जब भाजपा को दक्षिणी हरियाणा के शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास सरोकारों से कोई लेना-देना ही नही तो फिर अहीरवाल के लोग भाजपा को वोट देकर अपने पैरों पर खुद कुल्हाडी क्यों मारेंगे? विद्रोही

5 जुलाई 2024 –  स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि एक ओर भाजपा अहीरवाल-दक्षिणी हरियाणा के शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास सरोकारों की उपेक्षा करके लोगों के साथ धोखाधडी कर रही है, वहीं दूसरी ओर भाजपा सहप्रभारी विपल्ब देब रेवाडी में आकर हरियाणा में तीसरी बार भाजपा सरकार बनाने का जुमला उछालकर लोगों का उपहास उडा रहे है। विद्रोही ने अहीरवाल के लोगों से आग्रह किया कि जब भाजपा को दक्षिणी हरियाणा के शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास सरोकारों से कोई लेना-देना ही नही तो फिर अहीरवाल के लोग भाजपा को वोट देकर अपने पैरों पर खुद कुल्हाडी क्यों मारेंगे?

इसका उदाहरण देते हुए विद्रोही ने कहा कि रेवाडी में ग्यारह सरकारी कालेज है, जिनमें 8-9 कालेजों में प्रिंसीपल नही, पढाने को शिक्षक नही, कालेजों में शिक्षा व्यवस्था का मजबूत आधारभूत ढांचा नही। हालत यह है कि रेवाडी के तीन सरकारी कालेजों रेवाडी ब्याईज कालेज, राजकीय कन्या कालेज बावल व जाटूसाना राजकीय कालेज में भवन तक नही है। उक्त कालेज अस्थाई भवनों में बिना सुविधाओं के किसी तरह घिसट रहे है। रेवाडी के सैक्टर 18 स्थित कन्या कालेज में प्राध्यापकों के 117 पद स्वीकृत है, जबकि इनमें केवल 33 नियमित प्राध्यापक पढाने के लिए है। वहीं एक्सटेंशन पर 38 प्राध्यापक अस्थाई रूप से पढाते है। इसी तरह रेवाडी गल्र्स कालेज में ही 46 प्राध्यापकों के पद खाली है। जब इन कालेजों में लगभग 45 प्रतिशत शिक्षक ही नहीे तो सहज अनुमान लगा ले कि शिक्षा व्यवस्था की क्या हालत होगी?  

विद्रोही ने कहा कि इसी तरह गुरावडा के कालेज में 28 पद स्वीकृत है जबकि 20 प्राध्यापक ही कार्यरत है। यहीं हालत राजकीय कन्या महाविद्यालय पाली, कोसली, खरखडा, बावल की है। वहीं अन्य कालेजों में भी यही स्थिति है। रेवाडी जिले के अधिकांश कालेजों में न लाईब्रेरी हैे और न सुव्यवस्थित लेब और न ही शिक्षा का आधारभूत ढांचा। छात्रों के अनुपात में न शिक्षक है और न ही कालेजों में बैठने के भवन। रेवाडी जिले में यहीं हालत सरकारी अस्पतालों की है जहां न तो पर्याप्त डाक्टर है और न ही नर्स व अन्य स्पोर्टिग स्टाफ है और न दवाएं है। यहां के विकास कार्यो पिछले दस सालों से आधे-अधूरे पड़े है। ऐसी स्थिति में विद्रोही नेे अहीरवाल के लोगों से आग्रह किया कि ऐसी अहीरवाल विरोधी भाजपा के साथ खडे होकर अपने पैरों पर कुल्हाडी मारने की गलती अबकी बार बिल्कुल भी न करे।    

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