारियों का पारंगत होना आवश्यक है विषयों में निपुणता से ही हम अपने कार्यों को सुचारू रूप से कर सकेंगे।

कार्यशाला में पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च के विशेषज्ञ महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व प्रधान सचिव डा. अनंत कलसे ने समितियों के कामकाज के बारे में विस्तार से अधिकारियों व कर्मचारियों को और बेहतर कुशलता से कार्य करने की विस्तार से जानकारी दी। पीआरएस चक्ष राय ने विधेयक और विधायी प्रारूपण और राज्य विधानमंडलों की सर्वोतम प्रथाओं के बारें में सभी को विस्तार से समझाया। पीआरएस मानस गुब्बी ने बजट और राज्य वित के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा ने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण कार्य समय समय पर होते रहने चाहिए। इन प्रशिक्षण कार्यशाला से विधानसभा के कर्मचारियों का भाईचारा बढता है और उनके ज्ञान में भी वृद्वि होती है जिससे वे और बेहतर कार्य करने में सक्षम हो सकेंगे।

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