हरियाणा में  सीएम नायब सैनी सरकार को हो चुके 100 दिन

167 दिन पहले किया गया दावा एससी वार्ड आरक्षण पर लिया संज्ञान

गुरुग्राम – मानेसर नगर निगम में एससी वार्ड आरक्षण में अनियमितता

फतह सिंह उजाला 

गुरुग्राम । भाजपा नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार बनने के बाद सरकार के कामकाज किए जाने के लिए 100 दिन का एजेंडा बताया जाता आ रहा है। इतना ही नहीं सरकार के कामकाज के 100 दिन पूरे होने के उपलक्ष पर किए गए कार्यों का भी खूब प्रचार प्रसार किया जाता है । लेकिन हरियाणा में 9 वर्ष से अधिक समय तक सत्ता संभालने वाले पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के स्थान पर सीएम बने बनाए गए नायब सैनी सरकार के 100 दिन का एजेंडा, 100 दिन का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी पहली ही बना हुआ है । यह बात पूर्व एमएलए स्वर्गीय भूपेंद्र चौधरी की पुत्री कांग्रेस नेत्री सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट श्रीमती पर्ल चौधरी ने कही।

उन्होंने नायब सैनी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर शुभकामनाएं देते हुए सवाल किया क्या दलितों को अधिकार दिया जाना नायब सैनी सरकार के एजेंडा का हिस्सा नहीं है ? श्रीमती चौधरी ने गुरुग्राम और मानेसर नगर निगम में अनुसूचित जाति के वार्ड आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर से उठाते हुए सीएम  सैनी का ध्यान आकर्षित किया है । उन्होंने कहा दलितों के हक हकूक का यह मामला पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के दूसरे कार्यकाल में भी उठाया गया । 5 जनवरी 2024 को प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री  मनोहर लाल खट्टर के तत्कालीन ओएसडी जवाहर यादव  ने सार्वजनिक घोषणा की थी कि तत्कालीन मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को संज्ञान में ले लिया है। उस दिन से आज तक 167 दिन बीत चुके हैं , लेकिन अब तक नायब सैनी की सरकार ने सिर्फ आश्वासनों के अलावा कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया है। जबकि मुख्यमंत्री पद की शपथ लिए हुए भी 100 दिन का कार्यकाल पूरा किया जा चुका है। मुख्यमंत्री सैनी के द्वारा भी क्लेम किया है की जो भी कागज आपके हाथ में आ जाता है । उस पर तत्काल अफसर को कार्रवाई के लिए भेज दिया जाता है ।

इसी संदर्भ में, हरियाणा का दलित समाज के सवाल भी है । कांग्रेस नेत्री श्रीमती पर्ल चौधरी ने पूछा गुड़गांव नगर निगम के वार्डबंदी में एक सोंची समझी साजिश के तहत पिछले दो सालों में जो चालबाजी किया गया , वह कागज अब तक आपके हाथ में क्यों नहीं पहुंचा  ? अगर पहुंचा है तो फिर आपने उस पर अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की है ? गुड़गांव नगर निगम में दलित आरक्षण को संविधानसम्मत 20 प्रतिशत से घटाकर जो 8.33 प्रतिशत किया गया है। उसे दुरुस्त करने में आपकी सरकार और कितना समय लगाएगी ?  उम्मीद है कि आपकी सरकार अपनी इस गलती को सुधारेगी और 36 वार्ड वाले गुड़गांव नगर निगम में दलित समाज के लिए 7 वार्डों में हिस्सेदारी बहाल करेगी । परिवार पहचान पत्र के फार्मूले के माध्यम से दलित समाज के हिस्सेदारी को हड़पने का जो माया जाल बिछाया गया था उसके लिए जिम्मेदार अफसरों और कमिटी के सदस्यों पर कब करवाई की जाएगी ? वार्ड बंदी के नाम पर अब तक जितनी भी मीटिंग हुई है , उसके लिए जितना भी सरकारी टैक्स का पैसा खर्च हुआ है । उसे उन अधिकारियों से कब तक वसूला जाएगा ? मानेसर नगर निगम के 20 वार्डों में भी मौजूदा 15 प्रतिशत हिस्सेदारी को 20 प्रतिशत किया जाए।

उन्होंने कहा लोकसभा चुनावों में बाबा साहब अंबेडकर के अनुयायियों ने दुनिया की सबसे बड़ी पॉलीटिकल पार्टी बीजेपी और नेताओं को  लोकतांत्रिक शक्ति का एहसास करवा दिया है।गुरुग्राम जो अब  कूड़ाग्राम में  तब्दील हो गया है। उसके गौरव को वापिस क्लेम करने का सबसे उम्दा तरीका दलित आरक्षण को  संविधान सम्मत नगर निगम में बहाल करवाते हुए लोकतांत्रिक तरीके से जल्द से जल्द निगम चुनाव का करवाना है । इसके अलावा स्थानीय स्तर पर विकास से लेकर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना और स्वच्छता जैसे मुद्दों पर बाकी सारे तरीके खोखले साबित होंगे। 

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