मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई हरियाणा राज्य प्रतिपूरक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण की बैठक

कैम्पा की 7वीं संचालन समिति की बैठक में 125.68 करोड़ रुपये की वार्षिक संचालन योजना को मंजूरी

प्रतिपूरक वनरोपणअतिरिक्त प्रतिपूरक वनरोपण तथा दंडात्मक प्रतिपूरक वनरोपण के अंतर्गत लगाए जाएंगे 7.52 लाख से अधिक पौधे

हरियाणा में भूमि प्रबंधन निदेशालय स्थापित करने की सरकार की योजना

चंडीगढ़, 26 जून-हरियाणा के मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद की अध्यक्षता में आज यहां हुई हरियाणा राज्य प्रतिपूरक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा) की 7वीं संचालन समिति की बैठक में 125.68 करोड़ रुपये की वार्षिक संचालन योजना को मंजूरी दी गई।

इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2024-25 के दौरान 748.36 हेक्टेयर क्षेत्र में प्रतिपूरक वनरोपण (सी.ए.), अतिरिक्त प्रतिपूरक वनरोपण (ए.सी.ए.) तथा दंडात्मक प्रतिपूरक वनरोपण (पी.सी.ए.) के अंतर्गत 7.52 लाख से अधिक पौधे लगाए जाएंगे।

मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने बताया  कि राज्य सरकार भूमि प्रबंधन निदेशालय स्थापित करने की योजना बना रही है। इस निदेशालय का उद्देश्य भूमि की पहचान करना और अनिवार्य वनरोपण करना भी होगा।

बैठक में बताया गया कि राज्य के उत्तरी भाग में शिवालिक पर्वतीय क्षेत्र तथा दक्षिणी भाग में अरावली पर्वतीय क्षेत्र अपनी पहाड़ी तथा ऊंची-नीची स्थलाकृति के कारण अपवाह एवं मृदा कटाव के लिए अत्यधिक संवेदनशील हैं। बरसात के मौसम में इन क्षेत्रों से वर्षा का पानी तेजी से बह जाता है, जिससे मिट्टी का कटाव होता है और ऊपरी मृदा नष्ट हो जाती है। इसलिए, मिट्टी के बांधों, चिनाई की संरचनाओं, सीमेंट कंक्रीट संरचनाओं, चेक डैम, गाद निरोधक बांधों और क्रेट वायर स्ट्रक्चर के निर्माण समेत विभिन्न मृदा संरक्षण उपायों की आवश्यकता है। इस उद्देश्य के लिए 40 करोड़ रुपये का पर्याप्त बजट आवंटित किया गया है, जिसमें से 20 करोड़ रुपये मृदा संरक्षण पर खर्च किए जाएंगे।

इसके अलावा, वर्ष 2024-25 के लिए वन्यजीव प्रबंधन योजना के तहत संरक्षित क्षेत्रों में आवास सुधार और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 4.96 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। राज्य द्वारा वन्यजीव विंग के माध्यम से 2 राष्ट्रीय उद्यानों, 7 वन्यजीव अभयारण्यों, 2 कंजर्वेशन रिजर्व और 5 कम्यूनिटी रिजर्व का प्रबंधन किया जा रहा है।

कृत्रिम पुनर्जनन (ए.आर.) और सहायक प्राकृतिक पुनर्जनन (ए.एन.आर.) घटक के तहत, प्रदेश में 400 हेक्टेयर क्षेत्र में 4.40 लाख पौधे लगाए जाएंगे।

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