टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत सर्वे में गुरूग्राम जिला के 18 गांव पाए गए टीबी मुक्त …….

– एडीसी हितेष कुमार मीणा ने किया सम्मानित

अभियान को जन-आंदोलन का रूप देकर टीबी के बारे में जागरूकता पैदा करे स्वास्थ्य विभाग : एडीसी

गुरूग्राम, 24 जून। टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 तक जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में किए गए सर्वे के अनुसार गुरूग्राम जिले के 18 गांव टीबी मुक्त पाए गए। जिसको लेकर एडीसी हितेष कुमार मीणा ने सोमवार को लघु सचिवालय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में संबंधित पंचायत के सरपंचों को प्रशंसा पत्र व महात्मा गांधी की कांस्य प्रतिमा देकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एडीसी ने कहा कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान को उच्च प्राथमिकता देना तथा इस अभियान को जन-आंदोलन बनाना सभी नागरिकों का कर्तव्य है, क्योंकि टीबी हमारे देश में अन्य सभी संक्रामक बीमारियों से सबसे अधिक मृत्यु का कारण है। उन्होंने कहा कि भारत की आबादी विश्व की आबादी से 20 प्रतिशत से थोड़ा कम है लेकिन विश्व के कुल टीबी मरीजों का 25 प्रतिशत से अधिक है। यह चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों के अनुसार सभी देशों ने 2030 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य तय किया है, लेकिन भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है और इस संकल्प को पूरा करने के लिए जिला में प्रत्येक स्तर पर प्रयास किए जाएं। एडीसी ने कहा कि इस अभियान को जन-आंदोलन बनाने के लिए लोगों में टीबी के बारे में जागरूकता पैदा करनी होगी। उन्हें बताना होगा कि इस बीमारी की रोकथाम संभव है। इसका इलाज प्रभावी और सुलभ है तथा सरकार इस बीमारी की रोकथाम और उपचार के लिए निःशुल्क सुविधा प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि कुछ रोगियों और समुदायों में इस बीमारी को लेकर हीन भावना है और लोग इस बीमारी को कलंक के रूप में देखते हैं। यह भ्रम दूर करना होगा। सभी को यह जानकारी होनी चाहिए कि टीबी के कीटाणु हर व्यक्ति के शरीर में मौजूद होते हैं। किसी कारणवश जब किसी व्यक्ति की रोग-प्रतिरोधी क्षमता कम हो जाती है तो व्यक्ति में यह रोग दिखता है। इलाज से इस बीमारी से जरूर छुटकारा मिल सकता है। ये सभी बातें लोगों तक पहुंचनी चाहिए, तभी टीबी से प्रभावित लोग इलाज की सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।

बैठक में सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र यादव ने बताया कि टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत किए गए सर्वे में गांव में जाकर प्रत्येक 1000 व्यक्ति पर 30 लोगों का सैंपल टेस्ट किया गया था। जिसमें से यह पता लगाया जा सके कि गांवों में कितने टी बी के मरीज हैं इन 18 गांव में सर्वे के दौरान जांच में कोई भी मरीज टीबी की बीमारी से ग्रस्त नहीं पाया गया। जिसको लेकर आज इन्हें महात्मा गांधी की कांस्य प्रतिमा देकर सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अगले दो वर्ष में सर्वे के दौरान भी यदि ये पंचायत टीबी मुक्त पाई जाती तो दूसरे व तीसरे वर्ष इन्हें महात्मा गांधी की सिल्वर व गोल्ड प्लेटेड प्रतिमा देकर सम्मानित किया जाएगा।

बैठक में जिला में अभियान के नोडल अधिकारी डॉ केशव ने बताया कि जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वयं के स्तर व विभिन्न एनजीओ के माध्यम से जिला के ग्रामीण इलाकों में बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए समय समय पर गांवों में कैंप लगाए जा रहे हैं। साथ ही युवाओं को भी नशे जैसी बुराइयों से दूर रखने के लिए प्रयास कर रहे हैं। टीबी रोगियों को पोषण योजना के तहत हर महीने पोषाहार भी दिया जा रहा है। ताकि दवा के साथ पोषाहार से रोगियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास हो। इसके अलावा रोगियों की ट्रेसिंग भी जा रही है और उन्हें प्रतिदिन दवा देने का रिकॉर्ड भी अपडेट किया ज रहा है।

सम्मानित होने वाली जिला की 18 ग्राम पंचायतें

सोहना ब्लॉक में बेहलपा, महेंद्रवाड़ा, खूंटपूरी, दोहला, किरणकी खेड़ली, फर्रुखनगर ब्लॉक से खेंटावास, धानावास, सैदपुर व पटौदी ब्लॉक से तुरकापुर, घिलनावास, महनियावास, दरापुर, ढाणी चित्रसेन, दौलताबाद कुणी, शैयद शाहपुर, ग्वालियर, खेड़की व तुरकापुर।

इस अवसर पर पटौदी की एसएमओ डॉ नीरू यादव, फर्रुखनगर की एसएमओ डॉ कृष्णा मलिक, बीडीपीओ नरेश कुमार, डब्लूएचओ कंसल्टेंट डॉ कृतिका, डॉ अरुण कुमार, सरपंच निशा कुमारी, मंजूबाला, सरिता कुमारी, पंकज सुरेश कुमार, रामपाल व संबंधित ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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