क्या मुख्यमंत्री नायब सैनी ने आरक्षण कोटा 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की घोषणा जल्दबाजी में की

क्यों हरियाणा के जनसंपर्क विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कल देर रात पत्रकारों को मुख्यमंत्री द्वारा गुरुग्राम में इस संबंध में की गई घोषणा के संबंध में पहले दिन में जारी प्रेस नोट को वापस लेने के लिए एसएमएस भेजे

पवन कुमार बंसल

गुरुग्राम lक्या हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने ग्रुप-ए और ग्रुप-बी के पदों में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण कोटा 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की घोषणा जल्दबाजी में की है? क्या उन्हें इसके कानूनी निहितार्थों के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी? क्यों हरियाणा के जनसंपर्क विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कल देर रात पत्रकारों को मुख्यमंत्री द्वारा गुरुग्राम में इस संबंध में की गई घोषणा के संबंध में पहले दिन में जारी प्रेस नोट को वापस लेने के लिए एसएमएस भेजे l ये लाखों डॉलर के सवाल हरियाणा के राजनीतिक अधिकारियों और मीडिया हलकों में पूछे जा रहे हैं।

याद करें कि कल गुरुग्राम में ओबीसी मोर्चा सर्व समाज समरसता की एक बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नायब सैनी ने ग्रुप ए और बी के पदों में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की घोषणा की है। उन्होंने यह भी घोषणा की है कि इसके अलावा क्रीमी लेयर के लिए वार्षिक आय सीमा छह लाख रुपये से बढ़ाकर आठ लाख रुपये की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से की जाने वाली भर्तियों में भी 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाएगा। क्या मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशें प्राप्त किए बिना जल्दबाजी में यह घोषणा की है?

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी पिछड़ा वर्ग के लिए नौकरियों में आरक्षण को मंत्रिमंडल से मंजूरी प्राप्त करने के बाद बढ़ा दिया था l उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि 8.55 पर एक प्रेस नोट जारी किया गया था और इसे वापस ले लिया गया और 11.10 बजे संशोधित किया गया।

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