कार्बन डाइऑक्साइड सोखने वाले वृक्ष बढ़ाने चाहिए

गुरुग्राम, 4 जुलाई, 2024 । ‘ऊर्जा समिति’ के स्थापना दिवस पर महासचिव संजय कुमार चुघ ने कहा कि इस वर्षा ऋतु में बढ़ चढ़कर सभी पौधारोपण करें। स्वयं अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करते हुए, आगे बढ़कर पौधारोपण करें।

उन्होंने कहा कि भारत में 500 करोड़ पेड़ों की ज़रूरत है।समझदार बनकर अभी से पौधे लगाने होंगे क्योंकि एक पौधे को बड़ा होने मे 5-7 वर्ष लग जाएंगे। अब वर्षा हो रही है इसमें पौधे ज़रूर लगाएं। सभी इस मानसून में पौधारोपण अभियान जारी रखें।

सबको पता है कि गर्मी बहुत बढ़ रही है। अभी तो यह शुरुआत है, 45 से 49 डिग्री तापमान को 55 से 60 डिग्री तापमान होने में देर नहीं लगेगी। 56 डिग्री पर व्यक्ति जीवित नहीं रहेगा। जैविक ही जीवन है। पीपल, बेल और नीम जैसे वृक्ष वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाते हैं साथ ही धरती के तापमान को भी कम करते हैं।

महासचिव ने सभी का आह्वान किया कि वर्षा ऋतु में ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण अभियानों में शामिल हों और पर्यावरण को सुरक्षित रखने में अपना पूरा योगदान दें। सभी लोग पर्यावरण की रक्षा के लिए न्यूनतम ऊर्जा, बिजली, पानी, तेल, गैस, पेट्रोल व डीजल का इस्तेमाल कर अपने दायित्वों का निर्वाह करें।

आइए हम पीपल, बड़, बेल, नीम, आंवला एवं आम आदि वृक्षों को लगाकर आने वाली पीढ़ी को निरोगी एवं स्वच्छ पर्यावरण देने का प्रयत्न करें।

उन्होंने बताया कि 100% कार्बन डाइऑक्साइड सोखने वाले पीपल को वृक्षों का राजा कहा गया है। ऐसे वृक्ष बढ़ाने चाहिए जो अधिकतम कार्बन डाइऑक्साइड को सोखते हैं। बेल 85 प्रतिशत, नीम 80 प्रतिशत, वटवृक्ष 80 प्रतिशत, इमली 80 प्रतिशत, कविट 80 प्रतिशत, आंवला 74 प्रतिशत, आम 70 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है। भविष्य में भरपूर मात्रा में नैसर्गिक ऑक्सीजन मिले इसके लिए आज से ही अभियान आरंभ करें। सब कुछ दूसरों पर मत छोडिये, अपने कदम आगे बढ़ाएं।

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