भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में भाजपा पिछड़ती नजर आ रही है। 2019 चुनाव में जब लोकसभा 10 सीटें मिली थीं, तो भाजपा को विधानसभा में 40 पर ही जीत नसीब हुई थी। इस बार तो लोकसभा में ही 5 सीटें जीत पाए हैं और जो जीतें हैं, उनमें भी मार्जन घटा है। अत: अगली सरकार बनाने के लिए रणनीति बनानी आवश्यक है। रणनीति बनाने में सर्वप्रथम नाम आता है मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी का।

नायब आज मंत्रीमंडल को लेकर श्रीराम लला के दर्शन कराने गए। अब सवाल यह उठता है कि रामलला के मंदिर का उद्घाटन तो 22 जनवरी को ही हो गया था तो तब से अब तक क्या समय नहीं मिला था? या इस समय सरकार के पास कोई काम नहीं था। अत: धर्म के लिए चले गए।

मेरी समझ के अनुसार यह सब एक रणनीति है। इस रणनीति के अनुसार जनता को भाजपा को हिंदुत्व की पार्टी सिद्ध करना है। शायद इसीलिए मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना शुरू की गई है और अब संस्कृत पढ़ाने वालों को भी मदद करने की बात की जा रही है। हिंदू धर्म स्थानों की ओर इनका ध्यान अधिक दिखाई दे रहा है। लुप्त हुई सरस्वती नदी की याद भी अब आने लगी है। तात्पर्य यह कि लगता है कि यह विधानसभा चुनाव जनता का दुख ध्यान रख नहीं अपितु हिंदुत्व पर लडऩा चाहती है भाजपा।

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